
Rajasthan Politics: राजस्थान की विधानसभा में हंगामे के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और टीकाराम जूली के बीच 'कोल्ड वॉर' की चर्चाएं तेज हो गई थी. वहीं अब इन सभी अफवाहों को गलत बताते हुए कांग्रेस नेता टीकाराम जुली का बयान सामने आया है. जिसमें उन्होंने कहा कि यह सब भाजपा की प्रायोजित बातें हैं.
डोटासरा जी सिर्फ दो दिन से सदन नहीं आ रहे हैं. ऐसे तो किरोड़ी लाल मीणा भी काफी दिनों से सदन नहीं आ रहे हैं. वसुंधरा राजे भी नहीं आ रही हैं. सदन के अलावा भी और काम होते हैं.
'काम इसलिए नहीं हुआ कि केंद्र से पैसा समय पर नहीं आया'
एक राज्य एक चुनाव के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि सरकार कह रही है कि नवंबर में एक साथ चुनाव कराए जाएंगे. लेकिन उनके पास कोई तैयारी नहीं है. प्रश्नकाल में सरकार तैयारी के साथ नहीं आती है. मंत्री कहते हैं कि काम इसलिए नहीं हुआ कि केंद्र से पैसा समय पर नहीं आया.
यह भी कहते हैं कि पूर्ववर्ती सरकार पैसे खर्च नहीं कर पाई. जब मैंने पूछा कि पैसा आया नहीं या खर्च नहीं हुआ तो मंत्री इसका जवाब नहीं दे पाए.
'कांस्टीट्यूशन क्लब का दो बार उद्घाटन करना है क्या' ?
इसके अलावा जयपुर में 8 मार्च को होने वाले कांस्टीट्यूशन क्लब के उद्घाटन पर टीकाराम जूली ने कहा कि कांस्टीट्यूशन क्लब का दो बार उद्घाटन करना है क्या ? हमारी सरकार में उद्घाटन कर दिया था. अब उद्घाटन करेंगे तो गलत परिपाटी हो जाएगी. मुझे विश्वास है अध्यक्ष जी खुद वापस से इसका लोकार्पण या उद्घाटन नहीं करेंगे.
भाजपा की पूरी सियासत 'श्रेय और षड्यंत्र'
इस घटना को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर कहा कि भाजपा की पूरी सियासत 'श्रेय और षड्यंत्र' तक सीमित हो गई है. पिछली कांग्रेस सरकार के समय बनकर तैयार हुए कॉन्स्टीट्यूशन क्लब का उद्घाटन 'दोबारा' तथा कथित शुभारंभ नाम देकर भाजपा सरकार सिर्फ श्रेय लेना चाहती है, जो गलत परंपरा है.
श्रेय लेने के लिए हो रहा दोबारा उद्घाटन
डोटासरा ने आगे कहा कि राजस्थान की जनता जानती है कि विधानसभा के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब का निर्माण कांग्रेस सरकार में हुआ है. 22 सितंबर 2023 को तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा कांस्टीट्यूशन क्लब का लोकार्पण विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सी पी जोशी और नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ की उपस्थिति में किया गया था, जिसका उल्लेख शिलापट्ट पर मौजूद है. लेकिन सत्ता परिवर्तन के बाद भाजपा सरकार ने कांस्टीट्यूशन क्लब को अब तक बंद रखा ताकि इसका 'दोबारा' उद्घाटन को तथाकथित शुभारंभ का नाम देकर श्रेय ले सके.