Asaram Case: आसाराम मामले से जुड़ी याचिका को राजस्थान हाईकोर्ट ने किया खारिज, जज बोले- 'अब इसका कोई औचित्य नहीं'

राजस्थान हाईकोर्ट ने आसाराम से जुड़ी एक याचिका को खारिज कर दिया है. इस याचिका में आसाराम ने सुनवाई के वक्त वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़ने की मांग की थी.

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Rajasthan News: राजस्थान हाईकोर्ट ने आसाराम से जुड़ी एक याचिका को खारिज कर दिया है. इस याचिका में सुनवाई के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से आसाराम को जोड़ने की मांग की गई थी. जस्टिस अरुण भंसाली व जस्टिस योगेन्द्र कुमार पुरोहित की खंडपीठ के समक्ष आसाराम की ओर से पेश आवेदन पर सुनवाई हुई.

मामला पुराना होने का दिया हवाला

यह आवेदन पिछले साल आसाराम की ओर से पेश किया गया था, जिसमें सेंट्रल जेल को यह निर्देश देने की मांग की थी कि जब 16 नवम्बर 2023 को सुनवाई शुरू हो, उस वक्त आसाराम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जोड़ा जाए, ताकि वे अपने मामले की सुनवाई को देख सकें. इस आवेदन पर सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता अनिल जोशी ने विरोध करते हुए कहा मामला पुराना हो गया और अपील पर सुनवाई चल रही है, ऐसे में अब इसका कोई औचित्य नही है. कोर्ट ने आसाराम के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जोड़ने के आवेदन को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि समय निकलने के बाद पेश किया गया है.

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मेदांता में इलाज करवाना चाहते हैं आशाराम

वहीं एक और याचिका हाईकोर्ट में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध हुई थी, जिसमें आसाराम के उपचार के लिए अंतरिम राहत मांगते हुए पेश की गई. राजस्थान हाई कोर्ट में आसाराम के अधिवक्ताओं की ओर से बताया गया कि आसाराम ह्दय रोग से पीड़ित हैं और एम्स जोधपुर में उनकी एंजियोग्राफी करवाई गई. जिसमें 80 से 90 प्रतिशत के दो ब्लॉकेज सामने आए हैं, जो कि उनके स्वास्थ्य के लिहाज से चिंता का विषय है. ऐसे में आसाराम का उपचार मेदांता अस्पताल गुड़गांव में करवाना चाहते हैं. कोर्ट चाहे तो पुलिस कस्टडी में उपचार के आदेश दे सकता है.

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कोर्ट ने इस पर कहा कि अभी दो-तीन दिन पहले ही सजा स्थगन याचिका खारिज की गई है, जो कि उपचार के लिए थी. ऐसे में इस याचिका पर भी सुनवाई उसी खंडपीठ में होगी. साथ ही उन्होंने उपचार के लिए अंतरिम राहत के लिए पेश याचिका को सम्बंधित कोर्ट में ही सुनवाई के लिए रखवाने के निर्देश दिए है.

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