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This Article is From Nov 25, 2024

Rajasthan: निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मचारियों ने किया कार्य बहिष्कार, मांगें पूरी न होने पर बड़े आंदोलन की दी चेतावनी

Rajasthan News:निजीकरण के विरोध में बिजली विभाग के कर्मचारियों ने काम का बहिष्कार कर धरना दिया है. साथ ही मांगें पूरी नहीं होने पर 29 नवंबर को जिला स्तर पर बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है.

Rajasthan: निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मचारियों ने किया कार्य बहिष्कार, मांगें पूरी न होने पर बड़े आंदोलन की दी चेतावनी
Siakr News

Sikar: राजस्थान विद्युत संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले आज विद्युत विभाग के कर्मचारियों ने विभाग का निजीकरण रोकने, ओपीएस लागू करने, ठेका प्रथा बंद करने, नए कर्मचारियों की भर्ती करने सहित 6 सूत्री मांगों को लेकर धरना दिया. साथ ही जिले के सभी सहायक अभियंता कार्यालयों पर कार्य बहिष्कार कर धरना दिया. प्रदर्शन के बाद विद्युत विभाग के कर्मचारियों ने उपखंड अधिकारी व सहायक अभियंताओं को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा.

मांगें नहीं मानी तो होगा बड़ा आंदोलन

ज्ञापन में प्रदर्शनकारी कर्मचारियों का कहना है कि सरकार हमारी मांगें नहीं मानकर न केवल आमजन का अहित कर रही है, बल्कि हमारे हितों का भी हनन कर रही है. अगर सरकार जल्द ही हमारी मांगें नहीं मानती है तो 29 नवंबर को राजस्थान विद्युत संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले बिजली विभाग के कर्मचारी एक दिन का कार्य बहिष्कार कर धरना प्रदर्शन करेंगे और मुख्यमंत्री व ऊर्जा मंत्री के नाम जिला कलेक्टर को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपेंगे.

निजीकरण को लेकर कर्मचारियों में है काफी रोष

कर्मचारी नेता राजकुमार भास्कर ने मामले में जानकारी देते हुए बताया कि सरकार अलग-अलग नामों से विभाग के कार्यों के ठेके दे रही है. जिससे कर्मचारियों के हितों का हनन हो रहा है. साथ ही इससे जनता को भी काफी नुकसान हो रहा है. निजीकरण के नाम पर राजस्थान सरकार अलग-अलग तरह के मॉडल ला रही है कभी एफटीआर मॉडल लागू किया जा रहा है तो कभी जीएसएस का निजीकरण किया जा रहा है. जिससे कर्मचारियों में काफी रोष है. इसलिए इस तरह के निजीकरण को रोका जाए. क्योंकि इस निजीकरण के कारण ठेकेदार कर्मचारियों पर हावी हो रहे हैं. साथ ही जनता को भी अतिरिक्त आर्थिक बोझ उठाना पड़ रहा है. इसके साथ ही बिजली विभाग में नियमित भर्ती की जाए. आज के प्रदर्शन की दो मुख्य मांगें हैं कि विभाग का निजीकरण बंद किया जाए और ओपीएस लागू किया जाए.

किसानों पर भी होगा असर

विद्युत विभाग के कर्मचारी नेता महेश सेवदा ने बताया कि निजीकरण के कारण ठेकेदार की मनमर्जी के कारण कृषि कनेक्शनों में देरी हो रही है, जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है. इसलिए विद्युत विभाग में ठेकेदारी प्रथा पूर्ण रूप से बंद की जाए. विभाग में कर्मचारियों की नई भर्ती भी की जाए, जिससे युवाओं को रोजगार मिल सके. निजीकरण सहित 6 सूत्री मांगों को लेकर 29 नवंबर को विभाग के कर्मचारी कलेक्ट्रेट पर धरना भी देंगे तथा मुख्यमंत्री व ऊर्जा मंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा जाएगा. सहायक अभियंता कार्यालय पर हुए प्रदर्शन के दौरान सैकड़ों विद्युत विभाग के कर्मचारी मौजूद रहे.

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