टोंक जिला मुख्यालय के सआदत अस्पताल में अव्यवस्थाओं के कारण मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. अस्पताल में स्टाफ की कमी, उपकरणों की खराबी, अव्यवस्था और निःशुल्क दवा योजना में दिक्कत समेत कई समस्याएं हैं, जिनसे मरीजों को इलाज पाने में मुश्किल होती है. इस कारण अस्पताल में आए दिन मरीजों और अस्पतालकर्मियों में नोक-झोंक होती रहती है. लेकिन इसके बाद भी हॉस्पिटल की व्यवस्था में सुधार नहीं हो रहा है.
अस्पताल में नर्सिंग, लेब टेक्नीशियन और वार्ड बॉय के पदों में 74 रिक्तियां हैं. इससे मरीजों को इलाज पाने में देरी होती है और उन्हें अक्सर परेशानी होती है. उदाहरण के लिए, अगर किसी मरीज को इंजेक्शन लगवाना है, तो उसे नर्स के आने के लिए लंबे समय तक इंतजार करना पड़ सकता है. इसी तरह, अगर किसी मरीज की लैब टेस्ट करवाना है, तो उसे भी लैब टेक्नीशियन के आने का इंतजार करना पड़ सकता है.
उपकरणों की खराबी और अव्यवस्था
अस्पताल में उपकरणों की खराबी भी एक बड़ी समस्या है. उदाहरण के लिए, एक्स-रे मशीनें अक्सर खराब रहती हैं, जिससे मरीजों को जयपुर जाना पड़ता है. इससे मरीजों का समय और पैसा दोनों ही बर्बाद होता है. ऐसे में टोंक के मरीजों की एक्स-रे के लिए 80 किलोमीटर चलकर जयुपर की यात्रा करनी पड़ती है.
अस्पताल में अव्यवस्था भी एक बड़ी समस्या है. अस्पताल में अक्सर भीड़भाड़ रहती है और मरीजों को इलाज पाने के लिए लंबी लाइनों में लगना पड़ता है. इसके अलावा, अस्पताल के परिसर में गंदगी भी रहती है, जिससे मरीजों और उनके परिजनों को परेशानी होती है.
निःशुल्क दवा योजना में दिक्कत
निशुल्क दवा योजना में भी मरीजों को अक्सर दवाओं के लिए लंबी लाइनों में इंतजार करना पड़ता है. इसके अलावा, कभी-कभी दवाओं की कमी भी हो जाती है, जिससे मरीजों को दवाएं नहीं मिल पाती हैं.
मरीजों की परेशानी
इन अव्यवस्थाओं के कारण, मरीजों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. उदाहरण के लिए, मरीजों को इलाज पाने में देरी होती है, उन्हें लंबी लाइनों में लगना पड़ता है, उन्हें दवाएं नहीं मिल पाती हैं, और उन्हें अस्पताल के परिसर में गंदगी से परेशानी होती है.
अस्पताल प्रशासन और सरकार की जिम्मेदारी
अस्पताल प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वह इन अव्यवस्थाओं को दूर करे और मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा प्रदान करे. इसके लिए, अस्पताल प्रशासन को स्टाफ की कमी को पूरा करने, उपकरणों की मरम्मत करने और अस्पताल में व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए काम करना चाहिए.
राजस्थान सरकार की भी जिम्मेदारी है कि वह टोंक के अस्पताल में अव्यवस्थाओं को दूर करे और मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा प्रदान करे. इसके लिए, सरकार को अस्पताल के लिए पर्याप्त बजट और संसाधन उपलब्ध कराने चाहिए.
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