डीडवाना: कहा जाता है कि पूत कपूत हो सकता है, लेकिन माता कुमाता नहीं होती. लेकिन ये कलयुग है जनाब, इसका प्रभाव हर रिश्ते- नातों पर है. अब आपको ऐसी खबर बताते हैं जो आपको अंदर तक झकझोर कर रख देगी. क्योंकि जिन मासूम बच्चों का कोई कसूर नहीं था उन्हें कलयुगी माताओं ने लावारिस छोड़ दिया है. मामला राजस्थान के डीडवाना जिले के कुचामन और लाडनूं का है. जहां एक ही दिन में दो ऐसे मामले सामने आए जहां कलयुगी मांओं का ना तो दिल पसीजा और ना ही उनकी ममता जागी. जिन बच्चों को 9 महीने पेट में रखा, उन्होंने ही अपने जिगर के टुकड़ों को अपनाने से मना कर दिया.
पालना गृह से हॉस्पिटल में शिफ्ट हुआ मासूम
लाडनूं के सरकारी अस्पताल स्थित पालनागृह में आज सुबह एक नवजात शिशु मिला. जैसे ही पालना गृह का अलार्म बजा तब पूरा ही अस्पताल स्टाफ अलर्ट हो गया. स्टाफ ने शिशु को पालना गृह से रेस्क्यू कर वार्ड में शिफ्ट किया गया.
बच्चा बिल्कुल स्वस्थ है
सूचना मिलने पर सरकारी अस्पताल के पीएमओ डॉ. कमलेश कस्वा मौके पर पहुंचे. इस बारे में कस्वा ने बताया कि चिकित्सकों की टीम ने बच्चे का चेकअप किया है. बच्चा बिल्कुल स्वस्थ है. साथ ही उसकी देखभाल भी की जा रही है. वहीं अस्पताल प्रशासन ने इसकी सूचना लाडनूं एसडीएम और पुलिस को दे दी है.
कुचामन सिटी के मोहल्ले में भी मिला नवजात
इसी प्रकार कुचामन सिटी के एक मोहल्ला में गत रात्रि को एक और नवजात मिला है. नवजात के मिलने की खबर क्षेत्र में आग की तरह फेल गई. इसके बाद पार्षद शाहरुख और समाजसेवी याकूब भाटी ने कुचामन के राजकीय जिला अस्पताल के पीएमओ डॉक्टर प्रहलाद बाजिया और थाना अधिकारी सुरेश कुमार चौधरी को सूचना दी.
करीब 8 से 10 घंटे पहले ही नवजात ने लिया था जन्म
इसके बाद नवजात को अस्पताल ले जाया गया. जहाँ पर शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर हरीश ढाका ने बच्चे की जांच की. शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर हरीश ढाका ने बताया कि नवजात लड़का है. करीब 8 से 10 घंटे पहले ही नवजात ने जन्म लिया है. फिलहाल बच्चा पूर्ण रूप से स्वस्थ है.
उन्होंने बताया कि जरूरी औपचारिकताऐं पूरी कर नवजात को नागौर शिशु गृह भिजवाया जाएगा. दूसरी ओर कुचामन पुलिस थाने के हेड कांस्टेबल सुंदर सिंह डोगीवाल भी जिला अस्पताल पहुंचे. उन्होंने नवजात से संबंधित जानकारी जुटाकर मामले की जांच शुरू कर दी है.
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