Rajasthan News: आज देश तरक्की की राह पर है, लेकिन कुछ ऐसे मामले आज भी देखने को मिलते हैं जो सरकार के लिए चिंता का विषय है. ऐसा ही मामला बांसवाड़ा जिले से सामने आया है. जहां चोरी-छिपे सरकार की नजरों से बचकर अभी भी बाल विवाह होने के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. रविवार को जिले में 2 जगहों पर बाल विवाह का आयोजन हो रहा था. जिसकी सूचना जिला प्रशासन और चाइल्ड हेल्प लाइन (Child Help Line) को समय रहते मिल गई. जिसपर उनको मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने रुकवाए.
उम्र पूरी होने तक विवाह करने के लिए पाबंद
चाइल्ड हेल्पलाइन के जिला समन्वयक मनीष खदाव ने बताया कि जिला बल सरंक्षण इकाई द्वारा संचालित चाइल्ड हेल्प लाइन 1098 पर बाल विवाह होने की सूचना पर महिला एवं बाल विकास विभाग सहायक निदेशक हेमेंद्र कुमार और अरथूना तहसीलदार नरेंद्र चौधरी से संपर्क किया गया और उनके निर्देशानुसार टीम गठित कर टामटिया राठौर भेजा गया.
टीम ने विवाह स्थल पर जाकर परिजनों से लड़के के आयु संबंधित दस्तावेज मांगे. परिजनों द्वारा 10वीं की मार्कशीट उपलब्ध करवाई गई, जिसमें दूल्हे की डेट ऑफ बर्थ 23 फरवरी 2005 दर्ज थी. इस तरह लड़के की उम्र 19 वर्ष 3 माह होने से वह दूल्हा नाबालिग निकला. टीम द्वारा मौका पर्चा बनाकर परिजनों के हस्ताक्षर करवाए व 21 वर्ष की आयु पूरी होने पर विवाह करने के लिए पाबंद किया.
16 साल की लड़की की हो रही थी शादी
इसी तरह दूसरी सूचना अरथूना तहसील के आोडा गांव से मिली. टीम ने मौके पर पहुंच कर परिजनों से लड़की के आयु संबधित कागज मांगे. परिजनों ने लड़की का आधार कार्ड उपलब्ध करवाया, जिसमें लड़की की जन्म दिनांक 7 जून 2007 दर्ज थी इससे नाबालिग लड़की की आयु 16 वर्ष 11 माह हो रही थी. टीम द्वारा मौका पर्चा बनाकर परिजनों को पाबंद किया गया. टीम में पटवारी रितेश, महिला व बाल विकास विभाग के कर्मचारी, राहुल बुनकर चाइल्ड हेल्पलाइन, जयेश सुथार मौजूद थे.
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