चंबल रिवर फ्रंट में 400 से 500 करोड़ का घोटाला, BJP के पूर्व विधायक प्रहलाद गूंजल के लगाए आरोप

Scam in Chambal River Front: कोचिंग सिटी कोटा में गहलोत सरकार ने हाल ही चंबल रिवर फ्रंट का निर्माण कराया है. सरकार का दावा है कि इस रिवर फ्रंट को देखने के लिए देश-दुनिया से लोग जुटेंगे. 1442 करोड़ की लागत से तैयार इस रिवर फ्रंट के निर्माण में भ्रष्टाचार की बात शुरू हो गई है.

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चंबल रिवर फ्रंट में घोटाले का आरोप लगाते बीजेपी के पूर्व विधायक प्रहलाद गूंजन.

Scam in Chambal River Front: कोटा में चंबल नदी के किनारे गहलोत सरकार ने चंबल रिवर फ्रंट का निर्माण कराया है. यह कोटा की खूबसूरती को बढ़ाने वाला है. सरकार का दावा है कि इस रिवर फ्रंट के कारण कोटा की दूसरी पहचान टूरिज्म के रूप में होगी. लेकिन रिवर फ्रंट के उद्घाटन से पहले से ही इसका नाम विवादों में घिर गया है. आरोप है कि रिवर फ्रंट का निर्माण पर्यावरण नियमों को ताक पर रखकर किया गया. साथ ही यह भी बात सामने आ रही है कि रिवर फ्रंट का निर्माण जहां किया गया है, वह घड़ियालों के लिए सुरक्षित क्षेत्र है. इन्हीं विवादों के कारण 12 सितंबर को इसके उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शामिल नहीं हुए थे. पहले इस रिवर फ्रंट का उद्घाटन सीएम के हाथों होना प्रस्तावित था. लेकिन अंतिम समय में सीएम यहां पहुंच सके थे. सीएम के उद्घाटन से दूरी बनाने के बाद इसके निर्माण को लेकर उठ रहे सवालों की फेहरिस्त और बड़ी  हो गई. अब बीजेपी के पूर्व विधायक प्रहलाद गूंजल ने चंबल रिवर फ्रंट के निर्माण में करोड़ों के घोटाले का आरोप लगाया है. 

400 से 500 करोड़ के घोटाले का आरोप
1442 करोड़ की लागत से चंबल नदी पर बने रिवर फ्रंट के निर्माण को लेकर बीजेपी के पूर्व विधायक प्रहलाद गूंजल ने एक बार फिर मोर्चा खोला है. शुक्रवार को पूर्व विधायक ने नगर विकास न्यास द्वारा रिवर फ्रंट निर्माण को लेकर किए गए टेंडर पर सवाल खड़े किए है. गुंजल ने आरोप लगाया कि निर्माण में विभिन्न टेंडर में अनियमितता बरतते हुए 400 से 500 करोड़ रुपए का भ्रष्टाचार किया गया है.

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बीजेपी के पूर्व विधायक प्रहलाद गूंजन ने रिवर फ्रंट को सफेद हाथी करार देते हुए निर्माण की शुरुआत में पहले टेंडर में ही घालमेल होने का आरोप लगाया है. उनका  कहना है कि नियमों को दरकिनार करते हुए नगर विकास न्यास ने कार्यादेश दिए.

टेंडर दर से दोगुनी दर पर सौंपा गया काम
पूर्व विधायक ने इसके साथ ही कई टेंडर में नॉन डीसीआर और टेंडर दर से दोगुणी दर में कार्य करवाने पर सवाल उठाए. निर्माण के बाद रिवर फ्रंट के संचालन के लिए दो बार टेंडर प्रक्रिया की. लेकिन किसी फर्म ने रुचि नहीं दिखाई. तीसरी बार मे यूआईटी ने  182 करोड़ में एक फर्म को यह कार्य सौंपा, जिसमें कर्मचारियों को दिया गया भुगतान भी सवालों के घेरे में है.

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बीजेपी की सरकार बनने पर सीबीआई से कराएंगे जांच
रिवर फ्रंट पर लगाए जाने वाले घण्टी के निर्माण के लिए नियमों को ताक पर रखकर नदी के किनारे फैक्टरी तक लगा दी, जिसकी शिकायत प्रदूषण विभाग के साथ सम्बंधित विभागों में की जाएगी. गूंजल ने कहा कि वह इस मामले की शिकायत ईडी से करेंगे और तीन माह बाद बीजेपी की सरकार बनने पर गौमती रिवर फ्रंट की तर्ज पर चम्बल रिवर फ्रंट की सीबीआई से जांच करवाई जाएगी.

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