Rajasthan News: जयपुर जिले में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश पर शुरू हुआ रास्ता खोलो अभियान ग्रामीणों के लिए राहत का सबब बन गया है. महज साढ़े पांच महीनों में जिला प्रशासन ने 1018 बंद रास्ते खोलकर लाखों ग्रामीणों की राह आसान की है. हर तहसील में प्रति सप्ताह तीन रास्ते खोले जा रहे हैं, जिससे गांवों, खेतों और ढाणियों तक पहुंच सुगम हो रही है.
प्रभावी निगरानी और तेज कार्रवाई
जिला कलक्टर डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी की देखरेख में अभियान की नोडल अधिकारी और अतिरिक्त जिला कलक्टर देवेंद्र कुमार जैन लगातार निगरानी कर रहे हैं.
पिछले एक सप्ताह में ही जयपुर की सभी तहसीलों में 41 बंद रास्ते खोले गए. प्रशासन ने समझाइश और सहमति के जरिए बरसों से बंद रास्तों को खोलने में सफलता हासिल की है. फागी तहसील में सर्वाधिक 84 रास्ते खोले गए, जिनमें 44 पर ग्रेवल सड़क और 2 पर ब्लॉक सड़क का निर्माण चल रहा है.
तहसीलवार रास्तों की उपलब्धि
अभियान के तहत चौमूं में 68, शाहपुरा में 64, जोबनेर में 62, माधोराजपुरा में 57, फुलेरा में 56, दूदू में 55, बस्सी में 51, किशनगढ़-रेनवाल में 51, आंधी में 49, जमवारामगढ़ में 47, तूंगा में 42, रामपुरा-डाबड़ी में 42, चाकसू में 41, कोटखावदा में 41, आमेर में 59, जालसू में 33, सांगानेर में 21 और जयपुर तहसील में 4 रास्ते खोले गए.
ग्रेवल सड़कों से और सुविधा
जिला कलक्टर ने खोले गए रास्तों पर ग्रेवल और सीसी सड़कें बनाने के निर्देश दिए हैं. कई स्थानों पर ग्रेवल सड़कों का निर्माण शुरू हो चुका है. जिन मामलों में रास्तों से जुड़े विवाद कोर्ट में हैं, वहां परिवादियों को न्यायालय से राहत लेने की सलाह दी गई है.
क्यों जरूरी है यह अभियान
ग्रामीण इलाकों में रास्तों पर अतिक्रमण की शिकायतें बढ़ रही थीं, जिससे लोग कोर्ट के चक्कर काटने को मजबूर थे. इससे समय और धन की हानि के साथ कानून-व्यवस्था भी प्रभावित हो रही थी. रास्ता खोलो अभियान ने इन समस्याओं का त्वरित समाधान कर ग्रामीणों के चेहरों पर मुस्कान ला दी है.
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