Rajasthan Politics: 'चुने हुए नुमाइंदों को हटाना हमारी परंपरा नहीं', BJP प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने MLA नौक्षम चौधरी को फटकारा

इस मामले की गंभीरता को समझते हुए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने तुरंत एक्शन लिया. उन्होंने नौक्षम चौधरी से इस बयान पर स्पष्टीकरण मांगा है. राठौड़ ने साफ कहा कि नौक्षम चौधरी को बुलाया गया है और उन्हें सार्वजनिक मंच पर कैसे बोलना है, यह समझाया जाएगा.

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कामां विधायक नौक्षम चौधरी के बयान से बीजेपी असहज, पार्टी प्रदेश अध्यक्ष ने मांगी सफाई.

Rajasthan News: राजस्थान के डीग जिले की कामां विधायक नौक्षम चौधरी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह कहकर सियासी गलियारों में हलचल मचा दी कि कांग्रेस के प्रधान को हटाकर बीजेपी समर्थित व्यक्ति को प्रधान बना देना चाहिए. इस बयान के बाद बीजेपी और कांग्रेस, दोनों में हंगामा मच गया है. अब खुद बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ को सामने आकर सफाई देनी पड़ी है, जिन्होंने इस बयान को पार्टी की परंपरा और सिद्धांतों के खिलाफ बताया है. राठौड़ ने साफ कहा, 'किसी चुने हुए प्रतिनिधि को हटाना और किसी और को नियुक्त करना बीजेपी की न तो परंपरा है और न ही उसका आचरण. चुने हुए सरकारों को गिराने का काम तो हमेशा से कांग्रेस का रहा है.' इस बयान ने न सिर्फ नौक्षम चौधरी को मुश्किल में डाला है, बल्कि पार्टी के अंदर भी बेचैनी बढ़ा दी है.

नौक्षम चौधरी ने क्यों दिया यह बयान?

कामां और पहाड़ी में बीजेपी समर्थित उम्मीदवारों के प्रधान पद जीतने के बाद, विधायक नौक्षम चौधरी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. इस दौरान उन्होंने राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम पर बिना नाम लिए निशाना साधा था. उन्होंने सवाल उठाया कि नगर पंचायत में अभी भी कांग्रेस समर्थित प्रधान क्यों काम कर रहे हैं? नौक्षम चौधरी ने अपने बयान में कहा था, 'आप क्यों नहीं किसी बीजेपी समर्थित व्यक्ति को प्रधान बनाते हैं? आप सरकार में मंत्री हैं, आप खुद को सरकार कहते हैं. तो आपको यह भी करना चाहिए ताकि हम कह सकें कि कांग्रेस के प्रधान को हटाकर बीजेपी के कार्यकर्ता को प्रधान बना दिया गया है.' उनका यह बयान तुरंत सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और इसने पार्टी के अंदर एक असहज स्थिति पैदा कर दी. इस बयान ने न केवल बीजेपी को बैकफुट पर धकेला, बल्कि कांग्रेस को भी हमलावर होने का मौका दे दिया.

बीजेपी ने मांगा जवाब, 'गलती सुधारी जाएगी'

इस मामले की गंभीरता को समझते हुए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने तुरंत एक्शन लिया. उन्होंने नौक्षम चौधरी से इस बयान पर स्पष्टीकरण मांगा है. राठौड़ ने साफ कहा कि नौक्षम चौधरी को बुलाया गया है और उन्हें सार्वजनिक मंच पर कैसे बोलना है, यह समझाया जाएगा. उन्होंने कहा, 'अगर कोई कमी है, तो उसे सुधारा जाएगा.' यह एक तरह से विधायक को दी गई चेतावनी है, जो बताती है कि पार्टी उनके इस बयान से खुश नहीं है. मदन राठौड़ का यह बयान बीजेपी की उस छवि को बनाए रखने की कोशिश है, जिसमें पार्टी को हमेशा संवैधानिक और लोकतांत्रिक मूल्यों का सम्मान करने वाली बताया जाता है.

कांग्रेस हुई हमलावर, कहा- यह लोकतंत्र की हत्या

नौक्षम चौधरी के बयान को कांग्रेस ने हाथों-हाथ लिया है. राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने 'एक्स' पर लिखा, 'बीजेपी सत्ता का दुरुपयोग करके कैसे लोकतंत्र की हत्या करती है, ये समझने के लिए खुद बीजेपी विधायक को सुनिए. जो बात कांग्रेस पार्टी कह रही थी, वही अब सत्ताधारी दल की विधायक ने खुलेआम मान ली है.' उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी ने राजनीतिक बदले की भावना से चुने हुए प्रतिनिधियों को निशाना बनाकर संविधान और लोकतांत्रिक व्यवस्था की हत्या की है. डोटासरा ने नौक्षम चौधरी की सच्चाई बताने के लिए तारीफ भी की, लेकिन साथ ही चेतावनी दी कि इस तरह की स्वीकारोक्ति खतरनाक है. उन्होंने कहा कि अगर हर सरकार बदलने के बाद चुने हुए प्रतिनिधियों को हटाने की परंपरा बन गई, तो लोगों के वोटों का कोई मूल्य नहीं रह जाएगा.

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वहीं, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भी इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने 'एक्स' पर लिखा, 'कामां विधायक नौक्षम चौधरी ने बीजेपी की अलोकतांत्रिक और अनैतिक सोच को साफ कर दिया है. मैंने पहले भी कहा था कि यदि आप प्रधानों या अध्यक्षों को हटाना चाहते हैं, तो कानून के माध्यम से करें, एक-एक करके नहीं. उनके बयान ने अब भरतपुर में हुई बर्खास्तगी के पीछे की सच्चाई उजागर कर दी है. मंत्री और विधायक के बीच की लड़ाई भी खुलकर सामने आ गई है.'

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