दुनिया का सबसे ऊंचा रावण का नहीं हो सका दहन... बाद में नगर निगम ने जलाया, लेकिन अपने नाम कर गया विश्व रिकॉर्ड

राजस्थान के कोटा में दशहरे पर 221.5 फीट ऊंचा रावण का पुतला जलाकर विश्व रिकॉर्ड बनाया गया. 40 लाख रुपये की लागत से बने इस पुतले को रिमोट से जलाया गया.

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कोटा में दशहरे पर 221.5 फीट ऊंचा रावण का पुतला जलाकर विश्व रिकॉर्ड बना दिया.

Ravana Dahan In Kota: राजस्थान के कोटा में दशहरे के मौके पर इतिहास रच दिया गया. यहां दुनिया का सबसे ऊंचा 221.5 फीट का रावण का पुतला जलाकर विश्व रिकॉर्ड बनाया गया. जिसकी कीमत लगभग 40 लाख रुपये बताई गई है. इस भव्य आयोजन में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला मौजूद रहे.

वहीं रावण का विशाल पुतला तकनीकी कारण और बारिश की वजह से पहली बार में पूरी तरह नहीं लग पाया, हालांकि बाद में नगर निगम की टीम ने उसे जला दिया. जिसके साथ ही अब कोटा का नाम एशिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स और इंडिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज होगा.

चार महीने की मेहनत से बना रावण

अंबाला के कारीगर तेजेंद्र चौहान और उनकी 25 सदस्यीय टीम ने चार महीने की कड़ी मेहनत से इस 221.5 फीट ऊंचे रावण के पुतले को तैयार किया. इसकी लागत 40 लाख रुपये रही. पुतले का चेहरा 25 फीट ऊंचा और 3 क्विंटल वजनी है, जिसे फाइबर ग्लास से बनाया गया.

रावण के पुतले को नगर निगम की टीम ने जलाया.

इसके मुकुट की ऊंचाई 60 फीट, तलवार 50 फीट और जूते 40 फीट लंबे हैं. पुतले का कुल वजन 20 टन है, जिसमें 9 टन लोहा, 1500 बांस, 4000 मीटर वेलवेट कपड़ा और 1000 फीट एलईडी लाइट्स का उपयोग हुआ. 

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बारिश में भी अडिग रहा पुतला

देशभर में बारिश ने दशहरे की तैयारियों को प्रभावित किया, लेकिन कोटा का यह रावण तेज हवाओं और बारिश में भी मजबूती से खड़ा रहा. पुतले को स्थिर रखने के लिए 26x24 फीट का ठोस आरसीसी फाउंडेशन बनाया गया. आठ लोहे के रस्सों और 220 टन व 100 टन की हाइड्रोलिक क्रेन की मदद से इसे खड़ा किया गया.

इसके साथ ही पर्यावरण के अनुकूल दहनरावण के दहन के लिए 25 रिमोट कंट्रोल पॉइंट बनाए गए, जिनसे 15,000 ग्रीन पटाखों के साथ आतिशबाजी की गई. ये पटाखे पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाते. रावण के साथ 60 फीट ऊंचे मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले भी जलाए गए, जिनमें 4000-4000 पटाखे और 10-10 रिमोट पॉइंट थे. 

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नए दहन स्थल पर बना नया रिकॉर्ड

पुतले की विशाल ऊंचाई को देखते हुए मेला प्रशासन ने दहन स्थल को विजयश्री रंगमंच से बदलकर मैदान की पूर्व दिशा में स्थानांतरित किया. इस उपलब्धि ने दिल्ली के 210 फीट ऊंचे रावण के रिकॉर्ड को तोड़ दिया.

गुरुवार शाम 7:30 बजे हुए इस दहन ने कोटा को वैश्विक पहचान दिलाई. यह आयोजन न केवल धार्मिक उत्साह का प्रतीक रहा, बल्कि कारीगरों की मेहनत और तकनीकी कौशल का शानदार प्रदर्शन भी साबित हुआ.

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