राजस्थान में विश्व का पहला मंदिर, श्री कृष्ण के साथ लगी है मीराबाई की तस्वीर; 400 साल पहले हुआ निर्माण

राजस्थान में जयपुर के आमेर में स्थित जगत शिरोमणि मंदिर अपनी अनूठी विशेषताओं और भव्यता के लिए प्रसिद्ध है. जो दुनिया का एकमात्र ऐसा मंदिर है, जहां भगवान श्री कृष्ण के साथ मीराबाई की मूर्ति स्थापित है. 

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जयपुर के आमेर में स्थित जगत शिरोमणि मंदिर में राधा और श्री कृष्ण की तस्वीर.

Rajasthan News: राजस्थान की राजधानी जयपुर के आमेर में बसा जगत शिरोमणि मंदिर अपनी अनूठी विशेषताओं के कारण हर किसी का ध्यान खींचता है. यह दुनिया का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां भगवान श्री कृष्ण के साथ राधा रानी के बजाय भक्त मीराबाई की मूर्ति स्थापित है. इस मंदिर की भव्यता और इसकी ऐतिहासिक कहानी इसे और भी खास बनाती है. आइए जानते हैं इस मंदिर के बारे में कुछ रोचक बाते. 

मंदिर की भव्यता और निर्माण

आमेर की पहाड़ी तलहटी में स्थित यह मंदिर स्थानीय पीले पत्थर और सफेद-काले संगमरमर से बना है. मंदिर की दीवारों और छतों पर बने सुंदर भित्ति चित्र इसकी शोभा बढ़ाते हैं. मंदिर का मंडप दो मंजिल का है जिसके तोरण स्तंभों पर बारीक नक्काशी देखने लायक है. मुख्य गर्भगृह में श्री कृष्ण, विष्णु और मीराबाई की मूर्तियां स्थापित हैं. भगवान विष्णु के वाहन गरुड़ की विशाल मूर्ति मंदिर के सामने हाथ जोड़े खड़ी है जो भक्तों को आकर्षित करती है.

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मंदिर के प्रवेश द्वार पर संगमरमर से बना तोरण द्वार और दोनों ओर हाथियों की मूर्तियां इसकी भव्यता को और बढ़ाती हैं. मंदिर के निर्माण में उस समय करीब 11 लाख 77 हजार रुपये खर्च हुए थे जिसमें गर्भगृह पर 9 लाख 72 हजार, गरुड़ की छतरी पर 1 लाख 25 हजार और तोरण स्तंभों पर 80 हजार रुपये लगे थे.

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मंदिर का इतिहास

इस मंदिर का निर्माण महाराजा मानसिंह प्रथम की पत्नी महारानी कनकवती ने अपने पुत्र जगतसिंह की स्मृति में करवाया था. निर्माण कार्य 1599 में शुरू हुआ और 1608 में पूरा हुआ. महारानी चाहती थीं कि उनके पुत्र का नाम इस मंदिर के जरिए हमेशा याद रखा जाए इसलिए मंदिर का नाम जगत शिरोमणि रखा गया. मंदिर की स्थापत्य कला हिंदू, जैन, मुस्लिम और दक्षिण भारतीय शैलियों का मिश्रण है जो इसे राजपूत कला का एक अनूठा नमूना बनाती है.

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मीराबाई की अटूट कृष्ण भक्ति

मीराबाई की भक्ति की कहानी हर किसी को प्रेरित करती है. उनका विवाह चित्तौड़ के राजकुमार भोजराज के साथ हुआ था लेकिन 1521 में उनके पति की मृत्यु के बाद मीराबाई संसार से विरक्त हो गईं. उन्होंने अपना पूरा समय भगवान कृष्ण की भक्ति में बिताया. उस समय की प्रथा के अनुसार उन्हें सती करने की कोशिश की गई लेकिन मीराबाई ने इसका विरोध किया. उनके ससुराल वालों को उनकी भक्ति और कीर्तन पसंद नहीं थे जिसके चलते उन्हें कई बार जहर देकर मारने की कोशिश भी की गई. फिर भी मीराबाई की भक्ति अडिग रही और उनकी भक्ति की कहानी दूर-दूर तक फैल गई.

बॉलीवुड की पसंद

जगत शिरोमणि मंदिर न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी महत्वपूर्ण है. यहां हर साल जन्माष्टमी बड़े धूमधाम से मनाई जाती है. यह मंदिर बॉलीवुड फिल्मों के लिए भी लोकप्रिय रहा है. अक्षय कुमार की फिल्म ‘भूल भुलैया' और जाह्नवी कपूर की ‘धड़क' की शूटिंग यहीं हुई थी.

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