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This Article is From Nov 05, 2024

Rajasthan Politics: "हम नहीं लड़ना चाहते थे चुनाव, लेकिन पार्टी ने बात नहीं मानी", चुनाव प्रचार के दौरान बृजेंद्र ओला का बड़ा बयान

Rajasthan By-election झुंझुनूं सीट से विधानसभा चुनाव जीतने के बाद बृजेंद्र ओला इस साल लोकसभा चुनाव भी जीत गए थे. ओला के सांसद बनने के बाद जब यह सीट खाली हुई तो उनके बेटे अमित ओला को टिकट दिया गया.

Rajasthan Politics: "हम नहीं लड़ना चाहते थे चुनाव, लेकिन पार्टी ने बात नहीं मानी", चुनाव प्रचार के दौरान बृजेंद्र ओला का बड़ा बयान

Jhunjhunu By-election: झुंझुनूं सीट से विधानसभा चुनाव जीतने के बाद बृजेंद्र ओला इस साल लोकसभा चुनाव भी जीत गए थे. ओला के सांसद बनने के बाद जब यह सीट खाली हुई तो उनके बेटे अमित ओला (Amit Ola) को टिकट दिया गया. टिकट की घोषणा के बाद पार्टी में भी बगावत के सुर सुनाई दिए और अंदरखाने परिवारवाद की भी बात होने लगी. वहीं, अब बृजेंद्र ओला (Brijendra Ola) ने बड़ा बयान दे दिया है. उन्होंने कहा कि उनका परिवार चुनाव नहीं लड़ना चाहता था. चुनाव प्रचार के दौरान नुक्कड़ सभा में उन्होंने यह बात कही. 

"मैंने कहा था कि मैं विधायक ठीक हूंं, पार्टी नहीं मानी"

ओला ने कहा कि वे लोकसभा का चुनाव भी नहीं लड़ना चाहते थे. यहां तक कि कांग्रेस के लोगों ने भी टिकट वापस लौटा दी थी, लेकिन मैंने उस परिस्थिति में चुनाव लड़ा और जनता के आशीर्वाद से दिल्ली गया. मैंने पार्टी से कहा था कि विधायक ही ठीक हूं, लेकिन पार्टी नहीं मानी और मुझे टिकट देकर भेज दिया.

पार्टी ने कहा कि किसी दूसरे प्रत्याशी की जमानत हो जाएगी जब्त- ओला

सांसद ने कहा कि यही परिस्थिति विधानसभा उपचुनाव में थी. मैंने पार्टी को उपचुनाव के लिए मना कर दिया था. उनका परिवार चुनाव नहीं लड़ना चाहता था. पार्टी से कहा था कि किसी और को उम्मीदवार बना लो, लेकिन पार्टी ने उनकी बात नहीं मानी और टिकट दे दी. पार्टी का कहना था कि किसी दूसरे को प्रत्याशी बनाया तो जमानत जब्त हो जाएगी. ऐसा इसलिए है क्योंकि यह साधारण चुनाव नहीं है, सरकार खुद चुनाव लड़ रही है.

चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने बीजेपी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि उपचुनाव में सरकार हर तरह के हथकंडे अपना रही है. आम आदमी और सरकारी कर्मचारियों को धमकाया जा रहा है. सत्ता का दुरुपयोग किया जा रहा है, लेकिन इनको पता नहीं कि झुंझुनूं वाले कितने बहादुर हैं. ये लोग ज्यादा पैसे वाले नहीं, मेहनत करके पैसे कमाते हैं, इनका सरकार क्या बिगाड़ लेगी, जो बिगाड़ना था वो बिगाड़ लिया.

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