Rain Season: बारिश के सीजन में स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है. बारिश के मौसम में जल प्रदूषण का खतरा बढ़ जाता है, जिससे संक्रमण का डर रहता है. ऐसे में सीजन में तांबे के बर्तन में पानी पीना लाभदायक हो सकता है. आयुष मंत्रालय के अनुसार, "ताम्र जल न केवल शरीर को चुस्त-दुरुस्त रखता है, बल्कि कई बीमारियों से भी बचाव करता है. यह अमृत के समान है." मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान (एमडीएनआईवाई) के निदेशक डॉ. काशीनाथ सामगंडी बताते हैं कि ताम्र जल प्राकृतिक रूप से शुद्ध होता है और ये हमें हानिकारक सूक्ष्मजीवों से बचाता है.
ताम्र जल से पाचन तंत्र भी होता है मजबूत
ताम्र जल एक सुरक्षित और आयुर्वेदिक उपाय है. तांबे में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो पानी में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया को नष्ट करते हैं और पानी को शुद्ध बनाते हैं. तांबे के बर्तन का पानी शुद्ध होता है और यह शरीर से विषाक्त पदार्थों (टॉक्सिन) को बाहर निकालने में मदद करता है, जिससे शरीर स्वस्थ और मन तरोताजा रहता है. तांबे के बर्तन में पानी पीने से पाचन तंत्र भी मजबूत होता है.
यह भोजन को बेहतर ढंग से पचाने में सहायता करता है और पेट संबंधी समस्याओं जैसे कब्ज, वात और अपच से राहत दिलाता है. इसके अलावा, यह पानी किडनी की सेहत के लिए भी लाभकारी है. यह किडनी स्टोन के खतरे को कम करता है और किडनी को सुचारू रूप से काम करने में मदद करता है.
त्रिदोष को संतुलित करता है तांबे का पानी
आयुर्वेद में भी तांबे के बर्तन में पानी पीने की सलाह दी जाती है. आयुर्वेद के अनुसार, तांबे का पानी शरीर में त्रिदोष (वात, पित्त, कफ) को संतुलित करता है, जिससे स्वास्थ्य बेहतर होता है. तांबे के बर्तन में रातभर पानी रखकर सुबह खाली पेट पीना सबसे अच्छा होता है. हालांकि, बर्तन की नियमित सफाई जरूरी है, ताकि उसमें जंग न लगे.
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