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सीएम समय-जगह तय करें, पीछे नहीं हटेंगे... टीकाराम जूली ने स्वीकारा बहस का चैलेंज

राजस्थान में कांग्रेस के 5 साल बनाम भाजपा सरकार के 2 साल के कामकाज पर बहस की चुनौती टीकाराम जूली ने स्वीकार कर लिया है.

सीएम समय-जगह तय करें, पीछे नहीं हटेंगे... टीकाराम जूली ने स्वीकारा बहस का चैलेंज
टीकाराम जूली ने स्वीकारा बहस का चैलेंज

Rajasthan News: राजस्थान में मुख्यमंत्री भजनलाल (CM Bhajanlal Sharma) की पांच साल बनाम दो साल के कामकाज को लेकर बहस की चुनौती को नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली (Tika Ram Jully) ने स्वीकार कर लिया है. नेता प्रतिपक्ष जूली ने कहा कि मुख्यमंत्री स्थान और समय तय करें, जहां मुख्यमंत्री कहेंगे, वहां वे खुद या कांग्रेस का कोई भी नेता मुख्यमंत्री के साथ बहस करने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि सदन के भीतर भी और सदन के बाहर भी कांग्रेस बहस से पीछे नहीं हटेगी. 

'किसानों के वादे पूरे नहीं कर पाई सरकार'

दरअसल राजस्थान में सरकार के दो वर्ष पूरे होने के अवसर पर जहां एक ओर भाजपा सरकार जनता के सामने अपना रिपोर्ट कार्ड पेश कर रही है. वहीं दूसरी ओर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सरकार के दो साल के कामकाज पर सवाल खड़े किए हैं. जयपुर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में टीकाराम जूली ने डबल इंजन की सरकार को हर मोर्चे पर विफल बताया. टीकाराम जूली ने कहा कि सरकार किसानों से किए गए वादे पूरे नहीं कर पाई है.

किसान सम्मान निधि की राशि 12 हजार रुपये करने का वादा किया गया था, लेकिन यह वादा पूरा नहीं हुआ. किसानों को समय पर न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिल पा रहा है. खाद के लिए किसान परेशान हैं. प्रदेश में पानी और बिजली का संकट बना हुआ है. दिन में बिजली देने का वादा करने वाली सरकार सर्दी के मौसम में रात के समय बिजली दे रही है. रोजगार को लेकर भी झूठे वादे किए गए. 

टीकाराम जूली

नेता प्रतिपक्ष, राजस्थान विधानसभा

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पशु बीमा योजना का लाभ भी किसानों और पशुपालकों को नहीं मिल पा रहा है और अब तक केवल 20 लाख पशुओं का ही बीमा हो पाया है. पेट्रोल और डीजल की कीमतें कम करने का वादा भी सरकार पूरा नहीं कर पाई है. टीकाराम जूली ने कहा कि अमेरिका में एक प्रवासी ने उनसे कहा कि उसका काम राजस्थान सरकार में आज तक नहीं हो पाया. 

'अब तक पूरा नहीं हुआ जल जीवन मिशन का काम'

टीकाराम जूली ने सरकार के 72 प्रतिशत वादे पूरे करने के दावे पर सवाल उठाते हुए कहा कि जमीनी हकीकत कुछ और है. उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत 2025 तक सभी घरों में पानी पहुंचाने का वादा किया गया था, लेकिन यह काम भी अब तक पूरा नहीं हो पाया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने दो बजट में 2717 घोषणाएं की थीं, लेकिन उनमें से केवल 754 घोषणाओं पर ही काम शुरू हो पाया है. 08 लाख करोड़ रुपये के एमओयू को लेकर सरकार के पास कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है और यह भी नहीं बताया जा रहा कि कितने एमओयू जमीन पर उतरे.

SIR के ड्राफ्ट को लेकर जूली ने उठाए सवाल

प्रेस कॉन्फ्रेंस में टीकाराम जूली ने एसआईआर के ड्राफ्ट को लेकर भी सरकार और एजेंसियों पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि एसआईआर की वजह से बीएलओ ने आत्महत्या की. टीकाराम जूली ने कहा कि जब साल में दो बार वोटर लिस्ट का काम होता है, तो फिर इस तरह के अभियान की क्या जरूरत थी. उन्होंने कहा कि गरीब और मजदूर वर्ग के लिए अपना वोट बचाना मुश्किल हो गया है. सरकार घुसपैठियों को पकड़ने की बात करती है, लेकिन अब तक कितने घुसपैठिए पकड़े गए, इसका कोई जवाब सरकार नहीं देती. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सभी वोटर लिस्ट का रिव्यू कराएगी.

'मुख्य सचिव खुद तबादला करवाकर चले गए'

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि भाजपा सरकार ने तबादला नीति लाने का वादा किया था, लेकिन हालात यह हैं कि मुख्य सचिव खुद अपना तबादला करवा कर चले गए. उन्होंने कहा कि किसानों को न तो पानी पूरा मिल पा रहा है और न ही बिजली. दिन में बिजली देने का सपना दिखाया गया था, लेकिन सर्दी के मौसम में किसानों को रात में बिजली दी जा रही है, जिससे किसान परेशान हैं. टीकाराम जूली ने कहा कि सरकार की नीतियों की वजह से किसान, मजदूर, कर्मचारी और युवा सभी वर्ग खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार सवालों से भाग रही है, लेकिन कांग्रेस जनता के सवाल लगातार उठाती रहेगी.

प्रेस कॉन्फ्रेंस में उपनेता प्रतिपक्ष रामकेश मीणा और सचेतक रफीक खान ने कहा कि सरकार ने भ्रष्टाचार खत्म करने का वादा किया था, लेकिन आज पूरे राजस्थान में भ्रष्टाचार अपनी हदें पार कर चुका है. उन्होंने कहा कि अगर कोई भ्रष्टाचार में पकड़ा भी जाता है, तो सरकार अभियोजन स्वीकृति नहीं देती. अभियोजन स्वीकृति नहीं देकर सरकार खुद भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रही है. रामकेश मीणा ने कहा कि कांग्रेस सरकार के समय जो जिले बनाए गए थे, वर्तमान सरकार ने उन्हें खत्म कर दिया और जिन इलाकों में जिले खत्म किए गए हैं, वहां अपराध बढ़ा है.

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