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फॉरेस्ट गार्ड पिता की मौत के बाद मिली नौकरी, अब बाघ हमले में रेंजर ने गंवाई जान; आज ही ज्वाइन की थी ड्यूटी

Sawai Madhopu News: सवाई माधोपुर स्थित प्रदेश के सबसे बड़े रणथंभौर टाइगर रिजर्व में एक बाघ ने रेंजर पर हमला कर उसे मार डाला. इसके बाद बाघ शव को घसीटकर जंगल की ओर ले गया और बीस मिनट तक उसके पास बैठा रहा.

फॉरेस्ट गार्ड पिता की मौत के बाद मिली नौकरी, अब बाघ हमले में रेंजर ने गंवाई जान; आज ही ज्वाइन की थी ड्यूटी
मृत्तक फॉरेस्ट गार्ड देवेंद्र चौधरी

Ranthambhore: सवाई माधोपुर स्थित प्रदेश के सबसे बड़े रणथंभौर टाइगर रिजर्व से एक बार फिर बुरी खबर आई है. रणथंभौर नेशनल पार्क के जोगी महल गेट पर तैनात फॉरेस्ट गार्ड देवेंद्र चौधरी पर बाघ ने हमला कर दिया, जिसमें उसकी मौत हो गई. पिता की मौत के 8 साल पहले नौकरी मिली थी.  

पिता की जगह बेटे को मिली थी नौकरी

मृत्तक गुढ़ा वनरक्षक के पद पर तैनात था और हाल ही में उसका प्रमोशन हुआ था. 7 मई को उसे जोगी महल में पदस्थापित किया गया था, जहां उसे अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई थी. मृतक के पिता भी रणथंभौर में वनरक्षक थे. ड्यूटी के दौरान पिता की मौत होने पर 2017 में अनुकंपा  नियुक्ति के आधार पर उसे नियुक्त किया गया था. वह अपने घर का एकलौता कमाने वाला था. अब उसके परिवार में बीवीऔर  मृतक का डेढ़ साल का बेटा है।

किरोड़ी लाल मीणा ने अस्पताल पहुंचकर घटना का लिया जायजा 

शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया है. मौके पर एसडीएम अनूप सिंह, डीएफओ प्रथम आरएन भाकर, डीएफओ पर्यटन प्रमोद कुमार धाकड़ और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रामकुंवार कस्वां मौजूद रहे. इस दौरान सवाई माधोपुर पहुंचे स्थानीय विधायक और कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीण भी जिला अस्पताल की मोर्चरी पहुंचकर घटना की जानकारी ली.

वन विभाग घटना की गंभीरता से करें जांच

वही कृषि मंत्री डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने इस घटना पर दुख जताते हुए वन विभाग से इस घटना को गंभीरता से लेने को कहा है. उन्होंने कहा कि वन विभाग को इसकी गंभीरता से जांच करनी चाहिए. जिसमें यह पता लगाना चाहिए कि क्या कोई आदमखोर बाघ है जो जगह-जगह इस तरह की घटनाओं को अंजाम दे रहा है? या फिर कोई और वजह है जिसकी वजह से बाघों के व्यवहार में बदलाव आ रहा है?

अधिकतम पैकेज दिलवाने का करेंगे प्रयास

उन्होंने आगे कहा कि वे फॉरेस्ट गार्ड के परिवार के लिए सीएम और वन मंत्री से बात करेंगे  उन्होंने इस संबंध में डीएफओ से भी बात की है. परिवार में डेढ़ साल का बेटा और विधवा है. उनके जीवन-यापन के लिए नियमानुसार सरकार से अधिकतम पैकेज दिलवाने का प्रयास करेंगे.

  कैसे हुआ हादसा

हादसे के संबंध में मृतक के दोस्त अमित ने बताया कि वह आज (रविवार) दोपहर 12 बजे अपने दोस्त देवेंद्र चौधरी को अपनी कार से गुढ़ा चौकी से जोगी महल छोड़ने आया था, जहां 7 मई को वन अधिकारियों ने उसकी पोस्टिंग कर दी थी. वह उसे वहीं छोड़कर वापस चला गया.

छतरी के अंदर बैठे बाघ ने अचानक किया हमला

वहां काम कर रहे मजदूरों ने बताया कि फॉरेस्टर देवेंद्र चौधरी जोगी महल गेट से कुछ दूरी पर बन रहे दरवाजे का निर्माण कार्य देखने जा रहे थे. इसी दौरान छतरी के अंदर बैठे बाघ ने अचानक उन पर हमला कर दिया और उनकी गर्दन पर झपट्टा मारा. और उन्हें घसीटकर जंगल में ले गया. और 20 मिनट तक उनके शव के पास बैठा रहा. सूचना मिलने पर डीएफओ रामानंद भाकर मौके पर पहुंचकर घटना का निरीक्षण किया

 अस्पताल में डॉक्टर ने किया मृत घोषित

वनकर्मी देवेंद्र चौधरी के साथ हुई इस घटना को जब कर्मचारियों ने देखा तो उन्होंने तुरंत शोर मचाया. इसके बाद जोगी महल गेट पर मौजूद वनकर्मी मौके पर पहुंचे और शोर मचाकर बाघ को भगाया. इसके बाद वनकर्मियों ने वनकर्मी के शव को कैंपर में डालकर जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

16 अप्रैल को 7 साल  के गणेश की ली थी जान

उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले 16 अप्रैल को बाघिन टी-84 एरोहेड की छोटी बेटी कनकटी उर्फ ​​अन्वी ने 7 वर्षीय गणेश को उसके परिवार के बीच ही शिकार बनाकर मार डाला था। अब महज 25 दिन बाद बाघ के हमले की एक और घटना सामने आई है, जो गणेश भक्तों और वनकर्मियों की सुरक्षा पर सवाल खड़े करती है.

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