इमरजेंसी सेवा पर लौटेंगे राजस्थान के रेजिडेंट डॉक्टर, चिकित्सा मंत्री से मुलाकात से बाद लिया फैसला

Rajasthan Doctor's Strike: कोलकाता की घटना के बाद बीते 9 दिनों से राजस्थान के रेजिडेंट डॉक्टर सुरक्षा के मसले पर हड़ताल पर हैं. बुधवार को स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर से मुलाकात के बाद रेजिडेंट डॉक्टर ने इमरजेंसी सेवा पर लौटने का ऐलान किया है.

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Rajasthan Doctor's Strike: कोलकाता की घटना के खिलाफ हड़ताल पर बैठे डॉक्टर. (फाइल फोटो)

Rajasthan Doctor's Strike: कोलकाता के आरजी कर हॉस्पिल में लेडी डॉक्टर से रेप के बाद हत्या की घटना से पूरे देश में उबाल है. इस घटना के बाद डॉक्टर अपनी सुरक्षा को मांग को लेकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. कई राज्यों में डॉक्टर हड़ताल पर हैं. कोलकाता में जिस तरह एक लेडी डॉक्टर के साथ दरिंदगी की गई, उसे देखते हुए डॉक्टर का विरोध-प्रदर्शन स्वभाविक नजर आता है. लेकिन डॉक्टर की हड़ताल के कारण स्वास्थ्य व्यवस्था बुरी तरह से चरमरा गई है. राजस्थान में भी डॉक्टर 9 दिन से हड़ताल पर हैं. राजस्थान में डॉक्टर की हड़ताल के कारण लोगों का इलाज नहीं हो पा रहा है.

राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री ने डॉक्टरों से की मुलाकात

लोगों की इस परेशानी को देखते हुए प्रदेश के चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने बुधवार को हड़ताल पर बैठे रेजिडेंस डॉक्टर से मुलाकात की. चिकित्सा मंत्री से मुलाकात के बाद रेजिडेंट डॉक्टरों ने इमरजेंसी सेवा पर लौटने की घोषणा की. स्वास्थ्य मंत्री से हुई बातचीत के बाद बताया गया कि इमरजेंसी सेवा शुरू होगी हालांकि ओपीडी से अभी रेजिडेंट डॉक्टर दूर ही रहेंगे. 

डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए मेडिकल कॉलेज स्तर पर बनेगी कमेटी

स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर से रेजिडेंट डॉक्टरों की मुलाकात के बाद बताया कि डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर मेडिकल कॉलेज के स्तर पर कमेटी बनेगी. जो सुरक्षा एवं आवश्यक सुविधाओं के संबंध में जांच कर अपनी रिपोर्ट देगी. इसके अलावा चिकित्सा मंत्री ने डॉक्टर को यह आश्वासन दिया कि सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने के लिए राज्य सरकार केंद्र को पत्र लिखेगी.

हॉस्पिटलों के संवेदशील स्थानों पर कांस्टेबल होंगे तैनात

इस मुलाकात के दौरान मंत्री की ओर से यह भी दावा किया गया कि डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे. चिकित्सालयों के संवेदनशील स्थानों पर कांस्टेबल तैनात किए जाएंगे. महिला डॉक्टर के आवागमन में दिक्कत न हो इसलिए पुलिस गश्त बढ़ाई जाएगी. परिसर के पास नशाखोरी, धूम्रपान पर रोक लगाई जाएगी.

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अस्पताल के बाहरी क्षेत्र में अतिक्रमण हटाया जाएगा. अतिक्रमण दुबारा न हो यह सुनिश्चित किया जायेगा. सभी कॉलेज में मेंटल हेल्थ सेल और यौन उत्पीड़न मामलों की जांच के लिए इंटरनल कंप्लेन कमिटी का गठन किया जाएगा. 

ओपीडी सेवा अभी दूर ही रहेंगे रेजिडेंट डॉक्टर

स्वास्थ्य मंत्री से हुई बातचीत के बाद रेजिडेंट डॉक्टर ने इमरजेंसी सेवाओं पर लौटने की घोषणा की. अब रेजिडेंट डॉक्टर आईसीयू, इमरजेंसी ऑपरेशन, लेबररूम सहित अन्य इमरजेंसी सेवा करते नजर आएंगे. हालांकि ओपीडी सेवाओं से अभी भी दूरी बरकरार रहेगी. उदयपुर रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के सचिव डॉ. जतिन प्रजापति ने उक्त जानकारी दी. मालूम हो कि रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल 9 दिनों से जारी थी. 

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