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Rajasthan: खाटूश्यामजी रेल लाइन बनाने के विरोध में उतरे ग्रामीण, अश्विनी वैष्णव से प्रोजेक्ट रद्द करने की मांग

Rajasthan News: केंद्र और राज्य सरकार खाटू श्याम जी तक रेलवे लाइन बिछाना चाहती है. जिसके ग्रामीण विरोध कर रहे है. .

Rajasthan: खाटूश्यामजी रेल लाइन बनाने के विरोध में उतरे ग्रामीण, अश्विनी वैष्णव से प्रोजेक्ट रद्द करने की मांग
रींगस से खाटूश्याम जी रेल लाइन का विरोध

khatushyamji News: एक तरफ राज्य और केंद्र सरकार खाटू श्याम जी को विश्व पर्यटन मानचित्र पर लाना चाहती है, जिसके लिए वो लगातार प्रयास कर रही है. इसी के चलते वो रींगस से खाटूश्याम जी तक रेलवे लाइन बिछाना चाहती है, जिसमें कॉरिडोर रिंग रोड, कथा पंडाल, म्यूजियम, पार्क समेत श्रद्धालुओं को विश्वस्तरीय सुविधाएं देने की सोच रही है, लेकिन इसके उलट यहां रहने वाले ग्रामीण इसका विरोध कर रहे हैं.

रेल मंत्री से रेलवे लाइन के प्रस्ताव पर पुनर्विचार की मांग

इसी सिलसिले में रींगस और खाटूश्यामजी के आसपास के ग्रामीण चाहते हैं कि सरकार रींगस से खाटूश्यामजी रेल लाइन पर पुनर्विचार करे और इस परियोजना को रद्द करे. इस रेल परियोजना के विरोध में आज (शुक्रवार) आसपास के ग्रामीण इलाकों के ग्रामीण और खाटू शहर के कई लोग एकत्रित हुए और एक बैठक की, जिसमें सर्वसम्मति से प्रस्ताव रखा गया कि सरकार इस रेल परियोजना पर पुनर्विचार करे. इसके लिए सरकार में सीकर जिले के एकमात्र यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा के नाम एक ज्ञापन भी दिया गया. साथ ही रेल मंत्री को भी पत्र लिखकर इस परियोजना पर पुनर्विचार की मांग की गई.

बैठक में ये लोग रहे मौजूद

इस बैठक में पूर्व सरपंच प्रतिनिधि पवन पुजारी, भाजपा किसान मोर्चा अध्यक्ष मोहन मावलिया, श्याम सिंह पूनिया, कामरेड भागचंद लामिया, सुरेश हरनाथका, खाटू व्यापार मंडल अध्यक्ष सोनू जोशी, गिरिराज माटोलिया, अशोक शर्मा, मंदिर समिति के पदाधिकारी व आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में ग्रामीण जुटे. उन्होंने कहा कि अगर सरकार इस परियोजना पर पुनर्विचार नहीं करती है तो बड़ा आंदोलन भी किया जा सकता है.

कहा फंसा पेंच

 बता दें कि इस प्रस्तावित रेलवे लाइन को लेकर इलाके के ग्रामीण और किसान काफी चिंतित हैं. उनका कहना है कि रेलवे लाइन के कारण उनकी जमीनें अधिग्रहित हो जाएंगी, जिससे उनकी खेती प्रभावित होगी. साथ ही किसानों का कहना है कि रेलवे लाइन उनके खेतों से होकर गुजरेगी, जिससे उनकी खेती, सिंचाई के साधन और गांव को जोड़ने वाली सड़कें प्रभावित होंगी.

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