
Rajasthan Weather: राजस्थान में पिछले तीन दिनों से किसी भी जिले में बारिश नहीं हुई है, जिसके कारण तापमान में लगातार बदलाव हो रहा है-दिन में शुष्क जबकि सुबह-शाम तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है. जिससे हल्की ठंड का एहसासा होने लगा है. जयपुर मौसम विज्ञान केंद्र के आंकड़ों के मुताबिक, दीपावली तक बारिश की संभावना न के बराबर है. इसके बजाय, ठंडी हवाएं चलती रहेंगी . जिससे तापमान गिरेगा और सर्दी का असर तेजी से बढ़ेगा.
24 घंटों में 20 डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज तापमान
पिछले 24 घंटों में जयपुर, उदयपुर, श्रीगंगानगर, करौली समेत कई शहरों में रात का न्यूनतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज किया गया. उत्तर-पूर्वी राजस्थान के जिलों में रात में तापमान गिरने के साथ ही हल्की ठंडी हवाएं भी शुरू हो गई हैं. जयपुर, सीकर, झुंझुनूं, हनुमानगढ़, चूरू और अलवर में सुबह-शाम हल्की ठंडी हवाएं चलने से लोगों को सर्दी का अहसास बढ़ने लगा है
सीकर रहा सबसे ठंडा
जयपुर मौसम विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञों के अनुसार, राजस्थान के अधिकांश जिलों में अभी अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक दर्ज हो रहा है. साथ ही, विंड पैटर्न में बदलाव के कारण दिन में पश्चिमी हवाएं चलने से हल्की सर्दी का अहसास हो रहा है. बीते 24 घंटों में सीकर सबसे ठंडा रहा, जहां न्यूनतम तापमान 15.5 डिग्री सेल्सियस तो अधिकतम तापमान बाड़मेर में 35.8 डिग्री में दर्ज किया गया.
— मौसम विज्ञान केंद्र जयपुर (@IMDJaipur) October 12, 2025
राजस्थान के प्रमुख जिलों का न्यूनतम तापमान
जयपुर मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, पूरे राजस्थान में मानसून के बाद मौसम लगातार शुष्क हो रहा है और सभी जिलों में दिन के तापमान में कमी देखी जा रही है. रविवार को भरतपुर में न्यूनतम तापमाम 20°C, अलवर में न्यूनतम 19.5°C, धौलपुर में न्यूनतम 21°C, करौली में न्यूनतम 20.0 °C, सवाई माधोपुर न्यूनतम 20°C, अजमेर में न्यूनतम 22.0 °C, भीलवाड़ा में न्यूनतम 16.8 °C, बाड़मेर में न्यूनतम 24°C, कोटा में न्यूनतम 19.6°C, जालोर में न्यूनतम16.5°C,चित्तौडगढ़ में न्यूनतम 17.2°C और श्रीगंगानगर में न्यूनतम 19.5 °C रहने की संभावना है.
शीतलहर और मावठ छुड़ाएगी धूजणी
मौसम केंदआ जयपुर के मुताबिक इस बार ला-नीना के असर से देश के उत्तर पूर्वी इलाकों में सर्दी के टर्चर बढ़ने का संकेत मिल रहा है. विंड पैटर्न में हो रहे बदलाव के इसका इशारा दे रहे है क्योंकि उत्तर पूर्वी हवाएं अक्टूबर माह में ही चलने लगी हैं. जिसका असर रात में गिरते तापमान के रूप में नजर आने लगा है. उत्तर पूर्वी हवा के असर से इस बार नवंबर माह में ही शीतलहर चलने की आशंका है और हर साल दिसंबर- जनवरी माह में होने वाली मावठ का दौर भी इस साल जल्द सक्रिय होने की आशंका मौसम विभाग जता रहा है.
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