फर्जी NOC मामले में जयपुर के मणिपाल हॉस्पिटल का रजिस्ट्रेशन रद्द, अब हॉस्पिटल में नहीं होंगे ऑर्गन ट्रांसप्लांट

जयपुर के मणिपाल हॉस्पिटल में भी मानव अंग प्रत्यारोपण के लिए एनओसी प्राप्त करने में इस कार्मिक की भूमिका सामने आई है. ऐसे में इसके रजिस्ट्रेशन को रद्द कर दिया गया है.

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Organ Transplant Case in Jaipur: कुछ दिनों पहले राजस्थान की राजधानी जयपुर के फेमस हॉस्पिटलों से ऑर्गन ट्रांसप्लांट में फर्जीवाड़े की खबर सामने आई थी. मामला सामने आने के बाद जांच शुरू हुई तो एक के बाद एक खुलासे हो रहे हैं और उन खुलासों के आधार पर कार्रवाई भी हो रही है. इसी कड़ी में अब जयपुर के मणिपाल हॉस्पिटल का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया गया है. दरअसल मानव अंग प्रत्यारोपण के लिए फर्जी एनओसी के मामले में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिवशुभ्रा सिंह के निर्देशन में लगातार कार्रवाई जारी है.
 

बुधवार को मानव अंग एवं ऊत्तक प्रत्यारोपण की प्राधिकृत अधिकारी ने प्रकरण में संदिग्ध भूमिका के दृष्टिगत मणिपाल हॉस्पिटल, जयपुर को जारी पंजीकरण एवं नवीनीकरण प्रमाण-पत्र (फॉर्म-16 व 17) को निलंबित कर दिया.

मामले की जांच के लिए प्राधिकृत अधिकारी डॉ. रश्मि गुप्ता ने बताया कि मणिपाल हॉस्पिटल को मानव अंगों के प्रत्यारोपण के लिए ट्रांसप्लांट ऑफ ह्यूमन ऑर्गन एक्ट के तहत पंजीकरण एवं नवीनीकरण प्रमाण-पत्र जारी किए गए थे. विगत दिनों मानव अंग प्रत्यारोपण के लिए फर्जी एनओसी जारी होने का प्रकरण सामने आने के बाद इस मामले में फोर्टिस हॉस्पिटल से कार्मिक गिर्राज शर्मा को गिरफ्तार किया गया था. यह कार्मिक पूर्व में मणिपाल हॉस्पिटल में भी कार्यरत था.

मणिपाल हॉस्पिटल में भी मानव अंग प्रत्यारोपण के लिए एनओसी प्राप्त करने में इस कार्मिक की भूमिका सामने आई है. मणिपाल हॉस्पिटल द्वारा प्राप्त एनओसी भी संदेह के दायरे में है और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो एवं पुलिस द्वारा इस प्रकरण में जांच कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। इसे देखते हुए बुधवार को मणिपाल हॉस्पिटल का मानव अंग प्रत्यारोपण के लिए पंजीकरण एवं नवीनीकरण प्रमाण-पत्र निलंबित कर दिया गया है.

उल्लेखनीय है कि फर्जी एनओसी प्रकरण में इससे पूर्व जयपुर के फोर्टिस अस्पताल एवं ईएचसीसी अस्पताल का पंजीकरण एवं नवीनीकरण प्रमाण-पत्र निलंबित कर दिया गया था.

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