
राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 में 115 सीट जीतकर सत्ता के करीब पहुंची भाजपा धौलपुर जिले में चारों खाने चित हो गई है. धौलपुर, राजाखेड़ा एवं बसेड़ी में कांग्रेस को शानदार जीत मिली है. बाड़ी विधानसभा क्षेत्र में विगत तीन चुनाव से दबदबा बनाए गिर्राज सिंह मलिंगा को जसवंत सिंह गुर्जर बीएसपी के सामने करारी हार का मुंह देखना पड़ा है.
माना जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के चहेतों को टिकट नहीं देना बीजेपी को जिले की चारों विधानसभा सीट पर करारी हार की वजह है. भाजपा आलाकमान ने टिकट वितरण में वसुंधरा समर्थकों को दरकिनार किया था. जिसका नतीजा रहा, जिले के चारों सीट में भाजपा प्रत्याशी खुद तक सिमट कर रह गए. लिहाजा सीधा सियासी फायदा कांग्रेस को मिला है.
राजाखेड़ा में वसुंधरा समर्थकों का काटा टिकट
राजाखेड़ा विधानसभा क्षेत्र में वसुंधरा समर्थक टिकट की दावेदारी कर रहे थे. पूर्व जिला प्रमुख डॉ. धर्मपाल सिंह जादौन, नागेंद्र सिंह चौहान व बचाराम बघेल वसुंधरा राजे गुट के नेता माने जाते हैं. तीनों नेता टिकट की दावेदारी कर रहे थे. डॉ. जादौन ने भाजपा से बगावत कर बसपा से टिकट लेकर नामांकन भी दाखिल किया था, लेकिन आलाकमान के दवाब की वजह से एन वक्त पर नामांकन वापस ले लिया था.
धौलपुर में फिर साली रही जीजा पर भारी
धौलपुर विधानसभा क्षेत्र की जीजा साली की सबसे चर्चित सीट रही थी. विगत 2018 के चुनाव की तरह इस बार भी साली शोभारानी कुशवाहा कांग्रेस ने जीजा डॉ शिवचरण कुशवाहा भाजपा को कड़ी टक्कर देकर तीसरे नंबर पर धकेल दिया. धौलपुर सीट पर शोभारानी कुशवाहा कांग्रेस व रितेश शर्मा बीएसपी के मध्य मुकाबला रहा. जीजा डॉ कुशवाहा तीसरे नंबर पर रहे हैं. धौलपुर में हुई भाजपा की हार की वजह राजनीतिक जानकार भाजपा की अंदरूनी बगावत मान रहे हैं हैं.
बाड़ी में सीधे मुकाबले ने मलिंगा का बिगाड़ा खेल
बाड़ी विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस को गिर्राज सिंह मलिंगा का टिकट काटना इतना भारी पड़ा कि कांग्रेस की जमानत जब्त हो गई. गिर्राज सिंह मलिंगा भाजपा व जसवंत सिंह गुर्जर के मध्य सीधा मुकाबला देखा गया. कांग्रेस प्रत्याशी प्रशांत सिंह परमार जमानत तक नहीं बचा सके बाड़ी सीट पर गिर्राज सिंह मलिंगा भाजपा व जसवंत सिंह गुर्जर BSP के मध्य मुकाबला रहा है. अंततः जसवंत सिंह गुर्जर ने पुरानी तीन हार का बदला लेते हुए गिर्राज सिंह मलिंगा को 27000 से अधिक मतों से मात दी है.
संजय जाटव कांग्रेस ने जीतकर सबको चौकाया
आरक्षित सीट बसेड़ी कांग्रेस के लिए सबसे चुनौती पूर्ण एवं गफलत भरी देखी जा रही थी. सचिन पायलट गुट के खिलाड़ी लाल बैरवा ने टिकट कटने के बाद बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ा था, लेकिन खिलाड़ी लाल बेरवा कांग्रेस के पारंपरिक वोट को काटने में नाकाम साबित रहे है. संजय कुमार जाटव ने जीत दर्ज कर सबको चौकाया है.
माली समाज ने पहली मर्तबा कांग्रेस को किया बंफर वोट
धौलपुर जिले के चारो विधानसभा क्षेत्र में माली समाज का मतदाता भारी तादाद में दखल रखता है. शोभारानी कुशवाहा को माली व कुशवाहा समाज का नेता माना जाता है. शोभारानीके कांग्रेस में शामिल होने की वजह से जिले के चारों सीट में माली और कुशवाहा समाज के मतदाता का रुझान कांग्रेस की तरफ बढ़ गया. लिहाजा माली एवं कुशवाहा समाज ने कांग्रेस के पक्ष में चारों सीट पर बंफ़र वोट किया, जिसका नतीजा रहा कांग्रेस को तीन सीट पर फतह हासिल हुई है.
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