Rajasthan News: 'हे राजस्थान के कांग्रेसियों! आप सब लोग मिलकर हिंदुओं का अपमान करने के लिए राहुल गांधी से इस्तीफा क्यों नहीं मांगते? अगर वो इस्तीफा नहीं देते हैं तो आपको हिंदू होने के नाते कांग्रेस छोड़ देनी चाहिए. इतना सब होने के बाद भी अगर आप कांग्रेस में रहकर अपने पूर्वजों का अपमान निरंतर करवा रहे हो तो इससे ज्यादा अपमान और इससे ज्यादा बावलापन क्या हो सकता है.' यह बयान राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर (Madan Dilawar) ने विधानसभा की कार्यवाही (Rajasthan Budget Session 2024) 10 जुलाई तक स्थगित होने के बाद दिया है.
'इस्तीफ दें और सदन में माफी मांगें'
भाजपा मंत्री मीडिया से रूबरू होकर विधानसभा में उनके इस्तीफे की मांग को लेकर हुए हंगामे वाले सवाल का जवाब दे रहे थे, क्योंकि इस विरोध के कारण सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी थी. नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने शिक्षा मंत्री के हाल ही में आदिवासियों के DNA को लेकर दिए गए विवादित बयान का जिक्र करते हुए सदन में कहा था, 'मुख्यमंत्री या पूरी भारतीय जनता पार्टी का कोई बयान इस पक्ष में नहीं आया कि मंत्री ने गलत शब्द कहे हैं. पूरे विपक्ष की यह मांग है कि मुख्यमंत्री, मदन दिलावर का इस्तीफा लें व मंत्री सदन में माफी मांगे.' इसके बाद दिलावर ने सदन में अपना पक्ष रखा था.
'आदिवासी हिंदू हैं और हिंदू ही रहेंगे'
विपक्ष की टोका टोकी के बीच शिक्षा मंत्री ने कहा था, 'आदिवासी समाज ने प्रकृति को बचाया है, पर्यावरण का संरक्षण किया है और हमारी संस्कृति को बनाए रखा है. आदिवासी समाज के बारे में कोई नकारात्मक चर्चा करना मेरे मन में कभी नहीं रहा. मेरी ऐसी कोई मंशा नहीं है कि मैं आदिवासी समाज के लोगों का सम्मान नहीं करूं या उनको ठेस पहुंचाउं. मैं आज भी उनको श्रद्धा से नमन करता हूं. समस्त आदिवासी मेरे लिए पूजनीय हैं. मुझसे पूछा गया था कि क्या आदिवासी हिंदू नहीं हैं? तो मेरा मंतव्य यह था कि हिंदू हैं और हिंदू ही रहेंगे. हम सब आदिवासी हैं. मैं आदिवासियों का सम्मान करता हूं. आदिवासी महापुरुषों को नमन करता हूं.'
दो बार स्थगित हुई सदन की कार्यवाही
जब मंत्री अपना बयान दे रहे थे तो कुछ विपक्षी सदस्यों ने उन्हें बाधित करने का प्रयास किया, जिसके बाद विपक्ष के सदस्यों ने दिलावर से माफी मांगने को कहा और नारेबाजी व हंगामा शुरू कर दिया. कई सदस्य सीटों से उठकर आसन के सामने आ गए. कुछ ने इस मुद्दे पर कागज भी दिखाने चाह. हालांकि अध्यक्ष ने इसकी अनुमति नहीं दी और सदस्यों को फटकार भरी लगाई. हंगामा नहीं थमने पर सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई. सदन जब आधा घंटे बाद दोबारा बैठा तो नेता प्रतिपक्ष ने मंत्री से माफी मांगने की मांग दोहराई. उन्होंने कहा कि मंत्री को माफी मांगनी चाहिए और मुख्यमंत्री को उनका इस्तीफा मांगना चाहिए. इसके बाद विपक्ष ने सदन की दिन की बाकी कार्यवाही से बहिर्गमन करने की घोषणा की.
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