सीकर में कांग्रेस के 9 जिला परिषद सदस्यों ने दिया इस्तीफा, जिला प्रमुख पर लगाया भेदभाव का आरोप 

सीकर जिले में कांग्रेस के 9 जिला परिषद सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया. साथ ही जिला प्रमुख गायत्री कंवर पर आरोप लगाया है कि उन्होंने उनके इलाकों में  बिजली, पानी, सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़ा कोई भी विकास कार्य नहीं करवाया है.  

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Rajasthan News: सीकर जिला परिषद की साधारण सभा की बैठक आज जिला परिषद सभागार में जिला प्रमुख गायत्री कमल की अध्यक्षता में शुरू हुई. बैठक शुरू होने के साथ ही विपक्ष से कांग्रेस के सदस्यों ने उनके इलाके में बिजली, पानी, सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य सहित आमजन से जुड़े विकास कार्य नहीं करवाने के आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया.

जिला परिषद में विपक्षी कांग्रेस सदस्य जयंत निठारवाल ने बजट को लेकर पक्ष और विपक्ष में भेदभाव करने के आरोप भी लगाए. वहीं वार्ड नंबर 29 की कांग्रेस की जिला परिषद सदस्या उर्मिला घायल ने सदन को संबोधित करते हुए कहा कि उनके क्षेत्र में पेयजल की बड़ी समस्या है, लेकिन पिछले साढ़े तीन साल उनके क्षेत्र में एक भी ट्यूबवेल नहीं लगाया गया. साथ ही उन्होंने कहा कि इलाके की महिलाएं करीब 3 किलोमीटर दूर से सिर पर मटका रखकर पानी लाती हैं. 

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जब तक मांगे पूरी नहीं होगी करेगे सदन का बहिष्कार

बैठक में कांग्रेस के सदस्यों ने जनहित के मुद्दों की सदन में सुनवाई नहीं होने का आरोप लगाया और जिला प्रमुख गायत्री कंवर को सामूहिक इस्तीफा सौंप दिया. वहीं जिला प्रमुख गायत्री कंवर ने जिला परिषद में बजट नहीं आने का हवाला दिया. विपक्षी कांग्रेस सदस्यों ने सामूहिक इस्तीफा सौंपते हुए सदन की कार्यवाही का बहिष्कार कर दिया.

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विपक्ष ने सामूहिक इस्तीफे देते हुए कहा कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होगी, जब तक वह जिला परिषद की बैठक का बहिष्कार करेंगे. विपक्ष का कहना है कि 3 साल 6 महीने में हमारे इलाकों में अब तक कोई विकास कार्य नहीं हुआ है. कागजों में खाना पूर्ति की जा रही है. 

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मुद्दे की जांच के लिए नहीं आते अधिकारी 

जिला परिषद सदस्य जयंत चौधरी ने बताया कि हम सभी पिछले साढ़े तीन साल से मीटिंग में मुद्दे उठा रहे हैं. एक भी मुद्दे का समाधान नहीं किया गया. जिला परिषद की हर 6 महीने में एक मीटिंग करवाई जाती है. आगे जयंत चौधरी कि बैठक में जो मुद्दे जिला परिषद सदस्यों की ओर से उठाए जाते हैं, उसका जवाब अगली मीटिंग के दो-तीन दिन पहले अधिकारी लिखित में भेजते हैं. मीटिंग में उठाए गए मुद्दे की जांच करने के लिए अधिकारी भी मौके पर नहीं पहुंचते. हमारी मांग है कि जो भी मुद्दा बैठक में उठाया जाता है, उसकी समय पर जांच हो. 

माहिलाएं 3 किलोमीटेर से लाती है पानी 

जिला परिषद वार्ड नंबर 29 की सदस्य उर्मिला घायल ने कहा कि हम आम जनता के मुद्दों को उठाने के लिए उन्होंने चुनकर सदन में भेजा है. मैने साढ़े तीन साल में कई बार मुद्दा उठाया कि मेरे इलाके में पीने के पानी की समस्या बनी हुई है. इलाके की महिलाएं तीन-तीन किलोमीटर दूर से सिर पर पानी का मटका लेकर आती है. पानी की समस्या को लेकर कई बार सदन में मांग उठाई गई कि हर पंचायत में 10 ट्यूबवेल स्वीकृत किए जाए. पिछले साढ़े तीन साल में मेरे इलाके में एक भी ट्यूबवेल नहीं लगाया गया.

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