Rajsathan Politics: राजस्थान में सियासी संकट की आहट, किरोड़ी लाल मीणा ने CM भजनलाल के खिलाफ क्यों खोला मोर्चा, समझें मायने

Kirodi Lal Meena vs Bhajan Lal Sharma: राजस्थान के कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने अपनी ही सरकार को घेरा है. जयपुर के गांधीनगर इलाके में पीपीपी मोड पर बन रहे बिल्डिंग को लेकर मंत्री मीणा ने 1146 करोड़ रुपए की हेराफेरी की बात कही है. उन्होंने चिट्ठी लिखकर सीएम को फाइल वापस लेने की बात कही है.

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राजस्थान के कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा.

Rajsathan Politics: देश में चल रहे लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) के बीच राजस्थान में एक नए सियासी बवंडर (Political Crisis) की आहट सुनाई पड़ रही है. इस सियासी बवंडर की जद में भाजपा (BJP) और प्रदेश की मौजूदा सरकार (Bhajan Lal Sharma Govt) है. बीते कुछ दिनों में राजस्थान में जिस तरह से चिट्ठी-पत्री का दौर शुरू हुआ है, उसे देखते हुए कयास लगाया जा रहा है कि 4 जून को लोकसभा चुनाव के नतीजे (Lok Sabha ELections Result) आने के बाद प्रदेश नेतृत्व में बदलाव हो सकता है. हालांकि अभी पक्के तौर पर कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा. लेकिन इतना तो तय है कि राजस्थान भाजपा में सब कुछ सही नहीं चल रहा है. दरअसल राजस्थान भाजपा के कद्दावर नेता और मौजूदा सरकार के कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा (Kirodi Lal Meena) ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Bhajan Lal Sharma) के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. 

गांधीनगर बिल्डिंग निर्माण की योजना में 1146 करोड़ की हेरा-फेरी की बात

दरअसल राजस्थान सरकार के कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को एक पत्र लिखा है. इस पत्र में मीणा ने जयपुर के गांधीनगर स्थित ओल्ड एमआरसी कैंपस और गाँधीनगर में स्थित राजकीय कॉलोनी के पुनर्विकास योजना के नाम पर पीपीपी मॉडल पर मल्टी स्टोरी बिल्डिंग बनाने के प्रोजेक्ट में 1146 करोड़ रुपए की हेरा-फेरी होने की आशंका जताई है. किरोड़ी लाल मीणा ने इस प्रोजेक्ट में कुछ अफसर पर Real Estate Development & Construction Corporation of Rajasthan Limited (REDCC) से मिलीभगत से काली कमाई करने का आरोप लगाते हुए CM के नाम एक पत्र लिखा है.

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गांधीनगर में बिल्डिंग निर्माण की योजना का कोई रोडमैप नहीं

किरोड़ी लाल मीणा ने पत्र में लिखा है कि यह योजना पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप में NBCC और REDCC के माध्यम से व स्वघोषित आधार पर बनाई जा रही है. इस में कुल 6 टावर बनाए जाएंगे. जिसमें से दो टावर निजी व्यक्तियों को बेचा जाएगा. मीणा ने कहा इस योजना में ना कोई रोड मैप है, और ना ही पर्यावरण और मोर जैसे पशु-पक्षियों का ध्यान रखा गया है. वर्तमान में इन सरकारी आवास में तीन ओलंपिक खिलाड़ी भी रहते हैं जो कि ओलंपिक खेलों के लिए बाहर गए हुए हैं. ये ओलंपिक जून जुलाई में आयोजित होने हैं. इसके चलते इन खिलाड़ियों के खेल पर भी असर पड़ सकता है. यहां हाईकोर्ट के न्यायाधिपति का निवास है. यह वीआईपी सड़क के पास बनाई जा रही है. 

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पढ़ें किरोड़ी लाल मीणा की राजस्थान सीएम भजनलाल की लिखी पूरी चिट्ठी-

kirodi lal meena Letter by prabhanshuranjan.prabhu on Scribd

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चिट्ठी के जरिए किरोड़ी लाल मीणा ने अपनी ही सरकार को घेरा

किरोड़ी लाल मीणा ने इस चिट्ठी के जरिए अपनी ही सरकार को घेरा है. कृषि मंत्री ने इस चिट्ठी के जरिए सीधे मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को घेरा है. क्योंकि ये विभाग डायरेक्ट मुख्यमंत्री के दायरे में आता है. किरोड़ी ने सरकार को चेताया है कि उनका करीब इस योजना में 1146 करोड़ का नुकसान हो सकता है. इसीलिए कैबिनेट मंत्री ने सीएम से तुरंत फाइल वापस मंगाने के लिए लिखा है. किरोड़ी लाल मीणा की इस चिट्ठी से नेतृत्व में बदलाव की चर्चा भी तेज हो गई है. 

किरोड़ी लाल कर चुके इस्तीफे की बात, कन्हैया लाल ने किरोड़ी को सीएम बनाने की मांग की

लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान किरोड़ी लाल मीणा ने पूर्वी राजस्थान की सीटों का जिम्मा संभाल रखा था. किरोड़ी लाल मीणा अपने जिम्मे वाली सीटों पर भाजपा की जीत को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त है. वो चुनावी सभाओं के साथ-साथ कई मौकों पर साफ यह कह चुके हैं कि यदि इन सीटों पर हार मिली तो मैं मंत्री पद से इस्तीफा दे दूंगा. किरोड़ी लाल मीणा के इस्तीफे की बात के बीच बीते दिनों दौसा लोकसभा सीट के भाजपा प्रत्याशी कन्हैया लाल मीणा ने किरोड़ी लाल को मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग की थी. 

पहली परीक्षा में फेल हुए भजनलाल, दूसरी में फेल होने की चर्चा

इन सब घटनाक्रमों से यह आशंका जताई जा रही है कि 4 जून को लोकसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन हो सकता है. मालूम हो कि राजस्थान में मुख्यमंत्री बनने के बाद भजनलाल शर्मा पहली परीक्षा में फेल हो चुके हैं. सीएम बनने के बाद उनकी पहली परीक्षा करणपुर विधानसभा चुनाव था. जहां वो अपने मंत्री को चुनाव नहीं जीता सके. अब लोकसभा चुनाव में भी भाजपा राजस्थान में पिछला प्रदर्शन दोहराने की स्थिति में नजर नहीं आ रही है. ऐसे में दो परीक्षाओं में फेल होने के बाद प्रदेश में नेतृ्त्व बदलाव की चर्चा तेज हो गई है. 

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