Rajasthan News: राजस्थान के सांचौर जिले में दो तहसीलदारों की अंदरूनी लड़ाई का मामला सामने आया है. जहां तहसीलदार पद से कलक्ट्रेट में स्थानान्तरण के बाद भी कार्यमुक्त तहसीलदार रायमलराम चौधरी नियमों को ताक में रखकर तहसील के पंजीयन दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करते रहे. वहीं तहसीलदार पद पर कार्यभार ग्रहण करने वाले देशलाराम द्वारा भी पंजीयन के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए गए. ऐसे में एक ही दिन में दो अलग-अलग तहसीलदारों के हस्ताक्षर से पंजीयन में होने वाले कार्यों में बाधा आ रही है. साथ ही इस घटना के बाद भी विभाग के उच्च अधिकारियों की उदासीनता सामने आ रही है.
दो अधिकारी कर रहे कागजों पर साइन
जानकारी के अनुसार, सांचौर तहसीलदार पद से स्थानान्तरित हुए रायमलराम चौधरी 4 नवंबर को रिलीव हो गए. उनकी जगह 4 नवबर को ही देशलाराम ने कार्यभार संभाल लिया. ऐसे में 5 नवंबर को पंजीयन विभाग से हुई रजिस्ट्री के दस्तावेजों में दो अलग-अलग तहसीलदारों के हस्ताक्षर किए हुए मिले. जिसमें रिलीव हो चुके तहसीलदार और कार्यभार ग्रहण करने वाले दोनों अधिकारी के साइन थे. इस मामले में सबसे चौकने वाली बात यह है कि पंजीयन जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों पर दो अधिकारी हस्ताक्षर करते रहे, लेकिन इस मामले को जिला कलक्टर और अधिकारी गंभीरता से नहीं ले रहे हैं.
2 तहसीलदारों के बीच हुआ विवाद
सांचौर तहसील कार्यालय में एक साल से ज्यादा वक्त से कार्यरत तहसीलदार रायमलराम चौधरी का राज्य सरकार द्वारा जिला कलक्ट्रेट कार्यालय में स्थानान्तरण कर दिया गया. इसके बाद उनकी जगह रिक्त पद पर देशलाराम की नियुक्ति की गई. राज्य सरकार के आदेश पर 4 नवबर को देशलाराम ने कार्यभार ग्रहण किया.
कलेक्टर मामले को कर रहे अनदेखा
वहीं रायमलराम कार्यमुक्त हो गए. ऐसे में तहसील से संबधित समस्त कार्यो और पंजीयन विभाग का कार्य तहसीलदार के अधिकार क्षेत्र में आता है. किन्तु कार्यमुक्त होने के बाद भी उपपंजीयक अधिकारी के रूप मे रायमलराम अपना अधिकार जता रहे है. पूरे मामले को लेकर जब हमने जिला कलेक्टर शक्तिसिंह ने बताया कि ऐसा कोई मामला नहीं है. तहसीलदार रायमलराम चौधरी कार्यमुक्त हो चुके हैं. अब नये तहसीलदार ही सभी कामकाज देखेंगे.
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