30 रुपए की सिरप 156 में, 37 रुपए का प्रोटीन 400 में... आमजन को लूट रहे दवा कारोबारी, छापेमारी में खुला राज

मेडिकल एजेंसियों की इस लूट में चिकित्सक और मेडिकल स्टोर सबका कमीशन तय होता है. दवाइयों के नाम पर की जा रही लूट अकेले सवाई माधोपुर में ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में हो रही है.  

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37 रुपए का प्रोटीन का डिब्बा 400 में और 30 रुपए की सिरप 156 में बेच रहे बाजार में

Food Safety Team Action News: राजस्थान के सवाईमाधोपुर जिले में गुरुवार (10 अक्टूबर) को खाद्य सुरक्षा टीम ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया. त्योहारी सीजन के मद्देनजर राज्य सरकार के आदेश पर कलेक्टर शुभम चौधरी और सीएमएचओ डॉक्टर धर्मसिंह मीणा के निर्देशन में खाद्य सुरक्षा टीम ने जिले में 'शुद्ध के लिए युद्ध' अभियान चलाया. इस अभियान के तहत खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने खाद्य निरीक्षक विरेन्द्र सिंह के नेतृत्व में बजरिया एमपी कॉलोनी स्थित जे.के. मेडिकल एजेंसी पर कार्रवाई की.

इस कार्रवाई में सामने आया कि मेडिकल स्टोर मालिक लोकल ब्रांड का 37 रुपए का प्रोटीन का डिब्बा 400 और 30 रुपए की सिरप आमजन को 156 रुपए में बेचकर चूना लगा रहे थे. 

कीमत से दोगुनी रेट पर बेच रहे सामान  

खाद्य सुरक्षा टीम ने मेडिकल से दो डिब्बे प्रोटीन और खाना हजम करने की 40 सिरप जब्त की और उनके नमूने लिए, जिसमें मेडिकल मालिकों द्वारा की जा रही लूट का खुलासा हुआ. टीम ने मेडिकल की दुकान से जो प्रोटीन का डिब्बा जब्त किया उसकी ओरिजनल कीमत 37 रुपए है, जबकि बाजार में मेडिकल की दुकानों पर यह 4 सौ रुपए प्रिंट रेट पर ग्राहकों को बेचा जा रहा है. इसी तरह टीम द्वारा जब्त सिरप की ओरिजनल कीमत 30 रुपए है, जबकि बाजार में 156 रुपए में बेची जा रही है.

प्रोटीन और सिरप  के लिए सेंपल

खाद्य निरीक्षक विरेंद्र सिंह ने बताया कि टीम ने  जे.के. मेडिकल एजेंसी पर छापेमार कार्रवाई की, जिसमें प्रोटीन और सिरप जब्त कर सेंपल लिए गए. इस कार्रवाई में सामने आया की मेडिकल स्टोर के मालिक लोगों को लूट रहे हैं. मेडिकल की दुकान पर सामान को कीमत से बहुत अधिक रेट पर बेचा जा रहा था. टीम ने पाया कि प्रोटीन के डिब्बे और सिरप को प्रिंट रेट पर बाजार में बेचा जा रहा है, जबकि उनकी ओरिजनल कीमत बहुत कम है.

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मेडिकल स्टोर पर कार्रवाई करते हुए खाद्य सुरक्षा टीम 

लूट में सभी का कमीशन तय 

खाद्य सुरक्षा टीम की इस कार्रवाई से यह सामने आया कि चिकित्सक मेडिकल स्टोर के साथ मिलकर आमजन की जेब काट रहे है. चिकित्सक लोकल ब्रांड की दवा या प्रोडक्ट लिखते है. इसके बाद दवा की ओरिजनल कीमत से अनजान आमजन मेडिकल से दवा खरीदता है और लूट का शिकार हो जाता है. 

इस लूट में मेडिकल एजेंसी, चिकित्सक और मेडिकल स्टोर सबका कमीशन तय होता है. दवाइयों के नाम पर की जा रही लूट अकेले सवाई माधोपुर में ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में हो रही है.  

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केन्द्र सरकार बना रही जन औषधि केन्द्र

इन दवाओं की लूट से बचने के लिए केन्द्र सरकार ने जन औषधि केन्द्र खोल रखे हैं, जहां ब्रांडेड प्रोडक्ट या दवाईयां बाजार से लगभग 70 से 80 प्रतिशत तक सस्ती दर पर मिलती है. विशेषज्ञ चिकित्सक से परामर्श के बाद ब्रांडेड प्रोटिन सहित विभिन्न प्रोडक्ट और दवाईयां जन औषधि केन्द्र से लेकर मेडिकल माफियाओं की आर्थिक लूट से बचा जा सकता है.

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