
Rajasthan Cyber Crime: राजस्थान के अलवर पुलिस ने साइबर ठगी के मामले में बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है. ठगी में पुलिसकर्मी का भाई ऑनलाइन ठग में गिरफ्तार किया है. आरोपी से 17 बैंक खातों में 19 करोड़ की रुपए ठगी का ट्रांजैक्शन हुआ है. अलवर वैशाली नगर थाना पुलिस ने बरकत अली नाम के ऑनलाइन ठग को गिरफ्तार किया है. ठग का भाई अलवर पुलिस में कांस्टेबल के पद पर कार्यरत है. ऑफिस बनाकर प्रोफेशनल तरह से ठगी कर रहा था. इसके 17 बैंक खातों में 19 करोड़ 2 लाख 45 हजार 460 रुपए ऑनलाइन ठगी के जमा किए.
कांस्टेबल का भाई कर रहा था म्यूल अकाउंट से ठगी
इशाक ट्रेडिंग कंपनी के नाम से ठग ने एक फॉर्म बनाई हुई थी . उसके बाद जीएसटी नंबर लेकर अलग-अलग बैंकों में खाते खोले. म्यूल अकाउंट के माध्यम से उनमें ठगी का पैसा इन बैंक खातों में डलवाया था. पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी ने बताया कि वैशाली नगर थाना पुलिस ने बरकत अली(33 साल) निवासी गोपालगढ़ जिला डीग को गिरफ्तार किया है. यह अभी वैशाली नगर क्षेत्र में किराए पर रहता था. इसके पास से पुलिस ने 17 बैंक की चेक बुक, 14 एटीएम कार्ड, 5 बैंक पासबुक, हस्ताक्षर किए हुए चेक, तीन आधार कार्ड, दो पैन कार्ड, दो कार्ड स्वाइप मशीन, दो बार कोड स्कैनर सहित बड़ी मात्रा में सामान बरामद किया है.
एसपी ने बताया कि बरकत ने इसाक ट्रेडिंग नाम से एक कंपनी बनाई और उसका जीएसटी नंबर लेकर करीब 17 अलग-अलग बैंकों में खाते खुलवाए और म्यूल अकाउंट के माध्यम से वो ऑनलाइन ठगी का पैसा इन खातों में डलवात और उसको निकाल लेता था. ऑनलाइन ठगी करने वालों को यह अकाउंट किराए पर देता था और ठग इसमें पैसा डलवाते थे. अकाउंट का किराया कमीशन के रूप में यह पैसे लेता था और बाकी राशि ठगों को लौटा देता था.

क्रिप्टो करेंसी के नाम पर ठगी करने वाले 5 आरोपी
क्रिप्टो करेंसी के नाम पर ठगी करने वाले 5 आरोपी भी गिरफ्तार
अलवर पुलिस ने क्रिप्टो करेंसी के नाम पर ठगी के 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. ऑपरेशन साइबर संग्राम अभियान के तहत बड़ी सफलता पुलिस ने हासिल की है. जिला पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी ने बताया कि साइबर फ्रॉड के मामलों पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने इंडो क्रिप्टो, एमएमएमसी, यूवीसी और वीएनएस कॉइन नामक वर्चुअल क्रिप्टो करेंसी में निवेश के नाम पर लाखों रुपये की ठगी करने वाले 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपी लोगों को क्रिप्टो करेंसी में भारी मुनाफे का झांसा देकर रुपये निवेश करवाते थे. शुरुआत में निवेशकों को कमीशन का लालच दिखाकर रुपये लगवाए जाते थे और जब बड़ी रकम जमा हो जाती थी, तो वीएनएस कॉइन और अन्य वर्चुअल करेंसी की आईडी को अचानक ड्रॉप कर दिया जाता था. इसके बाद आरोपी नई वर्चुअल करेंसी आईडी बनाकर फिर से प्रचार-प्रसार शुरू कर देते थे. गिरफ्तार आरोपियों में पुलिस ने राहुल जांगिड, मनीष जाओरिया, महेन्द्र, प्रकाशचंद और राहुल जाटव को गिरफ्तार किया हैं. पुलिस ने आरोपियों से मोबाइल फोन और कई दस्तावेज बरामद किए हैं. पुलिस का कहना है कि मामले की जांच जारी है और आरोपियों से पूछताछ कर यह पता लगाया जा रहा है कि और कितने लोग इस ठगी में शामिल हैं.
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