विज्ञापन

Rajasthan: मोक्षधाम तक कीचड़ में शवयात्रा ले जाने को मजबूर ग्रामीण, लकड़ियां गिली होने पर टायर डाल किया अंतिम संस्कार

Rajasthan News: राजसमंद के आसन गांव से एक दिल को छू लेने वाली भावुक तस्वीरें सामने आई है. जहां ग्रामीण भारी बारिश में अपने परिजनों का अंतिम संस्कार खुले में करने को मजबूर हो रहे हैं.

Rajasthan: मोक्षधाम तक कीचड़ में शवयात्रा ले जाने को मजबूर ग्रामीण, लकड़ियां गिली होने पर टायर डाल किया अंतिम संस्कार
Rajsamand Moksh Dham News

Rajsamand Viral Pic: राजसमंद के आसन गांव से एक दिल को छू लेने वाली भावुक तस्वीरें सामने आई है. इसे देखकर हर किसी की आंखें नम हो गईं. दरअसल यह तस्वीरें  जिले के आसन गांव का है जहां ग्रामीण भारी बारिश में अपने परिजनों का अंतिम संस्कार खुले में करने को मजबूर हो रहे हैं. मामला राजसमंद के आमेट तहसील के बीकावास ग्राम पंचायत के आसन गांव का है. जहां आजादी के कई साल बाद भी श्मशान घाट में आज तक टीन शेड नहीं है. जिसके चलते ग्रामीणों को अपने प्रियजनों को खुले में अंतिम विदाई देने को मजबूर होना पड़ रहा है.

 टायर जलाकर किया दाह संस्कार 

वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि गांव से मुक्ति धाम तक का रास्ता दुर्गम है और शव को कंधों पर लेकर बड़ी मुश्किल से चलना पड़ता है. जरा सी चूक होने पर अर्थी कंधे से फिसल कर जमीन पर गिर सकती है. हालात ये थे कि कल शाम आसन गांव में एक वृद्ध की मौत हो गई तो लगातार हो रही बारिश के कारण उसका दाह संस्कार खुले में करना पड़ा. लकड़ियां गीली होने के कारण जब चिता नहीं जली तो ग्रामीणों ने टायर जलाकर दाह संस्कार किया. जबकि हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार चिता को सबसे पवित्र माना जाता है. इसमें पवित्र वस्तुओं के साथ ही सभी का दाह संस्कार किया जाता है. इस पद्धति में टायर, पेट्रोल, डीजल जैसे ज्वलनशील पदार्थों का प्रयोग वर्जित माना जाता है. इसकी जगह अग्नि जलाने के लिए चीनी, लाल कपूर आदि पवित्र पूजन सामग्री का प्रयोग करने का प्रावधान है.

खुले में दांह संस्कार करने को मजबूर हुए ग्रामीण

खुले में दांह संस्कार करने को मजबूर हुए ग्रामीण
Photo Credit: NDTV

बेसिक जरूरतों का भी है अभाव

ग्रामीणों के अनुसार जनप्रतिनिधियों को कई बार इस समस्या से अवगत कराया गया लेकिन वे सिर्फ चुनाव के समय वादे करते हैं और उसके बाद भूल जाते हैं.उन्होंने आगे बताया कि श्मशान घाट में भट्ठी, टीन शेड, लकड़ियां रखने और बैठने के लिए स्टोर रूम की कोई व्यवस्था नहीं है. इस पूरे मामले में सबसे बड़ा सवाल जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ स्थानीय ग्राम पंचायत पर भी उठता है. जब राज्य सरकार ने मुक्तिधाम के लिए हर पंचायत को अलग से बजट दिया था लेकिन इस पंचायत में मुक्तिधाम के लिए कोई काम नहीं हुआ है.

यह भी पढ़ें: Rajasthan: हनुमानगढ़ में अवैध डीजल फैक्ट्री का भंडाफोड़, गुजरात की कंपनी के नाम पर हो रहा था लाखों का कारोबार, हर महीने बिकते थे 25 टैंकर

Rajasthan.NDTV.in पर राजस्थान की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार, लाइफ़स्टाइल टिप्स हों, या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें, सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
Close