Rajasthan Govt Teacher Fine: राजस्थान के दो शिक्षकों से 9 करोड़, 31 लाख, 50 हजार 373 रुपए वसूलेगी सरकार, जानिए क्या है पूरा मामला

Rajasthan Govt Teacher Fine: राजस्थान सरकार प्रदेश के दो सरकारी शिक्षकों से 9 करोड़, 31 लाख, 50 हजार 373 रुपए वसूलेगी. इस भारी भरकम राशि की रिकवरी के लिए शिक्षा विभाग ने थाने में मामला दर्ज करवा दिया है. आइए जानते हैं क्या है यह पूरा मामला.

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Rajasthan Govt Teacher Fine: राजस्थान से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने पूरे देश के शिक्षकों की नींद उड़ा दी है. दरअसल राजस्थान की भाजपा सरकार प्रदेश के दो सरकारी शिक्षकों से 9 करोड़, 31 लाख, 50 हजार 373 रुपए वसूलेगी. इस भारी-भरकम राशि की रिकवरी के लिए शिक्षा विभाग ने थाने में मामला दर्ज करवा दिया है. खास बात यह है कि जिन दो शिक्षकों से इस राशि की रिकवरी होनी है, वो दोनों आपस में पति-पत्नी हैं. इस शिक्षक दंपत्ति से सरकार 9 करोड़, 31 लाख, 50 हजार 373 रुपए वसूलने की दिशा में प्रक्रिया शुरू कर दी है.  इस भारी भरकम राशि की रिकवरी के लिए प्राथमिकी दर्ज होने के बाद यह मामला सुर्खियों में है. आइए जानते है इस मामले की पूरी कहानी. 

बारां के शिक्षक दंपत्ति से 9.31 करोड़ की रिकवरी होगी

शिक्षक दंपत्ति से 9 करोड़, 31 लाख, 50 हजार 373 रुपए वसूलने की यह कहानी राजस्थान के बारां जिले की है. जिन शिक्षकों से इस राशि की रिकवरी होनी है उनका नाम विष्णु गर्ग और मंजु गर्ग हैं. दोनों आपस में पति-पत्नि हैं. 
मिली जानकारी के अनुसार विष्ण और मंजु बारां जिले के राजपुरा राजकीय विधालय में तैनात थे. 

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सरकारी शिक्षक से 9.31 करोड़ की वसूली क्यों 

इस दोनों शिक्षकों पर यह कार्रवाई राजस्थान सरकार के शासन सचिव के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने की है. बारां के राजकीय विधालय राजपुरा के डमी अध्यापकों और गबन के प्रकरण में अध्यापक दम्पति विष्णु गर्ग और उनकी पत्नी मंजु गर्ग पर धारा 420 , 409 ग़बन कीं धाराओं में मामला दर्ज कराया है.  जहां 9 करोड़ का पोषाहार व तनख़्वाह का ग़बन के मामले को लेकर सरकार ने तुरंत गिरफ़्तारी के निर्देश पुलिस को दिये है.

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5000 रुपए महीने में डमी टीचर रखे थे

विगत 25 वर्षों से शिक्षक दंपति विष्णु गर्ग व पत्नी मंजू गर्ग राजकीय  विद्यालय राजपुरा में पद स्थापित है. लेकिन दोनों ही विद्यालय नहीं जाकर अपनी जगह एवजी के रूप में डमी अध्यापकों से कार्य करवाते थे.  जहां दोनों अध्यापकों को दोनों की जगह पांच -₹5000 मासिक में नियुक्त कर रखा था. जो वहां जाता था तो डमी अध्यापक अपने आप को विष्णु गर्ग व मन्जू गर्ग बताते थे. तो साथ ही इसी मामले को लेकर बारां प्रशासन के द्वारा विगत दिसंबर माह में विद्यालय पहुंचकर कार्रवाई की गई.  

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दिसंबर महीने में दोनों के बदले प्राइवेट टीचर मिले थे

जहां पर यह दोनों शिक्षक दंपति अनुपस्थित मिले व उनकी जगह प्राइवेट दो महिला व एक पुरुष अध्यापन करवाते पाए गए जहां पुलिस ने कार्यवाही करते हुए दोनों डमी अध्यापकों को गिरफ्तार कर लिया गया. साथ ही शिक्षक दंपति में अध्यापिका मंजू गर्ग को लीव पर बताया गया लेकिन विष्णु गर्ग के उपस्थिति रजिस्टर में हस्ताक्षर मिले. जांच में यह भी पता लगा की शिक्षक दंपति के द्वारा बच्चों के पोषाहार में भी फर्जीवाड़ा कर घोटाला कर भारी भरकम राशि उठा ली गई है.

अभी फरार चल रहे दोनों शिक्षक दंपति
 

 

इस कार्यवाही के बाद से ही दोनों शिक्षक दंपति फरार चल रहे हैं. लेकिन अब सरकार के द्वारा इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए रकम वसूलने का मामला दर्ज कराया गया है. 2017 मे भी बारां कलेक्टर द्वारा दोनों का फ़र्ज़ीवाडा पाये जाने पर इंक्रीमेंट रोका गया था. लेकिन सरकार बदलते ही कार्यवाही को दबा दिया गया. वहीं बारां के तात्कालिक जिला कलेक्टर एसपी सिंह से मिली भगत कर कार्यवाही की पत्रावलियों को भी कलेक्टर कार्यालय से ग़ायब करने का मामला सामने आया था. जिसकी अभी जाँच जारी है.

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