Rajasthan News: राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र में शनिवार को कांग्रेस विधायक रतन देवासी (Ratan Dewasi) ने फर्जी आधार कार्ड (Fake Aadhar Card) बनाने का मुद्दा जोरशोर से उठाया. उन्होंने कहा कि प्रदेश में 200-200 रुपये देकर बच्चों के फिंगर प्रिंट खरीदे जा रहे हैं. आधार कार्ड बनाते वक्त गड़बड़ियां हो रही हैं. हाथों के निशान की जगह पैरों के निशान लिए जा रहे हैं. स्टिंग ऑपरेशन के बाद सरकार जागी जरूर है, मगर इस मामले में कार्रवाई तेजी से नहीं हो रही है. इस तरह के मामलों में एक टीम बनाकर सर्च ऑपरेशन कराने की जरूरत है.
स्पीकर ने लिया संज्ञान
रानीवाड़ा विधायक की इस मांग को स्पीकर वासुदेव देवनानी ने भी गंभीरता से लिया. उन्होंने राज्य सरकार को निर्देश देते हुए कहा, 'यह विषय बहुत गंभीर है. यह सीधे तौर पर राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हुआ है. ऐसे आधार कार्डों की जांच होनी चाहिए. सरकार इसे गंभीरता से ले रही है, लेकिन इस दिशा में कार्रवाई की गति बढ़ाने की जरूरत है, ताकि ऐसे फर्जी आधार कार्ड बना रहे संचालकों के खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई हो सके. इससे जनता को राहत मिलेगी, और ऐसे अपराधियों के बढ़ते हौंसले भी पस्त होंगे. सरकार को इस दिशा में कार्रवाई करते हुए सर्च ऑपरेशन चलाना चाहिए.'
पूरे साल के रिकॉर्ड होंगे चेक
इसके बाद संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा, 'सरकार ने पूर्व में कई आरोपियों को पकड़ा है और जेल में डाला है. मुकदमें दर्ज कराएं हैं, सीबीआई को भेजा है, और 14 मशीनों को डीएक्टिवेट किया है. पूरे बाड़मेर, जालोर, सांचौर में पुलिस और जिला कलेक्टर सक्रिय हैं. पूरे राजस्थान में जल्द ही सर्च ऑपरेशन चलाया जाएगा. इस दौरान सभी मशीनों की जांच होगी. पूरे साल में किसने कितने आधार कार्ड बनाए, किसके बनाए, सब जांचा जाएगा. चाहे वे ई-मित्र धारक हों या आधार कार्ड बनाने वाले, सबकी जांच होगी. इसमें जो भी दोषी पाया जाएगा, उसे सख्त से सख्त सजा देंगे.'
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