NDTV ऑफिस पहुंचे रविंद्र सिंह भाटी, इलेक्शन फंडिंग, देशद्रोह के आरोप और हेलीकॉप्टर से चुनाव प्रचार पर खुलकर की बातचीत

Ravindra Bhati NDTV Interview: राजस्थान की सबसे बड़ी संसदीय सीट बाड़मेर लोकसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे रविंद्र भाटी ने गुरुवार को एनडीटीवी से विशेष बातचीत की. वो दिल्ली स्थित एनडीटीवी ऑफिस पहुंचे थे. जहां उन्होंने कई मुद्दों पर खुलकर बातचीत की.

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Ravindra Bhati NDTV Interview: रविंद्र भाटी की एनडीटीवी से विशेष बातचीत.
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Ravindra Bhati NDTV Interview: बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट (Barmer Lok Sabha Seat) के निर्दलीय उम्मीदवार और शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी (Ravindra Bhati) गुरुवार को दिल्ली स्थित NDTV के ऑफिस पहुंचे. जहां उन्होंने लोकसभा चुनाव के साथ-साथ बाड़मेर की राजनीति और उनपर लगे देशद्रोह सहित अन्य आरोपों पर भी खुलकर बातचीत की. एनडीटीवी के सीनियर जर्नलिस्ट विकास भदौरिया से खास बातचीत में रविंद्र भाटी ने हेलीकॉप्टर से चुनाव प्रचार करने, फंडिंग सहित अन्य मु्द्दों पर बात की. 

रविंद्र भाटी ने हेलीकॉप्टर से चुनाव प्रचार क्यों किया

हेलीकॉप्टर से चुनाव प्रचार से जुड़े सवाल पर रविंद्र भाटी ने कहा कि मेरे इतने साथी हैं, जिन्होंने हर समय मेरा साथ दिया. छात्रसंघ चुनाव के समय भी मेरे साथियों ने मेरा सहयोग किया. विधानसभा चुनाव के समय भी मेरे साथियों ने मेरा सहयोग किया. लोकसभा चुनाव के समय भी मुझ पर खूब सारे आरोप लगे. भाटी ने आगे कहा बाड़मेर, जैसलमेर, बालोतरा लोकसभा सीट हरियाणा से भी बड़ा है. दूसरे दलों और प्रत्याशियों के साथ स्टार प्रचारक है. दूसरे लोग भी उनके प्रचार के लिए है. लेकिन मैं अकेला हूं. ऐसे में मेरे लोगों ने, 36 कौमों के लोगों ने कहा कि आप ही आ जाओ हमारे लिए आप ही सबकुछ हो. इसलिए चुनाव प्रचार के अंतिम समय में मैंने हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया. 

रविंद्र भाटी जनता के आदेश के अनुसार आगे आया. रविंद्र भाटी ने कहा कि कोई साधारण परिवार से 25 साल की उम्र में चुनाव लड़ने आता है तो पुराने नेताओं को डर लगता है. मेरे मामले में भी यहीं हुआ. मैंने पार्टी से टिकट मांगा था. लेकिन नहीं मिला. फिर जनता के आदेश पर मैं चुनावी मैदान में आया. 

राजनीति में आना मेरा उद्देश्य नहीं थाः रविंद्र भाटी

एनडीटीवी की सीनियर जर्नलिस्ट वसुधा ने रविंद्र भाटी से पूछा कि राजनीति में आने से पहले आपने जो काम किया, उसका क्या योगदान रहा. इस सवाल पर रविंद्र भाटी ने कहा कि राजनीति में आना मेरा उद्देश्य नहीं था. मैं छात्र राजनीति में भी था तो मेरा उद्देश्य लोगों के बीच रहकर उनकी समस्याओं का निदान करना मेरा उद्देश्य था. जब भी कोई छात्र राजनीति में आता है उसका छात्रसंघ अध्यक्ष बनना उद्देश्य था. 2019 में मुझे यह चुनाव लड़ने का मौका मिला. छात्र संघ में चुनाव मैंने निर्दलीय जीता. फिर कोरोना के कारण मुझे दो साल और मिला. कोरोना की आपदा को हमने अवसर में बदला. 

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जितना ज्यादा कम्पटीशन होगा उतने अच्छे नेता निकलेंगेः भाटी

राजनीति में क्षेत्रीय दल और निर्दलीय की भूमिका से जुड़े सवाल पर रविंद्र भाटी ने कहा कि जितना ज्यादा कम्पटीशन होगा, उसने अच्छे नेता निकलेंगे. उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय दलों में कई युवा नेताओं को मौका नहीं मिलता है. उनके बाल सफेद हो जाते हैं. इसके बाद भी उन्हें चुनावी मैदान में उतरने का मौका नहीं मिलता, राजनीति में गॉडफादर नहीं हो तो मौके बहुत कम मिलते हैं.  

स्वामी विवेकानंद को फॉलो करते हैं रविंद्र भाटी

रविंद्र भाटी को क्या-क्या पसंद है... इस सवाल पर रविंद्र भाटी ने कहा कि मुझे युवा पसंद है. रविंद्र भाटी किसे पढ़ते हैं, किसे फॉलो करते हैं. इस सवाल पर शिव विधायक ने कहा कि मैं स्वामी विवेकानंद को फॉलो करता हूं. उठो जागो और तब तक मत रुको जब तक की लक्ष्य की प्राप्ति नहीं हो जाए... विवेकानंद की इसी उक्ति पर मैं काम करता हूं. रविंद्र भाटी की अंतिम मंजिल क्या है... इस सवाल पर उन्होंने कहा कि वो इश्वर के हाथ में है. 

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