ब्राउन राइस में जहर का खतरा, जानें क्यों और क्या करें सावधानी

नई शोध में सामने आया है कि सेहतमंद माने जाने वाले ब्राउन राइस में आर्सेनिक नामक जहरीला तत्व सफेद चावल से ज्यादा होता है जो दिमाग और दिल के लिए हानिकारक हो सकता है. बच्चों के लिए यह और भी खतरनाक हो सकता है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
ब्राउन राइस.

Health News: आजकल लोग सेहत के लिए ब्राउन राइस खाना पसंद करते हैं. लेकिन नई शोध चौंकाने वाली बात सामने लाई है. ब्राउन राइस में आर्सेनिक नाम का जहरीला तत्व ज्यादा पाया जाता है. यह तत्व हमारे दिमाग और दिल को नुकसान पहुंचा सकता है. वाइली ऑनलाइन लाइब्रेरी में छपी एक रिसर्च के मुताबिक ब्राउन राइस में सफेद चावल के मुकाबले 24% ज्यादा आर्सेनिक होता है. इतना ही नहीं इसमें 40% ज्यादा इन-ऑर्गेनिक आर्सेनिक भी है जो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है.  

बच्चों के लिए ज्यादा खतरा

यह शोध बताती है कि पांच साल से छोटे बच्चों को ब्राउन राइस से ज्यादा नुकसान हो सकता है. बच्चे अपने वजन के हिसाब से बड़ों से ज्यादा खाना खाते हैं. इस वजह से उनके शरीर में आर्सेनिक की मात्रा बढ़ सकती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार बचपन में आर्सेनिक के संपर्क में आने से दिमागी विकास रुक सकता है. साथ ही यह बच्चों में मृत्यु दर को भी बढ़ा सकता है.  

Advertisement

आर्सेनिक ज्यादा क्यों

आप सोच रहे होंगे कि ब्राउन राइस में आर्सेनिक इतना ज्यादा क्यों है. दरअसल यह जहरीला तत्व चावल की बाहरी परत में जमा होता है. ब्राउन राइस में यह परत हटाई नहीं जाती जिससे आर्सेनिक बना रहता है. वहीं सफेद चावल को प्रोसेसिंग के दौरान पॉलिश कर इस परत को हटा दिया जाता है. यानी ब्राउन राइस में फाइबर और पोषण के साथ-साथ जहर भी मौजूद रहता है.  

Advertisement

जानें क्या सावधानी बरतें

विशेषज्ञों का कहना है कि ब्राउन राइस से पूरी तरह दूरी बनाने की जरूरत नहीं है. लेकिन इसे खाने में सावधानी जरूरी है. चावल को अच्छे से धोएं और ज्यादा पानी में पकाएं. इससे आर्सेनिक की मात्रा कम हो सकती है. खासकर बच्चों के लिए चावल पकाते समय इस बात का ध्यान रखें. साथ ही खाने में दूसरे अनाज जैसे गेहूं, ज्वार, बाजरा को भी शामिल करें ताकि एक ही चीज पर निर्भरता न रहे.  

Advertisement

सेहत के साथ समझदारी

ब्राउन राइस को सेहतमंद समझकर बिना सोचे खाना अब ठीक नहीं. सही जानकारी और सावधानी के साथ इसका सेवन करें. इससे आप न सिर्फ पोषण पाएंगे बल्कि जहर के खतरे से भी बचे रहेंगे.

यह भी पढ़ें- दौसा: ढाई करोड़ रुपए की लागत से बनेगा संस्कृत महाविद्यालय, मंत्री दिलावर ने किया भूमि पूजन; 3500 नई भर्ती की भी घोषणा