क्या भाजपा से नाराज हैं वसुंधरा राजे? PM मोदी की बैठक सहित 3 बड़े मौकों पर दिखी नदारद, आखिर क्या है वजह

Rajasthan BJP Cold war: राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे अपनी पार्टी भाजपा से नाराज लग रही है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के शपथ ग्रहण के बाद से बीते 28 दिन में वसुंधरा भाजपा की बैठकों के साथ-साथ मंत्रिपरिषद के शपथ ग्रहण समारोह से नदारद दिखीं. इससे सियासी हलकों में वसुंधरा की नाराजगी की चर्चा है.

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Rajasthan BJP Cold war: राजस्थान का विधानसभा चुनाव जीतने के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) अब लोकसभा चुनाव (Lok sabha Election) की तैयारी में जुट गई है. पार्टी नेताओं की बैठक शुरू हो गई है. शुक्रवार को इसी कड़ी में राजधानी जयपुर के होटल राजस्थली में भाजपा की एक बड़ी बैठक हुई. इस बैठक में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी, राजस्थान प्रभारी अरुण सिंह, छत्तीसगढ़ प्रभारी ओम माथुर, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुनराम मेघवाल, कैलाश चौधरी, विधानसभा में सरकारी सचेतक जोगेश्वर गर्ग, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां, पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ सहित कई अन्य नेता मौजूद थे.

लेकिन इस बैठक में राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) शामिल नहीं हुई. राजस्थान में भाजपा की जीत और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Bhajan Lal Sharma) के शपथ ग्रहण के बाद से यह तीसरा मौका है, जब वसुंधरा राजे पार्टी की बैठक, मंत्रिपरिषद शपथ ग्रहण (Rajasthan Minister swearing in) समारोह में शामिल नहीं हुई. 

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पीएम मोदी की बैठक में भी शामिल नहीं हुई वसुंधरा राजे

वसुंधरा राजे के पार्टी बैठक में शामिल नहीं होने के बाद यह सवाल उठने लगा है कि क्या वसुंधरा राजे भाजपा से नाराज हैं? क्या राजस्थान भाजपा में कोई गुटबाजी चल रही है? वसुंधरा की गैरमौजूदगी के ये सवाल इसलिए भी उठ रहे है क्योंकि पूर्व सीएम ने पीएम मोदी की बैठक से भी किनारा किया था.

5 जनवरी को जब आईजी-डीजी कॉफ्रेंस में शामिल होने पीएम मोदी जयपुर पहुंचे थे, तब जयपुर आते ही उन्होंने पार्टी दफ्तर में नवनिर्वाचित विधायकों और पार्टी पदाधाकारियों के साथ ढाई घंटे तक बैठक की थी. लेकिन इस बैठक में भी वसुंधरा राजे शामिल नहीं हुई थी. 

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तब पारिवारिक वजहों को बताया गया था कारण

जयपुर भाजपा ऑफिस में हुई पीएम मोदी की पहली बैठक में वसुंधरा राजे के शामिल होने नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री झाबर सिंह ने बताया कि बैठक में सभी मंत्री-विधायक, पार्टी पदाधिकारी मौजूद रहे लेकिन पारिवारिक कारणों से वसुंधरा राजे बैठक में मौजूद नहीं थीं. मंत्री झाबर सिंह से जब वसुंधरा के शामिल नहीं होने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि कुछ पारिवारिक कारणों से वह नहीं आ सकीं. 

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30 दिसंबर को मंत्रिपरिषद के शपथ ग्रहण में नहीं दिखी थी राजे

5 जनवरी को हुई पीएम मोदी की बैठक से पहले 30 दिसंबर को राजस्थान मंत्रिपरिषद शपथ ग्रहण समारोह में भी वसुंधरा राजे शामिल नहीं हुई थी. मंत्रिपरिषद में भी वसुंधरा गुट के नेताओं को बहुत कम स्थान दिया गया है. 30 दिसंबर को मंत्रिपरिषद का शपथ ग्रहण, 5 जनवरी को पीएम मोदी की बैठक के बाद शुक्रवार 12 जनवरी लोकसभा चुनाव के लिए जयपुर में हुए भाजपा के बड़े बैठक से वसुंधरा राजे नदारद दिखीं. 

सीएम रेस में शामिल थी वसुंधरा, लेकिन भजनलाल बनाए गए मुख्यमंत्री

इन तीनों मौकों पर वसुंधरा के नदारद रहने से भाजपा में कोल्ड वॉर चलने की चर्चा शुरू हो गई है. सियासी जानकारों का कहना है कि राजस्थान में भजन लाल शर्मा को सीएम बनाए जाने के बाद से वसुंधरा खुद को अपेक्षित महसूस कर रही हैं. ऐसे में वो पार्टी बैठकों से दूरी बना रही है. मालूम हो कि वसुंधरा राजे राजस्थान में सीएम रेस में थी.लेकिन उन्हीं के हाथों से पर्ची खोलवाते हुए भाजपा ने पहली बार के विधायक भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाया था.  

इसके बाद 15 दिसंबर को मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा और डिप्टी सीएम दीया कुमारी और प्रेम चंद बैरवा के शपथ ग्रहण समारोह में वसुंधरा शामिल हुई थी. उस रोज वसुंधरा की एक तस्वीर भी खूब वायरल हुई थी जिसमें वो सीएम की कुर्सी पर बैठे भजनलाल शर्मा के सिर पर हाथ रखे नजर आई थी. लेकिन इसके बाद से वसुंधरा राजे पार्टी की गतिविधियों से दूर चल रही है. 

सीएम चेयर पर बैठे भजन लाल शर्मा को आशीर्वाद देतीं वसुंधरा राजे.

कही मजाक में कहे शब्द सच तो नहीं होने वाले

शुक्रवार को जयपुर में हुई बैठक में वसुंधरा राजे के शामिल नहीं होने के पीछे भी पारिवारिक वजहों को जिम्मेदार बताया गया है. बताया जा रहा है कि उनकी बहू की तबीयत खराब होने के कारण वे बैठक में नहीं आ पाई हैं. लेकिन तीन बड़े मौकों से वसुंधरा का गायब रहना भाजपा में गुटबाजी और अंतकर्लह की ओर इशारा कर रहे हैं. हालांकि यह ऐसा मुद्दा है जिसपर कोई भी कुछ बोल नहीं सकता. अब देखना होगा वसुंधरा कब अपने पुराने रौ में लौटती हैं या झालावाड़ में मजाक में कहे गए उनके शब्द अब मेरे रिटायरमेंट का समय हो गया है... सच साबित होता है. 

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