राजस्थान में 8 फीसदी बढ़े नशे में वाहन चलाने के मामले, सड़क दुर्घटना में पांचवे पायदान पर पहुंचा

राजस्थान के जयपुर में डंपर सड़क हादसे में सामने आया है कि डंपर चालक को शराब की लत है. वहीं जांच में पाया गया कि वह नशे की गहरी चपेट में था.

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जयपुर में डंपर सड़क हादसे में सामने आया है कि डंपर चालक को शराब की लत है.

Rajasthan News: राजस्थान की गुलाबी नगरी जयपुर में सोमवार को एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ था. जिसमें हरमाड़ा इलाके की लोहे मंडी में एक बेकाबू डंपर ट्रक ने सड़क पर खड़े 17 वाहनों को जोरदार टक्कर मार दी. इस भयानक दुर्घटना में 12 लोग मौके पर दम तोड़ बैठे जबकि 10 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गए. आंखों देखी हालात इतने भयावह थे कि आसपास के लोग दहशत में सन्न रह गए. क्या आपने कभी सोचा है कि एक पल की लापरवाही कितनी महंगी पड़ सकती है? यह हादसा हमें यही सबक दे रहा है.

प्रारंभिक जांच में चौंकाने वाले खुलासे

जयपुर पश्चिम के डीसीपी हनुमान प्रसाद मीणा ने बताया कि हादसे की जड़ डंपर चालक की शराब की लत है. जांच में पाया गया कि वह नशे की गहरी चपेट में था. पुलिस ने उसे फौरन गिरफ्तार कर लिया और वाहन को सीज कर दिया. मृतकों के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है ताकि सच्चाई सामने आ सके. वहीं घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कर इलाज चल रहा है. डॉक्टरों का कहना है कि कुछ की हालत नाजुक बनी हुई है. परिवारों का रो-रोकर बुरा हाल है. ऐसे में सवाल उठता है कि कब तक ऐसी लापरवाही से जिंदगियां दांव पर लगेंगी?

नशे में वाहन चलाने के मामले 8 फीसदी बढ़े

यह हादसा अकेला नहीं बल्कि एक बड़ी समस्या का हिस्सा है. राज्य में नशे की हालत में गाड़ी चलाने के केसों में तेजी से इजाफा हो रहा है. आंकड़ों से साफ है कि 2024 पूरे साल में 40,715 ऐसे मामले सामने आए जिनमें चालक शराब के नशे में पकड़े गए. लेकिन 2025 के सितंबर तक ही यह संख्या 43,788 पहुंच चुकी है. यानी पिछले साल की तुलना में करीब 8 प्रतिशत की उछाल. विशेषज्ञ कहते हैं कि जागरूकता अभियान और सख्त निगरानी की कमी से यह समस्या और गंभीर हो रही है.

राजस्थान सड़क मौतों में पांचवें पायदान पर

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की 2023 रिपोर्ट राजस्थान के लिए खतरे की घंटी बजा रही है. राज्य देशभर में सड़क दुर्घटनाओं के मामले में सातवें स्थान पर है जहां कुल 24,694 हादसे दर्ज हुए. राष्ट्रीय राजमार्गों पर यह आंकड़ा 7,179 तक पहुंचा जो नौवें नंबर पर है. सबसे दर्दनाक बात तो यह कि इन हादसों में 4,172 लोगों की जान चली गई. मौतों के लिहाज से राजस्थान पांचवां सबसे खतरनाक राज्य बन चुका है. 

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ब्लैक स्पॉट्स की अनदेखी

राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने 13 मार्च को संसद में पेश रिपोर्ट में राजस्थान के 954 ब्लैक स्पॉट्स का जिक्र किया. ये वे जगहें हैं जहां हादसों का खतरा हमेशा मंडराता रहता है. लेकिन दुखद यह कि इनमें से सिर्फ 238 पर ही मरम्मत का काम पूरा हो सका. बाकी पर अभी भी सन्नाटा पसरा है. परिवहन विभाग ने राज्य की सामान्य सड़कों पर भी 118 ऐसे संवेदनशील बिंदु चिन्हित किए हैं. अगर समय रहते इन्हें ठीक न किया गया तो हादसे और बढ़ेंगे.

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