राजस्थान के SIR-2026 अभियान में तेजी, 9 दिन में बांटे 4.25 करोड़  गणना प्रपत्र, 78 प्रतिशत मतदाताओं तक पहुंचा 

राजस्थान में मतदाता सूची सुधार का विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान (एसआईआर-2026) तेजी से आगे बढ़ रहा है. नौ दिनों में 4.25 करोड़ फॉर्म बांटे जा चुके हैं, जो 78% मतदाताओं तक पहुंच चुके हैं. 

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भारतीय निर्वाचन आयोग.

Rajasthan News: राजस्थान में मतदाता सूची को मजबूत बनाने का बड़ा अभियान चल रहा है. यह विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम 2026 है जिसे एसआईआर-2026 भी कहते हैं. नौ दिनों में ही इस अभियान ने कमाल कर दिया है. अब तक 4.25 करोड़ गणना फॉर्म बांटे जा चुके हैं और राज्य के 78 प्रतिशत मतदाताओं तक यह पहुंच चुका है.

मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने बताया कि यह काम तेजी से आगे बढ़ रहा है लेकिन कुछ जगहों पर और मेहनत की जरूरत है. उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि पिछड़े इलाकों में काम की गति बढ़ाएं क्योंकि भारत निर्वाचन आयोग खुद इसकी निगरानी कर रहा है.

जिलों में वितरण की ताजा स्थिति

इस अभियान में कुछ जिले बहुत आगे निकल चुके हैं. झालावाड़ और चित्तौड़गढ़ ने 90 प्रतिशत से ज्यादा फॉर्म बांट दिए हैं. झालावाड़ तो 95.15 प्रतिशत के साथ सबसे ऊपर है. लेकिन झुंझुनू जिला 66.26 प्रतिशत पर अटका हुआ है और सबसे पीछे चल रहा है.

अब राज्य में सिर्फ पांच जिले ऐसे बचे हैं जहां वितरण 70 प्रतिशत से कम है. ये हैं झुंझुनू भरतपुर सवाई माधोपुर कोटा और डीडवाना-कुचामन. महाजन ने इन जिलों के अधिकारियों को सख्त हिदायत दी कि जल्द सुधार लाएं. जोधपुर जिले में काम की रफ्तार बढ़ने पर उन्होंने खुशी जताई.

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विधानसभा क्षेत्रों का प्रदर्शन

विधानसभा स्तर पर देखें तो झालरापाटन ने 99.4 प्रतिशत फॉर्म बांटकर सबको पीछे छोड़ दिया है. डग क्षेत्र भी 97.3 प्रतिशत के साथ मजबूत स्थिति में है. लेकिन भरतपुर विधानसभा सिर्फ 49.2 प्रतिशत पर है और सादुलशहर 52.5 प्रतिशत के साथ सबसे नीचे. महाजन ने कहा कि हर क्षेत्र में समान रूप से काम हो ताकि कोई मतदाता छूट न जाए.

डिजिटल काम में तेजी की अपील

अभियान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है भरे हुए फॉर्मों को डिजिटल बनाना. अब तक 11.30 लाख से ज्यादा फॉर्म ईसीआईनेट पर दर्ज हो चुके हैं. बाड़मेर भरतपुर और झालावाड़ इस काम में सबसे आगे हैं. लेकिन बीकानेर चुरू और टोंक में गति धीमी है.

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विधानसभा स्तर पर बाड़मेर सबसे अच्छा कर रहा है जबकि दातारामगढ़ सबसे पीछे. मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने सभी जिला अधिकारियों से कहा कि डिजिटाइजेशन को और तेज करें. बीएलओ यानी बूथ लेवल अधिकारियों को तकनीकी मदद दें ताकि काम सुचारू चले.

ऑनलाइन सुविधा का फायदा उठाएं

महाजन ने नागरिकों से अपील की कि वे घर बैठे ही फॉर्म भरें. वेबसाइट voters.eci.gov.in पर जाकर आसानी से गणना फॉर्म ऑनलाइन सबमिट कर सकते हैं. यह फॉर्म खुद-ब-खुद बीएलओ तक पहुंच जाता है. इसलिए दोबारा कागजी फॉर्म भरने की जरूरत नहीं पड़ेगी. यह तरीका समय बचाता है और काम आसान बनाता है. 

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घर-घर सत्यापन का महत्व

यह अभियान 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक चलेगा. इसमें बीएलओ हर मतदाता के घर जाकर नाम पता आयु और अन्य जानकारियों की जांच कर रहे हैं. महाजन ने कहा कि यह प्रक्रिया मतदाता सूची को साफ-सुथरा और विश्वसनीय बनाने के लिए जरूरी है.

उन्होंने सभी लोगों से कहा कि जब बीएलओ आएं तो सही और ताजा जानकारी जरूर दें. यह आपका अधिकार है और जिम्मेदारी भी. इस अभियान का लक्ष्य है हर योग्य मतदाता को सूची में जोड़ना और गलत नामों को हटाना. इससे लोकतंत्र और मजबूत होगा.

मुख्य आंकड़े 

गणना फॉर्म बांटे गए: 4.25 करोड़ 

कवरेज: 78 प्रतिशत मतदाता

सबसे आगे जिला: झालावाड़ (95.15 प्रतिशत)

सबसे पीछे जिला: झुंझुनू (66.26 प्रतिशत)

शीर्ष विधानसभा: झालरापाटन (99.4 प्रतिशत)

डिजिटल फॉर्म: 11.30 लाख से ज्यादा

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