Rajasthan: हेल्थ ऑफिसर को 18 माह से नहीं मिली प्रोत्साहन राशि, CMHO ऑफिस के बाहर दिया धरना; कर्मचारी हो रहे प्रताड़ित

राजस्थान के बूंदी जिले में हेल्थ ऑफिसर ने CMHO कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया है. उन्होंने आरोप लगाया है कि उन्हें पिछले 18 माह से प्रोत्साहन राशि नहीं मिल पा रही है. वहीं इसके लिए वह सभी कई बार विभाग के चक्कर लगा चुके हैं.

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विरोध- प्रदर्शन करते हुए हेल्थ ऑफिसर.

Rajasthan News: राजस्थान के बूंदी जिले में कयुनिटी हेल्थ ऑफीसर ने CMHO ऑफिस में प्रदर्शन कर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया. CHO बड़ी संख्या में CMHO कार्यालय के मुख्य दरवाजे पर धरना लगाकर बैठे रहे और जमकर नारेबाजी करते रहे. जिले में करीब 200 से अधिक हेल्थ ऑफिसर तैनात है.

जिन्हें पिछले 18 माह से प्रोत्साहन राशि नहीं मिल पा रही है. विभाग के लगातार चक्कर काटने के बावजूद भी उनको संतुष्ट जवाब नहीं दिया जा रहा है. जिससे नाराज होकर बुधवार को बड़ी संख्या में जिले भर के महिला पुरुष को CMHO दफ्तर पहुंचे जहां उन्होंने धरना देकर विरोध प्रदर्शन किया. 

कई बार दे चुके अधिकारियों को ज्ञापन

प्रदर्शनकारी मीनाक्षी गौतम ने बताया कि पिछले 18 माह से उन्हें प्रोत्साहन राशि नहीं मिल रही है. जबकि इसके बारे में विभाग के अधिकारियों को कई बार अवगत कराया जा चुका है. मीनाक्षी ने बताया की जिले भर में सभी हेल्थ ऑफिसर को 15 हजार प्रोत्साहन राशि के रूप में मिलती है.

जो कि पिछले जुलाई 2023 से मिला था, उसके बाद आज दिनांक तक उन्हें नहीं मिला है. हमने लिखित में डिस्ट्रिक्ट लेवल पर और ब्लॉक लेवल पर ज्ञापन दिया था. हमारे बार-बार बोलने पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है. बाकी हम सब टाइम पर काम कर रहे हैं. 

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हमें एक साथ दें 19 माह की प्रोत्साहन राशि

मीनाक्षी ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री और चिकित्सा मंत्री से यही कहना चाहेंगे कि हमारी मांगों पर ध्यान दें. उन्होंने कहा कि महिला कर्मचारियों को मानसिक प्रताड़ना झेलने पड़ रही है और हर महीने हमें यहां दफ्तर जाकर बार-बार कहना पड़ रहा है. हमें हमारी प्रोत्साहन राशि मिलनी चाहिए, लेकिन अधिकारियों द्वारा हमें टाल दिया जाता है.

बुधवार को हम धरना प्रदर्शन लगा कर बैठे हैं विभाग के अधिकारियों को चेतावनी दिए कि हमें एक साथ 19 माह की प्रोत्साहन राशि देनी पड़ेगी उसके बाद ही हम उठाएंगे. हालांकि शाम को मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी ओपी सामर के आश्वासन के बाद धरना समाप्त कर दिया गया.

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