Rajasthan Heat Stroke Death: हेल्थ सेक्रेटरी बोलीं- राजस्थान में हीट स्ट्रोक से एक भी मौत नहीं, कल मंत्री ने कहा था 12, आपदा विभाग ने की थी 6 के मौत की पुष्टि

Rajasthan Heat Stroke Death: राजस्थान में अब तक हीट स्ट्रोक से एक भी मृत्यु रिपोर्ट नहीं हुई है. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा चिकित्सा संस्थानों में आने वाले सभी रोगियों को समुचित उपचार उपलब्ध करवाया जा रहा है. यह कहना है चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह का.

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प्रतीकात्मक तस्वीर.

Rajasthan Heat Stroke Death: राजस्थान में जारी भीषण गर्मी से कितने लोगों की मौत हुई, इसकी आधिकारिक जानकारी अभी तक भ्रामक है. प्रदेश के आपदा प्रबंधन मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने शुक्रवार को 12 मौतों की बात कही थी. जबकि उनके बयान के कुछ घंटों बाद उन्हीं के विभाग ने हीटस्ट्रोक से 6 लोगों की मौत की बात स्वीकारी थी. लेकिन अब राजस्थान की चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने कहा कि प्रदेश में अभी तक हीट स्ट्रोक से एक भी मौत नहीं हुई. दूसरी ओर मीडिया रिपोर्ट की माने तो बीते कुछ दिनों में प्रदेश में हीटस्ट्रोक (Heat Stroke Death) से 18 लोगों की मौत हुई है. 

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने शनिवार को मुख्य सचिव द्वारा विभिन्न विभागों के साथ आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंस में बताया कि प्रदेश में एक मार्च 2024 से 25 मई को प्रातः 10 बजे तक चिकित्सा संस्थानों में आपातकालीन स्थिति में करीब 82 हजार रोगी आए. इनमें से 2243 रोगी हीट स्ट्रोक के थे.



उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार प्रदेश में अभी तक हीट स्ट्रोक से एक भी मौत प्रमाणित नहीं हुई है. विभाग द्वारा प्रोटोकॉल में निर्धारित मानकों के अनुरूप ही डेथ ऑडिट की जा रही है. कोटा और जयपुर में एक-एक मौत लू-तापघात से संदिग्ध श्रेणी में मानी गई थी, डेथ ऑडिट कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में इन दोनों मौत को भी हीट स्ट्रोक के कारण नहीं होना पाया है.

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मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने कहा कि प्रदेश में अब तक हीट स्ट्रोक से एक भी मृत्यु रिपोर्ट नहीं हुई है. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा चिकित्सा संस्थानों में आने वाले सभी रोगियों को समुचित उपचार उपलब्ध करवाया जा रहा है. साथ ही, अस्पतालों में लू-तापघात से संदिग्ध एवं कन्फर्म्ड मृत्यु की रिपोर्टिंग के लिए भारत सरकार द्वारा निर्धारित प्रोटोकॉल के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. डेथ ऑडिट कमेटी द्वारा भारत सरकार के प्रोटोकॉल में निर्धारित मानकों के अनुसार जांच के बाद ही हीट स्ट्रोक से होने वाली मौतों की जानकारी उपलब्ध कराई जाती है. इस प्रोटोकॉल के अनुसार प्रदेश में फिलहाल एक भी मौत हीट स्ट्रोक के कारण रिपोर्ट नहीं हुई है. 

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लू-तापघात से निपटने के लिए चिकित्सा संस्थानों में समुचित प्रबंध

सिंह ने बताया कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा हीट स्ट्रोक से होने वाली मौतों की जांच के लिए निर्धारित पैरामीटर की जानकारी सभी चिकित्सा संस्थानों को दी है. साथ ही लू-ताप से होने वाली मौतों की सूचना आईएचआईपी पोर्टल पर इन्द्राज करने के निर्देश भी दिए हैं. उन्होंने बताया कि प्रदेश में लू-तापघात की स्थिति से निपटने के लिए चिकित्सा संस्थानों में दवा, जांच एवं उपचार आदि के समुचित प्रबंध किए गए हैं. हीटवेव से पीड़ित रोगियों के लिए अलग से वार्ड बनाए गए हैं. हीटवेव प्रबंधन एवं मौसमी बीमारियों की राज्य, जोनल, जिला एवं खण्ड स्तर से प्रभावी मॉनिटरिंग सुनिश्चित की जा रही है. मौसमी बीमारियों की प्रभावी मॉनिटरिंग के लिए नवाचार करते हुए ओडीके एप के माध्यम से रिपोर्टिंग की जा रही है.  

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24 घंटे कंट्रोल रूम संचालित

निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश माथुर ने हीटवेव प्रबंधन एवं मौसमी बीमारियों की स्थिति को लेकर वीसी में प्रस्तुतीकरण दिया. उन्होंने बताया कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से 24 घंटे कंट्रोल रूम संचालित किया गया है. कोई भी व्यक्ति स्टेट कंट्रोल रूम के दूरभाष नम्बर 0141-2225000 पर सम्पर्क कर आवश्यक सहायता प्राप्त कर सकता है. इसके अतिरिक्त हैल्प लाइन नम्बर 1070 तथा 104 एवं 108 आपातकालीन एम्बूलेंस के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त कर सकते हैं. चिकित्सा संस्थानों को तात्कालिक आवश्यकताओं जैसे पंखे, कूलर, एसी, वाटर कूलर आदि के लिए आरएमआरएस में उपलब्ध फंड का युक्तिसंगत उपयोग करने के निर्देश दिए. 

27 एवं 28 मई को उच्च स्तरीय समीक्षा

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर प्रदेश में हीटवेव प्रबंधन एवं मौसमी बीमारियों को लेकर 27 एवं 28 मई को उच्च स्तरीय बैठक में समीक्षा करेंगे. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की 27 मई को आयोजित बैठक में राज्य स्तर के साथ ही जोनल स्तर के अधिकारी हीटवेव प्रबंधन एवं मौसमी बीमारियों के संबंध में की गई तैयारियों एवं गतिविधियों से अवगत कराएंगे. इसी प्रकार 28 मई को चिकित्सा शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित की जाएगी.

एसएमएस अस्पताल में दुरूस्त हुईं व्यवस्थाएं

सवाई मानसिंह अस्पताल में हीटवेव प्रबंधन के लिए समुचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई हैं. हीटवेव के मरीजों के लिए अलग से बैड आरक्षित किए गए हैं. इमरजेंसी आईसीयू में भी 6 बैड आरक्षित किए गए हैं. मरीजों की सुविधा के लिए चरक भवन, ट्रोमा वार्ड, इमरजेंसी सहित अन्य स्थानों पर 35 नए डेजर्ट कूलर लगाए गए हैं. चिकित्सालय में 40 वाटर कूलर संचालित हैं. इनकी नियमित साफ-सफाई एवं सर्विस की जा रही है. विभिन्न आईसीयू में एसी एवं एयर कूलिंग प्लांटस को सुचारू रूप से संचालित किया जा रहा है. पंजीकरण कक्ष से ओपीडी भवन तक छाया हेतु ग्रीन नेट लगाया गया है. हीटवेव के मरीजों के उपचार हेतु आईस पैक उपलब्ध करवाये गए हैं.

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