Rajasthan News: राजस्थान से राज्यसभा चुनाव में भाजपा की ओर से केंद्रीय राज्यमंत्री रवनीत सिंह बिट्टू (Ravneet Singh Bittu) ने नामांकन दाखिल कर दिया है. कांग्रेस की तरफ से कैंडिडेट नहीं उतारने की वजह से चुनाव महज औपचारिकता है. इस चुनाव से रवनीत सिंह बिट्टू के रूप में राजस्थान में बाहर से आने वाले राज्यसभा सांसदों की सूची में एक और नाम जुड़ गया है.
कांग्रेस ने क्यों नहीं उतारा अपना उम्मीदवार?
इस चुनाव में रवनीत सिंह बिट्टू को जीतने के लिए 99 विधायकों के मतों की आवश्यकता है. इसलिए भाजपा 114 विधायकों के साथ बहुत मजबूत स्थिति में थी. कांग्रेस के पास केवल 66 विधायक थे. यही वजह रही कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने चुनावी मैदान में उम्मीदवार उतारने से इनकार कर दिया था.
वोटिंग और काउंटिंग के लिए विशेष फॉर्मूला
राज्यसभा चुनाव की प्रक्रिया लोकसभा चुनाव से बहुत अलग होती है. इस प्रक्रिया के तहत वोटिंग और काउंटिंग के लिए एक विशेष फॉर्मूले का उपयोग किया जाता है. राज्यसभा चुनावों में राज्यों में जितने सीट खाली होती है, उसमें एक जोड़कर जितने विधानसभा सीटें होती है, उसका भाग दिया जाता है. जो परिणाम आता है उसने फिर से एक जोड़ा जाता है. यही संख्या जीत के लिए जरूरी वोट है.
उदाहरण से समझिए कितने वोट जरूरी
उदाहरण के तौर पर, राजस्थान में राज्यसभा की एक सीट पर चुनाव हो रहा है. इसमें एक और जोड़ने पर संख्या दो आयगी. राजस्थान में 200 विधानसभा सीटे हैं, लेकिन वर्तमान में 6 सीट खाली हैं. इस लिहाज से 194 में 2 का भाग देने पर परिणाम 97 आएगा. इसमें एक और जोड़ने पर यह संख्या 98 हो जाएगी. इसलिए अगर इस बार कांग्रेस चुनाव लड़ती तो रवनीत सिंह बिट्टू को जीतने के लिए 98 मतों की आवश्यकता होती. भाजपा के पास फिलहाल 114 विधायक हैं. इस लिहाज से जीतने में किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होती.
राजस्थान में बराबर हो जाएगा पलड़ा
राजस्थान में राज्यसभा की 10 सीटों में से 5 सीट कांग्रेस के पास और 4 सीट भाजपा के पास है. खाली हुई एक सीट पर चुनाव हो रहा है, जिस पर भाजपा के उम्मीदवार जीत गए हैं. इस लिहाज से राजस्थान में राज्य सभा में दोनों ही पार्टियों का पलड़ा बराबर हो जाएगा. जून 2026 में राजस्थान में राज्यसभा की दो सीटें खाली होंगी.
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