NOC के लिए महापौर से मांगे गए टिशू पेपर, स्वायत्त शासन विभाग ने कहा- चाय की छलनी और चम्मच-ग्लास भी वापस करें

राजस्थान में जोधपुर उत्तर नगर निगम की पूर्व महापौर को कार्यकाल समाप्ति के बाद NOC के लिए टिशू पेपर, आईपैड, सोफा आदि वापस जमा करने का अजीब पत्र मिला, जो शहर में चर्चा का विषय बन गया है. 

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जोधपुर नगर निगम.

Rajasthan News: राजस्थान के जोधपुर में उत्तर नगर निगम का कार्यकाल खत्म होने के बाद एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. पांच साल तक महापौर रहने वाली कुंती देवड़ा को अब NOC लेने के लिए ऐसे सामानों की लिस्ट सौंपी गई है जो उपयोग में आकर नष्ट हो चुके हैं. स्वायत्त शासन विभाग का यह पत्र शहर में चर्चा का विषय बन गया है. 

महापौर ने सौंपा था सामान, फिर भी आया अजीब पत्र

उत्तर नगर निगम की महापौर कुंती देवड़ा का कार्यकाल 9 नवंबर को समाप्त हो गया. उन्होंने उसी दिन सारा सामान नगर निगम के सीईओ को सौंप दिया और दस्तखत भी ले लिए. लेकिन अब स्वायत्त शासन विभाग ने एक पत्र भेजकर NOC देने से पहले कई पुराने सामानों को वापस जमा करने को कहा है. देवड़ा कहती हैं कि उन्होंने सब कुछ सही तरीके से किया था फिर भी यह मांग चौंकाने वाली है. 

लिस्ट में टिशू पेपर से लेकर आईपैड तक

पत्र में जो सामान मांगे गए हैं वे रोजमर्रा के उपयोग के हैं जो पांच साल में खत्म हो चुके हैं. इनमें टिशू पेपर रोल झाड़ने वाला कपड़ा चाय छानने की छलनी स्टील के गिलास चम्मच दूध का जग थर्मस दीवार पर टंगी महापुरुषों की तस्वीरें फोटो फ्रेम पर्दे सोफा सेट सेंटर टेबल और इंडक्शन जैसी चीजें शामिल हैं.

ये सब उपयोग होने के बाद बेकार हो गईं लेकिन अब इन्हें वापस लाने को कहा जा रहा है. इसके अलावा बोर्ड बैठक में पारित प्रस्ताव के तहत पार्षदों और अन्य को दिए गए 92 आईपैड भी जमा करवाने की बात है. 

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डंपिंग यार्ड में खोजेंगी टिशू पेपर

महापौर कुंती देवड़ा ने इस पर तंज कसते हुए कहा कि टिशू पेपर और यूज किए हुए कपड़ों को अब नगर निगम के डंपिंग यार्ड में ढूंढना पड़ेगा. वे कहती हैं कि उपयोग के बाद ये कचरे में फेंक दिए गए थे और अब डंपिंग स्टेशन तक पहुंच चुके हैं.

अगर विभाग इन्हें वापस चाहता है तो वे सभी पार्षदों को साथ लेकर वहां जाएंगी और कर्मचारियों की मदद से खोजने की कोशिश करेंगी. यह बयान सुनकर लोग हंस रहे हैं लेकिन देवड़ा गंभीर हैं. 

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दो साल का भेदभाव और विकास का ठप्प होना

देवड़ा ने आरोप लगाया कि उनके बोर्ड के साथ पिछले दो साल से भेदभाव हो रहा है. पार्षदों के काम रोके गए किसी प्रकार का विकास कार्य नहीं हुआ. जब विकास की बात आई तो ध्यान नहीं दिया गया और अब NOC के समय पुराने सामानों की मांग की जा रही है.

वे कहती हैं कि वर्तमान सरकार क्या साबित करना चाहती है? अगर सरकार इस मुद्दे पर सही फैसला नहीं लेती तो मजबूरन प्रदर्शन करना पड़ेगा.

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