Rajasthan News: राजस्थान के दौसा जिले में डाक बंगले का विवाद अब सियासी रंग ले चुका है. कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के बयान पर विधायक डीसी बैरवा ने सोमवार को पलटवार किया है. कांग्रेस विधायक बैरवा ने कहा कि डाक बंगला किसी बपौती नहीं है. न ही हमने वहां कोई पोस्टर हटाए. डाक बंगले की चाबी कहां रखी है. इसकी सूचना पहले ही दी जा चुकी थी. विधायक डीसी बैरवा ने कहा कि वह खुद और दौसा सांसद डाक बंगला पहुंचे थे, लेकिन वहां ताला लगा मिला.
'जनप्रतिनिधियों का अपमान'
कांग्रेस विधायक ने इसे जनप्रतिनिधियों का अपमान बताते हुए कहा कि चाहे सरकार कांग्रेस की हो या भाजपा की, डाक बंगला हमेशा जनप्रतिनिधियों के लिए 24 घंटे खुला रहना चाहिए. सूचना देने के बावजूद ताले नहीं खोले गए. यह हमारा अपमान है. कांग्रेस विधायक ने कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा द्वारा लगाए गए आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए उन्हें झूठा बताया और कहा कि इस बयानबाजी से डाक बंगला प्रकरण को और अधिक भड़काने का प्रयास किया गया है.
कांग्रेसियों ने पीएम मोदी के फाड़े पोस्टर
दरअसल, डाक बंगले को लेकर विवाद उस समय शुरू हुआ, जब शनिवार को अरावली बचाओ जन आंदोलन के दौरान कांग्रेसियों ने डाक बंगले का ताला तोड़ने का प्रयास किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पोस्टर फाड़े. इसके बाद रविवार को कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा अचानक दौसा डाक बंगला पहुंचे. किरोड़ी ने दौसा सांसद और विधायक को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि यदि ऐसी “पुनरावत्ति” दोबारा हुई तो उसका नहले का जवाब दहले से दिया जायेगा.
किरोड़ी लाल ने क्या कहा?
किरोड़ी लाल ने घटना पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मोदी जी के चित्र फाड़ने से कोई भागीरथ नहीं बन सकता. भाजपा सिर्फ एक नेशनल पार्टी नहीं, बल्कि विश्व का सबसे बड़ा संगठन है, और इस तरह के कृत्य निंदनीय हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि मेरे बारे में कोई कुछ भी कहे, लेकिन मेरे भाई का इन गतिविधियों से कोई लेना-देना नहीं है.
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