Rajasthan News: उदयपुर से अहमदाबाग क्राइम ब्रांच ने एक ऐसे युवक को गिरफ्तार है, जो गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई जैसे डॉन बनना चाहता था. वह महज 17 साल की उम्र में ही लॉरेंस के जैसा बनने की चाहत रखने लगा था. शुरुआती संपर्क के बाद उसे लॉरेंस गैंग की ओर से छोटे-छोटे काम जैसे- हथियार ले जाने और रेकी करने और संपर्क बनाए रखने की जिम्मेदारी दी गई. 2023 में करणी सेना के संस्थापक सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड की जांच में भी युवक का नाम सामने आया था.
कई राज्यों में हथियार सप्लाई करता था
जानकारी के अनुसार, जिस युवक को गिरफ्तार किया गया है, उसका नाम मनोज साल्वी (22 साल) है. वह लॉरेंस गैंग का गुर्गा था और लॉरेंस से प्रभावित होकर डॉन बनने की चाह में पिछले कई सालों से गैंग से जुड़ने की कोशिश कर रहा था. वह लॉरेंस गैंग के लिए अलग-अलग राज्यों में अवैध हथियारों की सप्लाई करता था. उसके खिलाफ गुजरात ATS में पहले से शिकायत दर्ज है. अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने इनपुट के आधार पर उसे उदयपुर से दबोचा.
17 की उम्र में लॉरेंस जैसे बनने की चाहत
पुलिस के मुताबिक, मनोज ने लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल से वीडियो कॉल पर बातचीत भी की थी. सोशल मीडिया के ज़रिए उसे गैंग से जुड़े कामों के लिए निर्देश मिलते थे. कई बार उसे हथियार पहुंचाने, रेकी करने जैसे जिम्मेदारियां सौंपी गईं. वह महज 17 साल की उम्र में ही लॉरेंस की छवि से प्रभावित होकर उसके जैसा बनने की चाहत रखने लगा था.
5 दिसंबर 2023 में हुए गोगामेड़ी हत्याकांड में राजसमंद के रोहिताश्व श्रीमाली से पूछताछ के बाद पुलिस ने आरोपी यशपाल सिंह राठौड़ और फिर मनोज साल्वी व कैलाश प्रजापत को गिरफ्तार किया था. मनोज के पास से एक लोहे का चाकू भी बरामद किया गया था. मनोज के खिलाफ गुजरात समेत अन्य राज्यों में हथियार तस्करी, गैरकानूनी गतिविधियों और गिरोह से जुड़ाव के कई आपराधिक मामले दर्ज हैं.
लॉरेंस गैंग से कैसे जुड़ा, पुलिस कर रही जांच
पुलिस अब इस बात की तफ्तीश कर रही है कि वह लॉरेंस गैंग में कैसे शामिल हुआ और किन-किन लोगों से उसका सीधा संपर्क रहा. पुलिस यह भी जानने की कोशिश कर रही है कि गैंग के कौन-कौन सदस्य सोशल मीडिया के माध्यम से युवाओं को प्रभावित कर रहे हैं और गिरोह के लिए टास्क सौंप रहे हैं.
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