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Rajasthan: गहलोत राज में मिड-डे मील योजना में 1705 करोड़ रुपये का हुआ घोटाला, भजनलाल सरकार ने दिए जांच के आदेश

मदन दिलावर ने कहा कि जैसलमेर जिले में तो 17 लाख पैकेट पड़े मिले हैं, जबकि रिकॉर्ड में दिखा दिया कि सब बच्चों को पहुंच गए. इससे साफ जाहिर कि इसमें बड़ा घोटाला हुआ है. हम इसकी फिर से जांच कराएंगे.

Rajasthan: गहलोत राज में मिड-डे मील योजना में 1705 करोड़ रुपये का हुआ घोटाला, भजनलाल सरकार ने दिए जांच के आदेश
मिड-डे मील योजना में 1705 करोड़ का हुआ घोटाला

Rajasthan News: पेपर लीक और वित्तीय अनियमितता जैसे आरोपों से घिरी पिछली अशोक गहलोत सरकार के समय एक और घोटाले की बात सामने आई है. शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के मुताबिक, गहलोत सरकार ने कोविड महामारी के दौरान मिड-डे मील योजना और मदरसा बोर्ड में यूनिफॉर्म वितरण में घोटाला किया है. भजनलाल सरकार उस समय हुई वित्तीय अनियमितता की जांच कराएगी. कोई भी दोषी बख्शा नहीं जाएगा. मदन दिलावर का कहना है कि खाना पकाने की सामग्री खरीद टेंडर में भी गड़बड़ियां हुई हैं. उस दौरान मिड डे मील योजना में 1700 करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला किया गया था. 

'शिक्षा के बच्चों को मिले अच्छे संस्कार'

दरअसल, राजस्थान विधानसभा में शिक्षा विभाग की अनुदान मांगों पर हुई बहस का मदन दिलावर जवाब दे रहे थे. शिक्षा मंत्री ने सदन में कहा कि राजस्थान का हर बच्चा पढ़े, शिक्षा के साथ अच्छे संस्कार भी मिलें. इसमें परिवार और विद्यालय दोनों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत प्रारंभिक शिक्षा में मातृभाषा या स्थानीय भाषा में शिक्षा प्रदान करने के लिए बताया गया है. विद्यालय समय में कोई भी शिक्षक विद्यालय नहीं छोड़े, इसके लिए आदेश जारी किए गए हैं. 

66 लाख 22 हजार विद्यार्थियों को दिया सामग्री

मदन दिलावर ने आगे कहा कि सीएजी की जांच रिपोर्ट का कहना है कि गत अशोक गहलोत सरकार में मिड-डे मील योजना में बड़ा घोटाला हुआ है. कोविड-19 महामारी के दौरान ये मिड-डे मील नहीं दे पाए, क्योंकि जब बच्चे आए ही नहीं तो किसको देते. इस पर इन्होंने कहा कि हम बच्चों मिड डे मील की सामग्री घर पहुंचाएंगे. उस समय वित्त विभाग ने अभिभावकों के खातों में मिड-डे मील योजना के तहत भुगतान कराने के लिए कहा था, लेकिन विभाग ने सामग्री ही वितरित करने का निर्णय लिया.

शिक्षा मंत्री का दावा है कि उस समय प्रदेश में 59 लाख 81 हजार विद्यार्थियों की संख्या बताई गई थी. पर 66 लाख 22 हजार विद्यार्थियों को मिड डे मील योजना के तहत सामग्री वितरण की जानकारी दी गई. 

GAG रिपोर्ट का दिलावर ने दिया हवाला

सीएजी रिपोर्ट का हवाला देते हुए मदन दिलावर ने कहा कि कोविड के कारण कोई बाहर तक नहीं निकल रहा था. ऐसे में यह साफ है कि सामग्री खरीद टेंडर में भी गड़बड़ियां हुई हैं, जिसमें 1 हजार 705 करोड़ रूपए का घोटाला किया गया. जैसलमेर जिले में तो 17 लाख पैकेट पड़े मिले हैं, जबकि रिकॉर्ड में दिखा दिया कि सब बच्चों को पहुंच गए. इससे साफ जाहिर कि इसमें बड़ा घोटाला हुआ है और इसकी जांच सीएजी ने की है, जो बहुत ही अच्छी तरह से की है. शिक्षा विभाग ने भी इनके चहेतों से जांच करवाई, जो शामिल लोग थे, उन्हें क्लीनचिट दे दी है, जिसे मैंने विधानसभा में निरस्त कर दिया है. 

शिक्षा मंत्री ने कहा कि हम नई जांच कमेटी बनाकर पुन: जांच कराएंगे और जांच कमेटी से कहेंगे कि जांच के बाद इसकी जल्दी रिपोर्ट दें. दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि मदरसा बोर्ड में यूनिफॉर्म वितरण में घोटाला हुआ है.

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