Scam in Rajasthan Government Health Scheme: सीएम अशोक गहलोत के गृह नगर जोधपुर से राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (RPSG) में बडा घोटाला सामने आया है. शहर के कई मेडिकल स्टोर संचालकों और दलालों ने मिलकर जो बीमार नहीं थे, उनके नाम से फर्जीवाड़ा कर करोड़ों रुपए उठा लिए. मामले में अब बासनी थाने में मामला दर्ज करवाया गया है. कहा जा रहा है कि यह चेन काफी लंबी है और पुलिस अब तक 40 लोगों को नामजद कर चुकी है. कई वृद्ध महिलाएं तो चलफिर तक नहीं सकती फिर भी उन्हें कैंसर रोगी बताकर राशि उठाई गई है. यह सब घोटाले एम्स चिकित्सालय एवं मेडिपल्स अस्पताल में होना सामने आई है. इन अस्पताल के माध्यम से करोड़ों का भुगतान उठाया गया है. पुलिस ने इस कड़ी की आज ही जांच आरंभ करते हुए जालोरी गेट स्थित एक मेडिकल दुकान पर रेड दी है। जहां पर जांच पड़ताल जारी है.
डॉक्टर ने बासनी थाने में दर्ज कराई प्राथमिकी
संयुक्त परियोजना निदेशक स्वास्थ्य योजना आरजीएचएस के डॉक्टर अभिषेक सिंह किलक की तरफ से बासनी थाने में बड़ी धोखाधड़ी की रिपोर्ट दी गई है. इनके अनुसार जोधपुर आरजीएचएस के तहत बड़ा घोटाला हुआ है. जो महिला उठने फिरने में सक्षम नहीं है उसे भी कैंसर रोगी बताकर भुगतान उठा लिया गया है.
फर्जी गंभीर मरीज बताकर की करोड़ों की घपेलबाजी
रिपोर्ट के अनुसार बासनी औद्योगिक क्षेत्र में आए निजी अस्पताल मेडि पल्स एवं एम्स चिकित्सालय में यह घपला सामने आया है. जालोरीगेट स्थित एक मेडिकल दुकान का संचालन करने वाले उमेश परिहार सहित कई दलालों ने मिलकर करोड़ों का घपला किया है. मेडिकल स्टोर संचालकों ने दलालों के साथ मिलकर कई लोगों जो कि किसी प्रकार की गंभीर बीमारी से पीड़ित नहीं थे, उनके नाम से राशि को उठाया गया है.
चलने-फिरने में असक्षम बुजुर्ग को कैंसररोगी बताकर उठाया पैसा
ऐसे 40 लोगों का अब तक पता लगा है. एक वृद्धा मोहनकंवर जोकि चलने उठने फिरने में अक्षम है उसे भी कैंसर रोगी बताकर रकम को उठाया गया. आरोपियों द्वार कूट रचित दस्तावेजों को तैयार कराया गया और जिन लोगों को बीमारी नहीं है उनके नाम पर करोड़ों का घोटाला किया गया है. मामला सामने आने पर मंगलवार को बासनी थाने में धोखाधड़ी की रिपोर्ट दी गई.
बुधवार को पुलिस ने एक मेडिकल दुकान पर दी दबिश
बासनी पुलिस ने बुधवार को जालोरी गेट स्थित एक मेडिकल दुकान पर रेड दी , जहां पर पड़ताल के साथ अग्रिम जांच चल रही है. ऐसा नहीं है कि यह एक पहला मामला इससे पहले भी दो मामले सामने आए थे जिसमें अभी तक पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं क्योंकि उसमें भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है.
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