राजस्थान विधानसभा उपचुनाव 2024: राजनीतिक दलों के साथ-साथ अब चुनाव आयोग ने भी शुरू की तैयारी, EVM जांच का फर्स्ट फेज कंप्लीट

Rajasthan Assembly By-Elections 2024: राजस्थान विधानसभा की 6 रिक्त सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तैयारियों में राज्य निर्वाचन आयोग भी जुट गया है. बुधवार को निर्वाचन अधिकारी ने सभी 6 जिलों के अधिकारियों के साथ मीटिंग कर जरूरी निर्देश दिए.

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Rajasthan Assembly By-Elections 2024: राजस्थान में विधानसभा की 6 सीटों पर उपचुनाव होना है. इसके लिए भाजपा, कांग्रेस के साथ-साथ अन्य सभी राजनीतिक दलें अपनी-अपनी तैयारी में जुटी है. राजनीतिक दलों के साथ-साथ चुनाव आयोग भी विधानसभा उपचुनाव की तैयारियों में जुट गया है. इसके लिए बुधवार को जयपुर में 6 जिलों के अधिकारियों के साथ मुख्य निर्वाचन अधिकारी की बैठक हुई. वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई मीटिंग में उपचुनाव की तैयारियों का जायजा गया. 

उपचुनाव वाले सभी 6 जिलों के अधिकारियों के साथ मीटिंग

बैठक में राजस्थान के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने अधिकारियों से कहा कि राजस्थान विधानसभा की 6 रिक्त सीटों पर होने वाले उपचुनाव की अग्रिम तैयारियां समय से पहले सुनिश्चित करें. निर्वाचन विभाग के मुख्यालय के आयोजित इस बैठक में सभी 6 जिलों के जिला निर्वाचन अधिकारियों, उप जिला निर्वाचन अधिकारियों, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों और रिक्त विधानसभा सीटों के रिटर्निंग अधिकारी भी शामिल हुए. 

होम वोटिंग की सुविधा को व्यापक करने के निर्देश

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हुई बैठक में विशेष रूप से मतदान केंद्रों के आवश्यकता के अनुसार गठन, नव-मतदाताओं को मतदाता सूचियों में पंजीकरण और फिर मतदान के लिए प्रेरित करने, बुजुर्ग मतदाताओं और दिव्यांग जनों के लिए होम वोटिंग की सुविधा को अधिक व्यापक बनाने पर फोकस करने के सुझाव दिए. 

निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि संबंधित जिला और विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचन अधिकारी चुनाव से संबंधित सभी जरूरतों को समय पूर्व आकलन कर लें, ताकि भारत निर्वाचन आयोग की ओर से अधिसूचना जारी होने पर चुनाव प्रक्रिया का बेहतरीन प्रबंधन और सहज संचालन हो सके. 

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कोई भी पात्र वोटर मतदाता सूची से बाहर नहीं हो

उन्होंने कहा कि मतदाता सूचियों के पुनरीक्षण कार्य में स्थानीय स्तर पर बीएलओ सहित अन्य संबंधित अधिकारी सावधानी बरतें और यह सुनिश्चित करें कि कोई भी पात्र व्यक्ति मतदाता सूची से बाहर न रहे. इस दौरान सूचियों से नाम हटाने की प्रक्रिया को अतिरिक्त सावधानी से सम्पन्न करें, ताकि किसी भी मतदाता या उसके परिवार का नाम गलत तरीके या कारण से सूची से न कट जाए. 

