Rajasthan News: राजस्थान के करौली जिले में एक दुखद घटना ने पूरे क्षेत्र को शोक में डुबो दिया. पंजाब में तैनात बहादुर सैनिक बिरम गुर्जर का निधन हो गया. वे पिछले कुछ दिनों से बीमार थे और उनका इलाज दिल्ली के सैन्य अस्पताल में चल रहा था. वहां ऑपरेशन के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका और शुक्रवार को उन्होंने अंतिम सांस ली. बिरम गुर्जर ग्राम पंचायत पितरामपुरा के भोलूपुरा गांव के निवासी थे जहां उनका परिवार रहता है.
बीमारी से जंग हार गए बहादुर योद्धा
सैनिक बिरम गुर्जर ड्यूटी के दौरान पंजाब में अचानक बीमार पड़ गए. पहले उन्हें स्थानीय सैन्य अस्पताल में भर्ती किया गया लेकिन हालत बिगड़ने पर दिल्ली रेफर कर दिया गया.
क्षेत्रीय विधायक हंसराज मीणा ने बताया कि वे देश सेवा में लगे हुए थे जब यह दुखद हादसा हुआ. परिवार और गांव वालों के लिए यह खबर सदमे जैसी थी. बिरम गुर्जर की उम्र ज्यादा नहीं थी लेकिन उन्होंने सेना में अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए जीवन समर्पित किया.
गांव में पहुंचा पार्थिव शरीर, छाया गहरा शोक
शनिवार को जब सैनिक का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव भोलूपुरा लाया गया तो पूरे इलाके में मातम छा गया. लोग भावुक हो उठे और वातावरण भारत माता की जय तथा शहीद अमर रहे के नारों से गूंज उठा. वजीरपुर से भोलूपुरा तक लगभग सात किलोमीटर लंबी अंतिम यात्रा निकाली गई. इसमें सैकड़ों ग्रामीण जनप्रतिनिधि और युवा शामिल हुए. हर कोई इस वीर सैनिक को श्रद्धांजलि देने के लिए सड़कों पर उमड़ पड़ा.
सेना का सम्मान और भावुक विदाई
अंतिम यात्रा के दौरान क्षेत्रीय विधायक हंसराज मीणा सेना के अधिकारियों और जवानों ने पार्थिव देह पर पुष्प चक्र अर्पित किए. सेना के जवानों ने सैनिक को अंतिम सलामी दी जो हर किसी के दिल को छू गई. सैन्य परंपरा के मुताबिक तिरंगा उनके पिता समय सिंह गुर्जर को सौंपा गया.
इसके बाद गांव के पैतृक खेत में पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. सबसे मार्मिक पल तब आया जब सैनिक के सात वर्षीय पुत्र ने मुखाग्नि दी. मौके पर मौजूद लोगों की आंखें नम हो गईं और कई तो रो पड़े.
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