
राजस्थान में बीते कुछ दिन से अशोक गहलोत के 5 साल बनाम भजनलाल शर्मा के डेढ़ साल पर सियासी बहस जारी है. इस बहस की शुरुआत उस समय हुई, जब सीएम भजनलाल शर्मा ने अब तक के अपने कार्यकाल में कामकाज को लेकर कांग्रेस को बहस की चुनौती दी थी. सीएम शर्मा ने कहा कि जितना काम गहलोत के 5 साल के कार्य में नहीं हुआ, उससे ज्यादा हमने डेढ़ साल में कर दिया. बड़ी बात है कि 2023 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत के बाद भजनलाल शर्मा मुख्यमंत्री बने हैं. पांच साल बनाम डेढ़ साल के कार्यकाल पर बहस के बीच कांग्रेस ने दावा किया कि सीएम भजनलाल शर्मा को हटाने की साजिश चल रही है. हालांकि, बीजेपी ने कांग्रेस के इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया.
पांच साल बनाम डेढ़ साल के कार्यकाल की बहस के बीच आज हम आपको राजस्थान के एक ऐसे नेता की कहानी बताएंगे, जो अब तक सबसे कम दिनों तक प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे. वह भी महज 15 दिन के लिए. इस नेता के सीएम बनने की कहानी एक एनकाउंटर से शुरू हुई थी.
1985 के चुनाव की कहानी
15 दिन के लिए सीएम बनने वाले राजस्थान के नेता की कहानी समझने के लिए मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर के पहले कार्यकाल को जानना जरूरी है. बात है राजस्थान में 1985 के चुनावी साल की. प्रदेश में उस समय कांग्रेस की सरकार थी. कांग्रेस के बड़े से बड़े नेता पूरी ताकत के साथ चुनाव प्रचार में जुटे हुए थे.
मान सिंह ने हेलीकॉप्टर में मारी टक्कर
मुख्यमंत्री शिवरण माथुर भी ताबड़तोड़ रैलियां कर रहे थे. डीग में सीएम की रैली के दौरान एक ऐसी घटना हुई, जिसने चुनाव को एक नया मोड़ दिया. दरअसल, उस समय मान सिंह डीग से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे थे और इस सीट पर कांग्रेस ने अपनी पूरी प्रतिष्ठा दांव पर लगा दी. 20 फरवरी 1985 को जैसे ही मुख्यमंत्री शिव चरण माथुर डीग में सभा करने के लिए पहुंचे तो मान सिंह ने मुख्यमंत्री के हेलीकॉप्टर को अपनी जीप से टक्कर मार दी. मानसिंह सात बार निर्दलीय विधायक रह चुके थे.
शिव चरण माथुर के इस्तीफे के बाद हीरालाल को मिली कुर्सी
लोगों के भारी विरोध और हार के डर से कांग्रेस आलाकमान ने शिवचरण माथुर से इस्तीफा लेना का फैसला किया. शिवचरण के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के बाद आनन फानन में कांग्रेस आलाकमान ने सीएम के लिए नया नाम तय किया. तुरंत राजस्थान के कुंभगढ़ में प्रचार कर रहे हीरालाल देवपुरा को आने की सूचना दी गई और बताया कि आपको मुख्यमंत्री पद की शपथ लेनी है. इस तरह जयपुर पहुंचकर हीरालाल देवपुरा राजस्थान के मुख्यमंत्री बने.
फिर सीएम बनने की उम्मीद पाले देवपुरा लगा झटका
हीरालाल देवपुरा के मुख्यमंत्री बनने के बाद जब विधानसभा चुनाव के परिणाम आए तो कांग्रेस को उम्मीद से ज्यादा सीटें मिली. मान सिंह की हत्या के तमाम विरोध के बावजूद राजस्थान की जनता ने कांग्रेस को पूर्ण बहुमत दिया. कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिलने पर हीरालाल देवपुरा फिर से सीएम बनने की उम्मीद पाले बैठे थे. हालांकि, दिल्ली से तभी संदेश आया कि आप इस्तीफा दे दीजिए, जोशी जी मुख्यमंत्री बनेंगे. इस तरह से हीरालाल देवपुरा ने मात्र 15 दिन तक सीएम रहने के बाद इस्तीफा दे दिया और हरिदेव जोशी राजस्थान के अगले मुख्यमंत्री बने.