युवाओं के नाम जोड़ने के लिए शिक्षण संस्थाओं में प्रचार

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि मतदाता पंजीकरण की प्रक्रिया का फोकस नव मतदाता पर होना चाहिए. इसके लिए विश्वविद्यालयों, कॉलेजों सहित उच्च शिक्षण संस्थाओं में वोटर हेल्पलाइन एप (वीएचए) को प्रचारित करें. साथ ही, युवा मतदाताओं के बीच इस तथ्य का भी व्यापक प्रचार-प्रसार करें कि मतदान करने के लिए मतदाता सूची में नाम होना आवश्यक है, मतदाता पहचान-पत्र (एपिक) नहीं होने अथवा सूची में नया नाम जुडने पर पहचान-पत्र जारी नहीं होने की स्थिति में भी 12 वैकल्पिक पहचान दस्तावेजों में से किसी एक की सहायता से मतदान किया जा सकता है. 

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होम वोटिंग सुविधा पर विशेष फोकस

बैठक में बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं के लिए निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार उपलब्ध कराई जाने वाली होम वोटिंग की सुविधा को अधिक व्यापक बनाने पर जोर दिया. मतदान में सभी की भागीदारी बढ़ाने के क्रम में यह जरूरी है कि घर-घर सर्वे के दौरान भी होम वोटिंग के संदर्भ में प्रचार-प्रसार किया जाए. 

जिला और विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचन अधिकारी इस तथ्य पर ध्यान दें कि ऐसे बुजुर्ग अथवा दिव्यांग मतदाता हो सकते हैं, जिन्होंने पिछले विधानसभा या लोकसभा चुनाव के दौरान होम वोटिंग के विकल्प को नहीं चुना हो, लेकिन इस बार वे इस सुविधा का उपयोग करना चाहें. ऐसे मतदाताओं को होम वोटिंग के लिए विकल्प अवश्य दिया जाना चाहिए. 

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सहायक मतदान केन्द्रों का गठन

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार संबंधित 6 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान केंद्रों के आवश्यकता के अनुरूप गठन के प्रस्ताव समय से पूर्व तैयार करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि निर्धारित संख्या से अधिक मतदाताओं वाले बूथों की पहचान कर सहायक मतदान केंद्रों के गठन की प्रक्रिया पूरी की जाए. 

जरूरत होने पर नए मतदान केंद्र के लिए आयोग के निर्देशों के अनुरूप भवन सहित अन्य व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं. संवेदनशील मतदान केंद्रों की पहचान कर उनके लिए विशेष संसाधनों और अन्य जरूरतों की पूर्ति सुनिश्चित की जाए. 

ईवीएम मशीनों की फर्स्ट स्टेज जांच हुई पूरी

बैठक में निर्वाचन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि उपचुनाव के लिए ईवीएम मशीनों की प्रथम स्तरीय जांच (एफ़एलसी) पांच जिलों में पूर्ण हो चुकी है, जबकि सलूंबर विधानसभा के लिए उदयपुर वेयर हाउस में जांच चल रही है, जो 30 अगस्त तक पूरी कर ली जाएगी.

संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान कर गश्ती बढ़ाने की बात

इन क्षेत्रों में सभी संचार विहीन मतदान केन्द्रों  की पहचान कर वैकल्पिक संचार व्यवस्था सुचारू करवाने के निर्देश दिए. साथ ही, चुनावी खर्चों के लिहाज से संवेदनशील विधानसभा क्षेत्रों एवं पॉकेट्स की भी पहचान कर गश्ती दलों की संख्या निर्धारित की जाए. 

जिला स्तर पर मीडिया सेल के साथ-साथ सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल को भी सक्षम बनाने और कंट्रोल रूम में प्राप्त शिकायतों के प्रभावी एवं समयबद्ध निष्पादन की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. 

टोंक और डूंगरपुर के आरओ ने दिया प्रजेंटेशन

जिला निर्वाचन अधिकारी टोंक डॉ. सौम्या झा और डूंगरपुर के जिला निर्वाचन अधिकारी अंकित कुमार सिंह ने विधानसभा उपचुनाव के संदर्भ में नामांकन करने, नामांकन पत्रों की जांच और नाम वापस लेने सहित कानून-व्यवस्था से संबंधित विभिन्न प्रक्रियाओं एवं चरणों पर प्रस्तुतीकरण दिए.

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