राजस्थान से दिल्ली कूच करेगा जाट समाज, केंद्र में आरक्षण पर बेनीवाल बोले- अब आर पार की लड़ाई होगी

Rajasthan News: जाट समाज ने प्रधानमंत्री के नाम दिए ज्ञापन में वर्ष 1998 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई द्वारा राजस्थान के जाटों को केंद्र में आरक्षण दिया गया, जबकि भरतपुर, धौलपुर और डीग को वंचित रखा गया. 

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Rajasthan News: आरक्षण की मांग को लेकर जाट समाज की जयपुर-आगरा नेशनल हाईवे स्थित डहरा मोड़ पर महापंचायत हुई, जिसमें भरतपुर, डीग और धौलपुर से बड़ी संख्या में जाट समाज के लोग पहुंचे. महापंचायत में नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल, भरतपुर सांसद संजना जाटव और धौलपुर सांसद भजनलाल जाटव भी जाट समाज की हुंकार रैली में शामिल हुए. इस दौरान हनुमान बेनीवाल ने केंद्र सरकार से मांग की कि जाटों को केंद्र के ओबीसी वर्ग में आरक्षण देने चाहिए, क्योंकि इनका हक है. उन्होंने सरकार को चेताते हुए कहा कि अगर उनकी मांग नहीं मानी गई तो दिल्ली कूच किया जाएगा.

'दिल्ली में आरक्षण पर बात करेंगे'

बेनीवाल ने हुंकार रैली को संबोधित करते हुए कहा कि भरतपुर, धौलपुर और डीग जिले के जाटों को केंद्र में ओबीसी वर्ग में आरक्षण का होना जरूरी है. अब आरक्षण के लिए आरपार की लड़ाई होगी. जाट भरतपुर के बजाए दिल्ली कूच करेंगे. दिल्ली में केंद्र सरकार से आरक्षण की बात करेंगे. 

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अब एसआई भर्ती रद्द करना, RPSC का पुनर्गठन और छात्रों के हक में नीतियां के अलावा अन्य मुद्दा भरतपुर, धौलपुर और डीग जिले के जाटों को आरक्षण की मांग का भी होगा. सरकार इनकी मांग माने नहीं तो बड़ी संख्या में युवाओं के साथ दिल्ली कूच कर प्रधानमंत्री आवास का घेराव किया जाएगा.

संजना जाटव बोलीं- समाज के साथ खड़ी हूं

भरतपुर सांसद संजना जाटव ने कहा कि मैं संसद में मुद्दा उठा चुकी हूं और जाट समाज के साथ कंधे से कंधा मिलाकर साथ खड़ी हूं और इस मुद्दे को मैं उठाती रहूंगी. जब तक कि इन्हें आरक्षण नहीं मिल जाता, तब तक लड़ाई जारी रहेगी. हुंकार सभा के बाद जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा.

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ज्ञापन में जाट समाज ने कहा कि वर्ष 1998 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई द्वारा राजस्थान के जाटों को केंद्र में आरक्षण दिया गया, जबकि भरतपुर, धौलपुर और डीग को वंचित रखा गया. तीनों जिले के जाटों को राज्य की सेवाओं में आरक्षण मिला हुआ है, जबकि केंद्र में आरक्षण नहीं है.

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यह जाट समाज के युवाओं के साथ बड़ी विसंगति है. कई बार आश्वासन दिया गया, लेकिन अभी तक ओबीसी वर्ग की सूची में नहीं जोड़ा गया है. भरतपुर, डीग और धौलपुर जाटों को ओबीसी आरक्षण की सूची में शामिल किया जाए. 

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