Rajasthan News: राजस्थान की सियासत में किरोड़ी लाल मीणा (Kirodi Lal Meena) के मंत्री पद छोड़ने के बाद से ही खलबली मची हुई है. एक तरफ कांग्रेस (Congress) नेता इस इस्तीफे को सरकार की नाकामी बताकर सीएम भजनलाल शर्मा (Bhajanlal Sharma) को घेर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर जनता में इस सवाल की चर्चा तेज हो गई है कि किरोड़ी लाल मीणा का इस्तीफा स्वीकार होगा या नहीं? इन सब बयानों और चर्चाओं के बीच भाजपा नेता ने मीडिया से रूबरू होकर अपनी बात जनता का पहुंचाई है और कन्फ्यूजन दूर करने की कोशिश की है.
'मेरी सीएम या संगठन से नाराजगी नहीं'
राजस्थान के मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद भाजपा नेता किरोड़ी लाल मीणा ने कहा, 'मेरी ना तो मुख्यमंत्री से नाराजगी है, न ही संगठन से. जिस क्षेत्र में मैंने 40 वर्ष काम किया, वहां के लोग इस बहकावे में आ गए कि पीएम मोदी आरक्षण खत्म करेंगे. पीएम मोदी ने 2019 में आरक्षण 2029 तक बढ़ाया है. उन्होंने तो जनता के बीच जाकर यह तक कह दिया था कि साक्षात डॉ. भीमराव अंबेडकर भी आ जाएं तब भी मोदी आरक्षण के साथ किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ करने वाला नहीं है. लेकिन इसके बावजूद जिनकी मैं सतत सेवा करता था, उनके हर दुख-दर्द में संभालता रहा, हर जाति-हर वर्ग के लोगों की मदद करता रहा, वही लोग बहकावे में आकर मेरे विमुख हो गए और मैं अपने क्षेत्र में पार्टी को नहीं जीता सका. यह मेरी विफलता है.'
#WATCH जयपुर: भाजपा नेता किरोड़ी लाल मीणा ने राजस्थान के मंत्री पद से इस्तीफा देने पर कहा, "...मेरी न तो मुख्यमंत्री से और न ही संगठन से कोई नाराजगी है। जिस क्षेत्र में मैंने 40 वर्ष काम किया, वहां के लोग इस बहकावे में आ गए कि PM मोदी आरक्षण खत्म करेंगे... इस बहकावे में आकर लोग… pic.twitter.com/XwmxBqBHDi
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 4, 2024
एक नहीं दो बार भेजा सीएम को इस्तीफा
किरोड़ी लाल ने आगे कहा, 'मैंने चुनाव के दौरान घोषणा की थी कि अगर टोंक-सवाईमाधोपुर, धौलपुर, करौली, दौसा आदि सीटें हम हार गए तो मैं मंत्रिपद छोड़ दूंगा. मैंने वैसा ही किया. मैंने 5 जून को मुख्यमंत्री को इस्तीफा सौंपा था. उसके बाद मैंने उनसे मुलाकात की पर उन्होंने किसी भी स्थिति में इस्तीफा स्वीकार करने से इनकार कर दिया. साथ ही मुझसे पद पर बने रहने का आग्रह किया. ऐसे में मैंने उन्हें पोस्ट के माध्यम से अपना इस्तीफा दोबारा सौंप दिया. विधायक के नाते मैं अब भी विधानसभा तो जाऊंगा, पर जो सरकारी साधन जैसे- बंगला, गाड़ी आदि मैंने छोड़ दी हैं. करीब डेढ़ महीने से मैं अपने पर्सनल वाहन से ही ट्रैवल कर रहा हूं, और अपने निजी निवास पर रह रहा हूं. जब मैंने नैतिक दृष्टि से इस्तीफा दे दिया तो यह मेरी जिम्मेदारी बनती है कि अब मैं सत्ता के सुख छोड़कर उनका उपयोग न करूं.'
रघुकुल रीति सदा चलि आई।
— Dr.Kirodi Lal Meena (@DrKirodilalBJP) July 4, 2024
प्राण जाई पर बचन न जाई।।
(श्रीरामचरितमानस)
'किरोड़ी का इस्तीफा सरकार की नाकामी'
राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने किरोड़ी लाल मीणा के मंत्रिपद से इस्तीफे पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'भाजपा नेता का इस्तीफा इस सरकार की नाकामी है. उन्होंने जो कहा था वह किया. उन्होंने कहा था कि प्राण जाए पर वचन न जाए. उन्होंने यही कहा कि सरकार की नीतियों से जनता संतुष्ट नहीं है, जनता के हित में निर्णय नहीं हो रहे. वे काफी समय से दुविधा में थे, यह होना ही था.'
#WATCH जयपुर: राजस्थान विधानसभा विपक्ष के नेता एवं कांग्रेस नेता टीकाराम जूली ने भाजपा नेता किरोड़ी लाल मीणा के मंत्रिपद से इस्तीफे पर कहा, "किरोड़ी लाल मीणा का इस्तीफा इस सरकार की नाकामी है, उन्होंने जो कहा था वह किया। उन्होंने कहा था कि प्राण जाए पर वचन न जाए... उन्होंने यही… pic.twitter.com/XOWRJfA3K1
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 4, 2024
2 मंत्रियों में बांटे गए किरोड़ी के विभाग
फिलहाल किरोड़ी लाल मीणा की गैरमौजूदगी में सरकार ने उनके विभागों का प्रभार दो मंत्रियों में बांट दिया है. ऐसे में अगर विधानसभा के बजट सत्र में कोई विधायक किरोड़ी लाल मीणा के विभागों से जुड़े सवाल करता है तो उनके जवाब अब इन्हीं दो मंत्रियों को देने होंगे. इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिया गया है. नोटिफिकेशन के अनुसार ग्रामीण विकास विभाग और आपदा प्रबंधन, सहायता एवं नागरिक सुरक्षा विभाग का प्रभार अब राज्यमंत्री ओटाराम देवासी संभालेंगे. जबकि कृषि एवं उद्यानिकी विभाग, जन अभियोग निराकरण विभाग व पंचायती राज के अधीनस्थ कृषि विभाग का स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री केके विश्नोई संभालेंगे.'
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