Organ Transplant NOC Case: राजस्थान में मानव अंग ट्रांसप्लांट के फर्जी एनओसी का रैकेट चल रहा था. जिसपर हाल ही में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने बड़ी कार्रवाई की थी. जिसमें सरकारी अस्पताल के अधिकारी समेत निजी अस्पताल के कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है. वहीं, राजस्थान के 12 अन्य अस्पताल भी रडार पर हैं. वहीं, अब राज्य सरकार ने एक्शन लेते हुए मानव अंग प्रत्यारोपण की फर्जी एनओसी मामले एवं निजी अस्पताल में अंग प्रत्यारोपण प्रकरण के संबंध में जांच के आदेश दिये हैं.
सरकार के आदेश के मुताबिक, जांच के लिए चिकित्सा शिक्षा आयुक्त की अध्यक्षता में 5 सदस्सीय उच्च स्तरीय कमेट गठित की गई है. वहीं, आदेश में इस समिति को 15 दिनों में जांच की रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है.
समिति कैसे करेगी जांच
अतिरिक्त मुख्य सचिव, चिकित्सा शिक्षा, शुभ्रा सिंह ने बताया कि चिकित्सा शिक्षा आयुक्त की अध्यक्षता में गठित इस उच्च स्तरीय कमेटी में रजिस्ट्रार राजस्थान मेडिकल कॉउंसिल, मानव अंग एवं उत्तक प्रत्यारोपण के प्राधिकृत अधिकारी, वरिष्ठ विधि परामर्शी तथा शासन उप सचिव चिकित्सा शिक्षा को सदस्य एवं नोडल अधिकारी-एनओटीपी को सदस्य सचिव के रूप में नामित किया गया है. यह समिति अंग प्रत्यारोण की फर्जी एनओसी प्रकरण, निर्धारित प्रावधानों के तहत मानव अंग प्रत्यारोपण के लिए पंजीकृत सभी निजी अस्पतालों के संबंध में निदेशक जनस्वास्थ्य द्वारा गठित निरीक्षण दलों के माध्यम से प्राप्त सत्यापित रिकॉर्ड की विस्तृत जांच करेगी.
इसके साथ ही राज्य स्तरीय अधिप्रमाणन समिति की कार्य प्रणाली का परीक्षण कर लाइव ट्रांसप्लांट की मॉनिटरिंग के लिए एसओपी तैयार करने एवं एनओसी प्रक्रिया का विस्तृत अध्ययन कर आवश्यक सुझाव भी प्रस्तुत करेगी.
उल्लेखनीय है कि अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य शुभ्रा सिंह ने स्व प्रसंज्ञान लेते हुए मानव अंग प्रत्यारोपण की फर्जी एनओसी एवं निजी अस्पताल में अंग प्रत्यारोपण प्रकरण के संबंध में जांच के लिए उच्च स्तरीय कमेटी गठित कर 15 दिवस में रिपोर्ट सौपने के निर्देश दिए थे.
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