Rajasthan News: राजस्थान की भाजपा सरकार को सत्ता में दो साल पूरे होने पर विपक्ष ने जमकर घेरा है. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि सिर्फ मुख्यमंत्री की कुर्सी बचाना रही है.
पार्टी के अंदरूनी झगड़ों के बावजूद वे कुर्सी पर बने रहे लेकिन जनता के लिए कुछ नहीं किया. जूली ने कहा कि सरकार झूठे आंकड़ों पर तालियां पीट रही है जबकि संकल्प पत्र के वादे धूल चाट रहे हैं.
किसानों के वादे अधर में लटके
जूली ने संकल्प पत्र की याद दिलाते हुए कहा कि भाजपा ने गेहूं को 2700 रुपये प्रति क्विंटल पर खरीदने और बोनस देने का वादा किया था. लेकिन दो साल बाद भी किसान इस दाम के लिए तरस रहे हैं. बाजरे की एमएसपी पर खरीद का दावा भी खोखला साबित हुआ. रोड़ा एक्ट के तहत किसानों की जमीन नीलाम न होने का वचन दिया गया था लेकिन कर्ज के चलते जमीन कुर्की के नोटिस आज भी जारी हैं. किसान परेशान हैं और सरकार चुप्पी साधे बैठी है.
युवाओं को नौकरियों का इंतजार
विपक्ष नेता ने युवाओं की पीड़ा बयान की. भाजपा ने 2.5 लाख सरकारी नौकरियां देने और हर भर्ती के लिए जॉब कैलेंडर जारी करने का ऐलान किया था. लेकिन युवा आज पूछ रहे हैं कि वह कैलेंडर कहां है? भर्तियां रुकी पड़ी हैं परिणाम नहीं आ रहे.
शिक्षा विभाग में 1.5 लाख से ज्यादा पद खाली हैं जबकि वादा था कि एक साल में सभी भर दिए जाएंगे. युवा बेरोजगारी से जूझ रहे हैं और सरकार के पास कोई जवाब नहीं.
शिक्षा और महिलाओं के लिए जुमले
जूली ने गरीब परिवारों की बेटियों को KG से PG तक मुफ्त शिक्षा देने के वादे को जुमला बताया. उल्टा स्कूल ड्रेस के लिए पहले मिलने वाले 1200 रुपये को घटाकर 600 कर दिया गया और जनरल तथा ओबीसी गरीब बच्चों को इससे बाहर कर दिया. महिलाओं की सुरक्षा के लिए हर जिले में एंटी रोमियो स्क्वॉड बनाने और महिला थानों को मजबूत करने का दावा किया गया था. लेकिन ये स्क्वॉड कहीं दिखाई नहीं देते. अपराधी बेखौफ हैं और मुख्यमंत्री के इलाके में हुई घटनाओं ने सुरक्षा के दावों की पोल खोल दी.
पेट्रोल-डीजल महंगे, ERCP पर सौतेला रवैया
भाजपा ने पेट्रोल-डीजल पर वैट की समीक्षा कर दाम कम करने का वादा किया था. गुजरात और हरियाणा जितना वैट करने की बात कही गई लेकिन राजस्थान में आज भी पड़ोसी राज्यों से महंगा ईंधन मिल रहा है. सीएनजी भी महंगी हो गई. ERCP परियोजना को लेकर जूली ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने बजट दिया था लेकिन केंद्र ने इसे राष्ट्रीय परियोजना न मानकर अटका रखा है. जनता को गुमराह किया जा रहा है.
लोकतंत्र बना अफसरशाही
जूली ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री खुद को पूर्व सरपंच बताते हैं लेकिन पंचायती राज चुनावों पर रोक लगाकर लोकतंत्र को ब्यूरोक्रेसी में बदल दिया. अफसरों की मनमानी चल रही है. जनता तो दूर विधायकों की भी नहीं सुनते. जनहित योजनाओं को कमजोर किया जा रहा है जैसे बाड़मेर रिफाइनरी का काम धीमा करना चिरंजीवी आरजीएचएस और उड़ान योजना को कमजोर करना. यह सरकार बदले की भावना से काम कर रही है.
यह भी पढ़ें- खाटूश्याम में नए साल पर पहली बार लगेगा पांच दिवसीय श्याम मेला, 10 लाख लोगों के पहुंचने की उम्मीद