Rajasthan News: श्रावण माह की शुरुआत 11 जुलाई 2025 से हो चुकी है. इस पवित्र महीने में देशभर के शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है. इसी बीच राजस्थान में उदयपुर के बड़गांव स्थित पातालेश्वर महादेव मंदिर भी भक्ति के रंग में रंगा है. यह अनोखा मंदिर एक गुफा में बसा है. जहां भगवान शिव पातालेश्वर के रूप में विराजमान हैं. वहीं श्रावण माह में यहां भक्तों का तांता लगा रहता है.
गुफा में बसे महादेव की कहानी
मंदिर के पुजारी खेमराज गमेती ने बताया कि यह बहुत प्राचीन शिवलिंग है लेकिन सामने वर्ष 1960 में आई. दरअसल मंदिर के पीछे को तरफ हमारे एक कमरे का निर्माण कार्य चल रहा था. खुदाई के दौरान पत्थर निकले और गिरे तो एक छोटी से 3 फिट चौड़ी गुफा दिखाई दी. इसके बाद रात को सोया तो सपना आया कि इस गुफा के अंदर खजाना छुपा है. यह बात मेरे अन्य तीन दोस्तों को बताया.
जिसके बाद तीनों दोस्त उस तीन फिट गुफा से नीचे की तरफ गए तो. मलबा भरा हुआ था और सामने चट्टान सी आकृति को शिवलिंग थी. हमें खजाने के रूप में शिवलिंग मिली. इसके बाद धीरे धीरे यहां मलबा हटाने सहित मंदिर का कार्य शुरू हुआ. उन्होंने बताया कि भगवान महादेव सभी भक्तों पर बड़ी कृपा रखते हैं. कई भक्त यहां मन्नत मांगते हैं और उनकी मन्नत पूरी
जानें मंदिर की गुफा का रहस्य
मंदिर के ऊपर से मदार नहर बहती है, जिसका पानी बरसात में फतहसागर झील में जाता है. पहले नहर का पानी मंदिर में आ जाता था, जिससे भक्त पानी में से होकर दर्शन करते थे. अब सीढ़ियां और रेलिंग बनने से यह समस्या खत्म हो गई है. भक्त रेलिंग पकड़कर गुफा में उतरते हैं. शिवलिंग के पीछे एक और गुफा है, जिसका अंत आज तक कोई नहीं जान सका. यह रहस्य मंदिर की खासियत को और बढ़ाता है.
भक्तों की अटूट आस्था
यहां आने वाले भक्तों का कहना है कि पातालेश्वर महादेव की कृपा से उनकी हर मनोकामना पूरी होती है. शहरवासियों के साथ-साथ दूर-दराज से भी भक्त दर्शन के लिए आते हैं. दशकों से यह मंदिर आस्था का केंद्र बना हुआ है. श्रावण माह में यहां का माहौल और भी भक्तिमय हो जाता है.
आकर्षण का केंद्र बना मंदिर
पातालेश्वर महादेव मंदिर अपनी प्राचीनता, गुफा और रहस्यमयी आकर्षण के लिए जाना जाता है. श्रावण माह में यह मंदिर भक्तों के लिए विशेष आध्यात्मिक अनुभव का केंद्र बन रहा है.